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लॉयर्स एसोसिएशन चुनाव: वरिष्ठ उपाध्यक्ष संभालेंगे अध्यक्ष का कार्यभार, पढ़ें पूरी खबर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Thu, 11 Sep 2025 10:40 PM IST
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दिनेश चंद्र वर्मा, राकेश सचान व रमाकांत मिश्रा
- फोटो : अमर उजाला
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लॉयर्स एसोसिएशन चुनाव में अध्यक्ष पद के विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार ने एसडीएम सदर को मामले की सुनवाई कर आदेश पारित करने के लिए पत्र भेजा है। साथ ही मामले में अंतिम आदेश आने तक संस्था के अध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा का दायित्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमाकांत मिश्रा को सौंपा गया है।
लॉयर्स एसोसिएशन की 20 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए 19 अगस्त को डीएवी डिग्री कॉलेज में मतदान हुआ था। एल्डर्स कमेटी ने मतगणना के बाद दिनेश चंद्र वर्मा को अध्यक्ष व राजीव यादव को महामंत्री निर्वाचित घोषित किया था। अध्यक्ष पद पर दिनेश वर्मा को 1295 और राकेश सचान को 1280 मत मिले थे। 48 मत अवैध घोषित हुए थे। 15 मतों से हारे राकेश सचान ने पुनर्मतगणना की मांग की थी लेकिन एल्डर्स कमेटी ने खारिज कर दिया था। बार काउंसिल अध्यक्ष ने उन्हें सुनवाई का क्षेत्राधिकार न होने की बात कहते हुए फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स के कार्यालय में शिकायत करने के लिए कहा था। इसके बाद राकेश सचान ने सोसाइटी रजिस्ट्रार के कार्यालय में शिकायत की जहां से एक सप्ताह में एल्डर्स कमेटी को अपना पक्ष रखने और मतपत्रों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए थे लेकिन एल्डर्स कमेटी ने आदेश मिलने से पहले ही आमसभा के माध्यम से नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को प्रमाणपत्र सौंप दिए। पुरानी कार्यकारिणी ने कार्यभार भी सौंप दिया और मतपत्रों को जला दिया गया। राकेश सचान ने आरोप लगाए थे कि चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से 48 मतों को अवैध घोषित कर दिया। ऐसे लोग जो वैध सदस्य नहीं थे उन्होंने भी चुनाव में मतदान किया।
वहीं, एल्डर्स कमेटी व चुनाव अधिकारी ने कहा था कि 74 प्रत्याशियों में से 54 चुनाव हारे लेकिन 53 में से किसी ने मतगणना या उसके बाद आपत्ति नहीं जताई सिर्फ राकेश सचान ने ही आपत्ति जताई। डिप्टी रजिस्ट्रार पारस नाथ गुप्ता ने अध्यक्ष पद के निर्वाचन पर विवाद की स्थिति को मानते हुए एसडीएम सदर को सुनवाई और मामले के निस्तारण का अधिकार होने के कारण मामला उनके पास भेज दिया।
पांचवीं बार में जीते चुनाव, मिल गया अध्यक्ष का कार्यभार
लॉयर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित रमाकांत मिश्रा पांच बार से वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे थे। हर चुनाव में उनके वोट बढ़ते थे लेकिन जीत हासिल नहीं हो पाते थे। पांचवें प्रयास में जीत हासिल की और जीतने के एक माह के अंदर ही सोसाइटी रजिस्ट्रार के आदेश से उन्हें अध्यक्ष का कार्यभार मिल गया। वह बार एसोसिएशन में मॉडल बायलॉज लागू होने के बाद पहली बार वर्ष 2009 में हुए चुनाव में वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य भी रह चुके हैं।
गलत तरह से किया आदेश, रखेंगे अपना पक्ष
लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा ने कहा कि फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार को एसडीएम को सुनवाई के लिए मामला भेजने का अधिकार तो है लेकिन अध्यक्ष के दायित्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष को देने का आदेश करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह आदेश राकेश सचान के एक रिश्तेदार कैबिनेट मंत्री के दबाव में दिया गया है। राकेश सचान ने 28 अगस्त को हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल कर दी थी। मैंने कैविएट दाखिल की थी और मेरे अधिवक्ता को कॉपी भी मिल गई है। वहां एल्डर्स कमेटी, चुनाव अधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी और उनके अलावा अध्यक्ष पद के सभी प्रत्याशियों को पक्षकार बनाया गया है। आज भी सुनवाई होनी थी लेकिन नहीं हो सकी। हाईकोर्ट व एसडीएम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।
पहली बार सोसाइटी रजिस्ट्रार ने किया ऐसा आदेश
बार और लॉयर्स एसोसिएशन के चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप्र कई बार लगे लेकिन फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार का वरिष्ठ उपाध्यक्ष को अध्यक्ष का कार्यभार सौंपने का आदेश पहली बार आया। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बताया कि इससे पहले बार एसोसिएशन में भी अध्यक्ष पद पर विश्वनाथ कपूर और युधिष्ठिर तलवार के बीच एक वोट की जीत-हार के बाद विवाद एसडीएम कोर्ट में पहुंचा था। विश्वनाथ कपूर अध्यक्ष बने थे लेकिन निर्धारित तिथि के बाद वोटर बनाए जाने की बात सामने आने पर एसडीएम ने वोट निरस्त कर दिया था जिसके कारण विश्वनाथ कपूर को अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था। उन्होंने आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की थी और इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया था और उन्होंने ही पूरा कार्यकाल संभाला।
इसी तरह बार एसोसिएशन में अध्यक्ष रहे मनहरण गोपाल अवस्थी और महामंत्री रहे अविनाश बाजपेई ने दोबारा चुनाव लड़ने का मन बनाया तो उन्हें कार्यकारिणी से इस्तीफा देना पड़ा था। मतपत्र लूटे जाने के बाद दोबारा चुनाव कराना पड़ा था। नई कार्यकारिणी का गठन होने तक रमा गुप्ता ने कार्यवाहक अध्यक्ष और मंजू पांडे ने कार्यवाहक महामंत्री का पद संभाला था।
लॉयर्स एसोसिएशन में भी इंद्रपाल सिंह चौहान के अध्यक्ष और देवेंद्र शर्मा के महामंत्री रहने के दौरान कार्यकारिणी पर आरोप लगे थे। वकीलों की आमसभा बुलाकर अध्यक्ष व महामंत्री को बर्खास्त कर दिया गया था और वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे रवींद्र अवस्थी को अध्यक्ष व संयुक्त मंत्री पुस्तकालय रहे आशीष अवस्थी को महामंत्री का कार्यभार सौंप दिया गया था।

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लॉयर्स एसोसिएशन की 20 सदस्यीय कार्यकारिणी के लिए 19 अगस्त को डीएवी डिग्री कॉलेज में मतदान हुआ था। एल्डर्स कमेटी ने मतगणना के बाद दिनेश चंद्र वर्मा को अध्यक्ष व राजीव यादव को महामंत्री निर्वाचित घोषित किया था। अध्यक्ष पद पर दिनेश वर्मा को 1295 और राकेश सचान को 1280 मत मिले थे। 48 मत अवैध घोषित हुए थे। 15 मतों से हारे राकेश सचान ने पुनर्मतगणना की मांग की थी लेकिन एल्डर्स कमेटी ने खारिज कर दिया था। बार काउंसिल अध्यक्ष ने उन्हें सुनवाई का क्षेत्राधिकार न होने की बात कहते हुए फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स के कार्यालय में शिकायत करने के लिए कहा था। इसके बाद राकेश सचान ने सोसाइटी रजिस्ट्रार के कार्यालय में शिकायत की जहां से एक सप्ताह में एल्डर्स कमेटी को अपना पक्ष रखने और मतपत्रों को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए थे लेकिन एल्डर्स कमेटी ने आदेश मिलने से पहले ही आमसभा के माध्यम से नवनिर्वाचित कार्यकारिणी को प्रमाणपत्र सौंप दिए। पुरानी कार्यकारिणी ने कार्यभार भी सौंप दिया और मतपत्रों को जला दिया गया। राकेश सचान ने आरोप लगाए थे कि चुनाव अधिकारी ने गलत तरीके से 48 मतों को अवैध घोषित कर दिया। ऐसे लोग जो वैध सदस्य नहीं थे उन्होंने भी चुनाव में मतदान किया।
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वहीं, एल्डर्स कमेटी व चुनाव अधिकारी ने कहा था कि 74 प्रत्याशियों में से 54 चुनाव हारे लेकिन 53 में से किसी ने मतगणना या उसके बाद आपत्ति नहीं जताई सिर्फ राकेश सचान ने ही आपत्ति जताई। डिप्टी रजिस्ट्रार पारस नाथ गुप्ता ने अध्यक्ष पद के निर्वाचन पर विवाद की स्थिति को मानते हुए एसडीएम सदर को सुनवाई और मामले के निस्तारण का अधिकार होने के कारण मामला उनके पास भेज दिया।
पांचवीं बार में जीते चुनाव, मिल गया अध्यक्ष का कार्यभार
लॉयर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर निर्वाचित रमाकांत मिश्रा पांच बार से वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे थे। हर चुनाव में उनके वोट बढ़ते थे लेकिन जीत हासिल नहीं हो पाते थे। पांचवें प्रयास में जीत हासिल की और जीतने के एक माह के अंदर ही सोसाइटी रजिस्ट्रार के आदेश से उन्हें अध्यक्ष का कार्यभार मिल गया। वह बार एसोसिएशन में मॉडल बायलॉज लागू होने के बाद पहली बार वर्ष 2009 में हुए चुनाव में वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य भी रह चुके हैं।
गलत तरह से किया आदेश, रखेंगे अपना पक्ष
लॉयर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश चंद्र वर्मा ने कहा कि फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार को एसडीएम को सुनवाई के लिए मामला भेजने का अधिकार तो है लेकिन अध्यक्ष के दायित्व वरिष्ठ उपाध्यक्ष को देने का आदेश करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह आदेश राकेश सचान के एक रिश्तेदार कैबिनेट मंत्री के दबाव में दिया गया है। राकेश सचान ने 28 अगस्त को हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल कर दी थी। मैंने कैविएट दाखिल की थी और मेरे अधिवक्ता को कॉपी भी मिल गई है। वहां एल्डर्स कमेटी, चुनाव अधिकारी, प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी और उनके अलावा अध्यक्ष पद के सभी प्रत्याशियों को पक्षकार बनाया गया है। आज भी सुनवाई होनी थी लेकिन नहीं हो सकी। हाईकोर्ट व एसडीएम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।
पहली बार सोसाइटी रजिस्ट्रार ने किया ऐसा आदेश
बार और लॉयर्स एसोसिएशन के चुनाव में आरोप-प्रत्यारोप्र कई बार लगे लेकिन फर्म्स सोसाइटी एवं चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार का वरिष्ठ उपाध्यक्ष को अध्यक्ष का कार्यभार सौंपने का आदेश पहली बार आया। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बताया कि इससे पहले बार एसोसिएशन में भी अध्यक्ष पद पर विश्वनाथ कपूर और युधिष्ठिर तलवार के बीच एक वोट की जीत-हार के बाद विवाद एसडीएम कोर्ट में पहुंचा था। विश्वनाथ कपूर अध्यक्ष बने थे लेकिन निर्धारित तिथि के बाद वोटर बनाए जाने की बात सामने आने पर एसडीएम ने वोट निरस्त कर दिया था जिसके कारण विश्वनाथ कपूर को अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था। उन्होंने आदेश के खिलाफ कोई अपील नहीं की थी और इस दौरान वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह को कार्यवाहक अध्यक्ष बना दिया गया था और उन्होंने ही पूरा कार्यकाल संभाला।
इसी तरह बार एसोसिएशन में अध्यक्ष रहे मनहरण गोपाल अवस्थी और महामंत्री रहे अविनाश बाजपेई ने दोबारा चुनाव लड़ने का मन बनाया तो उन्हें कार्यकारिणी से इस्तीफा देना पड़ा था। मतपत्र लूटे जाने के बाद दोबारा चुनाव कराना पड़ा था। नई कार्यकारिणी का गठन होने तक रमा गुप्ता ने कार्यवाहक अध्यक्ष और मंजू पांडे ने कार्यवाहक महामंत्री का पद संभाला था।
लॉयर्स एसोसिएशन में भी इंद्रपाल सिंह चौहान के अध्यक्ष और देवेंद्र शर्मा के महामंत्री रहने के दौरान कार्यकारिणी पर आरोप लगे थे। वकीलों की आमसभा बुलाकर अध्यक्ष व महामंत्री को बर्खास्त कर दिया गया था और वरिष्ठ उपाध्यक्ष रहे रवींद्र अवस्थी को अध्यक्ष व संयुक्त मंत्री पुस्तकालय रहे आशीष अवस्थी को महामंत्री का कार्यभार सौंप दिया गया था।