Orai: डिस्चार्ज होने वाले मरीज को ऑपरेशन टेबल पर लिटाया, दो डॉक्टर…तीन नर्स निलंबित, प्राचार्य ने की कार्रवाई
Orai News: उरई के राजकीय मेडिकल कॉलेज में डिस्चार्ज होने वाले मरीज को गलती से ऑपरेशन टेबल पर ले जाने की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के संज्ञान लेने के बाद दो डॉक्टरों और तीन नर्सों को निलंबित कर दिया गया है।

विस्तार
उरई मेडिकल कॉलेज में डिस्चार्ज होने वाले मरीज को चार घंटे तक ऑपरेशन टेबल पर लिटाने की लापरवाही को गुरुवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने संज्ञान में ले लिया। दो सदस्यीय टीम ने जांच की। प्राचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी ने डॉ. सुधांशु शर्मा, डॉ. विशाल व स्टाफ नर्स ऊषा देवी, अमरपाली, स्नेह प्रभा को निलंबित कर दिया है।

माधौगढ़ के डिकौली गांव निवासी ब्रजेश चौधरी (30) को आंतों में सूजन होने पर सोमवार को मेडिकल कॉलेज में वार्ड नंबर सात में भर्ती किया गया था। डॉक्टर ने उसे दो दिन तक भर्ती रहने की सलाह दी थी। बुधवार को उसके डिस्चार्ज की तैयारी थी। इसी दौरान दो वार्डबॉय उसे जांच करवाने की बात कहकर ऑपरेशन थियेटर में ले गए।
शरीर में कई जगहों पर मार्कर से गोले बना दिए
यहां ब्रजेश के ऑपरेशन की तैयारी होने लगी। ब्रजेश ने बताया था कि उसे ऑपरेशन के कपड़े पहना दिए गए और उसके शरीर में कई जगहों पर मार्कर से गोले बना दिए गए। उसने विरोध भी किया, तो स्टॉफ ने चुपचाप लेटे रहने की बात कहकर डांट दिया। वह लघुशंका जाने की बात कहकर किसी तरह ऑपरेशन थियेटर से भागकर वार्ड में पहुंचा।
दो सदस्यीय टीम की थी गठित
वहां मौजूद डॉक्टर से पूछा, तो उन्होंने कहा कि वार्डबॉय से गलती हुई है। दरअसल, एक अन्य व्यक्ति की आंत में गांठ होने पर ऑपरेशन होना था। इसके बदले वार्डबॉय उसे ले आए। युवक ने बताया कि अगर वह समय रहते वहां से नहीं भागता, तो शायद आज उसका ऑपरेशन भी हो गया होता। मामला डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के संज्ञान में आने पर उन्होंने गुरुवार को दो सदस्यीय टीम गठित की थी।
दो डॉक्टर समेत पांच लोग निलंबित
इसमें प्राचार्य डॉ. अरविंद त्रिवेदी और डॉ. पुनीत अवस्थी ने जांच की। इस पर डिप्टी सीएम ने कार्रवाई के आदेश दिए थे। प्राचार्य ने डॉ. सुधांशु शर्मा, डॉ. विशाल व स्टॉफ नर्स ऊषा देवी, अमरपाली, स्नेह प्रभा को निलंबित कर दिया। साथ ही उन्हें प्राचार्य कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है।
मरीज को ओटी में बिना वजह ऑपरेशन के लिए लाने के मामले में जांच के बाद दो डॉक्टर और तीन नर्स को निलंबित करत हुए दफ्तर से संबद्ध किया गया है। जांच में मिला है कि यह सभी अपने कार्य पटल पर सतर्क नहीं थे। इससे यह घटना हुई। -डॉ. अरविंद त्रिवेदी, प्रधानाचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज