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UP: पक्का मकान, कपड़े की दुकान...फेरी लगाने वाले के दो साल में कैसे बदल गए दिन; उन्नाव धर्मांतरण की पूरी कहानी

अमर उजाला नेटवर्क, उन्नाव Published by: शाहरुख खान Updated Tue, 30 Dec 2025 09:50 AM IST
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सार

उन्नाव के हुलासखेड़ा में धर्मांतरण केस में पकड़े गए बीस लोगों में गांव का पंकज राजपूत भी शामिल है। पंकज दो साल पहले तक साइकिल से फेरी लगाकर कपड़े बेचता था। अब ठाठबाट देखने लायक हैं। ग्रामीण ने बताया कि मिशनरी से जुड़कर धर्मांतरण को कमाई का जरिया बनाया। पुलिस का कहना है कि हर बिंदु पर जांच हो रही है। अभी धर्मांतरण के खेल की पुष्टि नहीं हो सकी है।

Pankaj Rajput life completely changed who used to sell goods on a bicycle Two years ago Unnao conversion case
unnao conversion case - फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
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उन्नाव के अचलगंज के हुलासखेड़ा गांव में धर्म परिवर्तन के खेल की अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई है। रविवार को यहां इस खेल का हो हल्ला मचने के बाद 20 लोगों को पकड़ा गया जिनका शांतिभंग में चालान हुआ है लेकिन इन्हीं 20 लोगों के साथ पकड़े गए गांव के पंकज राजपूत के ठाठबाट देखने से ही लगता है कि दाल में काला जरूर है।
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गांव में पंकज राजपूत की छवि सीधे-सादे युवक की है। वह गांव-गांव साइकिल से फेरी लगाकर कपड़े बेचता था लेकिन पिछले दो साल से उसके दिन ऐसे बहुरे कि ठाठबाट देखने लायक हो गए। 
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वह खेत में करीब तीन हजार वर्ग फीट में बड़ा पक्का मकान बनवा रहा है और कस्बे में कपड़े की दुकान भी खोल ली। गांववालों का भी कहना है कि फेरी लगाकर कपड़े बेचने से इतनी कमाई संभव नहीं है कि रहन-सहन इतना आलीशान हो जाए।
 

गांववालों के मुताबिक पंकज राजपूत कब मिशनरी से जुड़ गया, ग्रामीणों को पता ही नहीं चला। पंकज की आमदनी अचानक इतनी बढ़ने से उन्हें शक तो हुआ लेकिन किसी ने बात आगे नहीं बढ़ाई। इसके पीछे पंकज का मृदु स्वभाव भी एक कारण रहा। 
 

गांववालों की मानें तो पंकज खेत में बने घर में बीमार लोगों का इलाज कराने के बहाने प्रार्थना सभाएं कराने लगा। इसमें भीड़ भी जुटने लगी। जब पता चला कि यहां धर्मांतरण का खेल चल रहा तो कुछ लोगों ने हिंदू संगठनों को जानकारी दी।

ग्रामीणों ने बताया कि पंकज के खेत में बन रहे घर में रविवार की शाम गांव के लोगों के साथ आसपास के सैकड़ो लोग एकत्र होते रहे हैं। इनमें अधिकतर वे लोग होते थे, जो किसी शारीरिक बीमारी से पीड़ित होते थे। सभी को प्रार्थना के माध्यम से सही करने का आश्वासन देकर एकत्र किया जाता था। 
 

इस दौरान प्रार्थनासभा में पहले से कुछ ऐसे लोग खड़े रहते थे जो लोगों को यह बताते थे कि यहां आकर वे भी गंभीर बीमारी से निजात पा चुके हैं। यह सुनकर यहां आने वालों का विश्वास और बढ़ जाता था।
 

पंकज की वजह से गांव के भोले-भाले लोग कब अपने धर्म के विरोधी बन गए, किसी को भनक तक नहीं लगी। यही नहीं प्रार्थनासभा के बाद जरूरतमंदों की मदद के नाम पर रुपये और मवेशी भी दिए जाते थे ताकि लोग इन पर और निर्भर हो सकें।
 

बिना अनुमति प्रार्थनासभा पर रोक
पुलिस का कहना है कि हिंदू संगठन से जुड़े कुछ लोगों की शिकायत पर पुलिस मौके पर गई थी। कुछ लोगों को थाने लाया गया लेकिन शिकायत करने वाले लोगों में से किसी ने तहरीर नहीं दी। शांतिभंग की आशंका में कार्रवाई की गई। 

एसओ ब्रजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि हुलासखेड़ा में धर्मांतरण की गतिविधियां होने की अभी पुष्टि नहीं हुई है। सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है। फिलहाल बिना अनुमति प्रार्थना सभा करने पर रोक लगाई गई है। आयोजकों को बता दिया गया है कि वह प्रशासन से अनुमति लेने के बाद ही कोई धार्मिक आयोजन करें।
 

अन्य गांवों में भी चल रहा खेल, प्रशासन अंजान
हुलासखेड़ा गांव में चल रहा धर्मांतरण का खेल तो बानगी मात्र है। स्थिति यह है कि क्षेत्र में मिशनरियों ने जाल बिछा रखा है। उनके बनाए गए एजेंटों के बहकावे में आकर जनता फंसती जा रही है। क्षेत्र के गांव बंथर, रजवाखेड़ा, बदरका, छेरिहा, गड़ारी, जगजीवनपुर, मालमऊ , रिठनई , सातन, बाबूखेड़ा, घोरवाखेड़ा, पड़री, नेवरना गांव में भी धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा है। 

चौंकाने वाली बात यह है कि अचलगंज कस्बे में थाने के ठीक पीछे पिछले चार साल से मिशनरी का सेंटर संचालित है। दो साल पहले बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से इसमें झड़प भी हुई थी, पुलिस ने उल्टे बजरंगदल के कार्यकर्ताओं पर ही कार्रवाई की थी। बाद में राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद मामला रफादफा हुआ था।
 

बीमारी ठीक कराने का दिया था झांसा
हुलासखेड़ा गांव के राजकुमार ने बताया कि उसकी भी तबीयत खराब रहती थी। वह भी कई रविवार प्रार्थनासभा में गया था। वहां एक बोतल में पानी दिया गया था। बताया गया कि उसे पीने से तबीयत सही हो जाएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने ब्लडप्रेशर लो होने की बात बताई। डॉक्टर की दवा से ही आराम मिला।
 

रविवार को लगता है हल्ला लुइया का मेला
हुलासखेड़ा गांव के ही नरपत ने बताया कि सप्ताह के हर रविवार को पंकज के निर्माणाधीन घर के बाहर हल्ला लुइया का मेला लगता है जो अब रुपये कमाने का जरिया बन चुका है। स्थिति यह है कि लोग कमाने के लालच में अपने धर्म से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह एक दिन उन्हीं के लिए नुकसानदायक होगा। हम हिंदू हैं, दूसरे धर्म में जाने का सवाल ही नहीं उठता।

पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
अजगैन के नवाबगंज कस्बे में ईसाई मिशनरी द्वारा संचालित एबीसी इंटर कॉलेज में इसी साल 28, 29 और 30 अप्रैल को भोर तीन बजे से सुबह छह बजे तक तीन दिवसीय प्रार्थना सभा का कार्यक्रम होना था। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को पता चला तो अजगैन कोतवाली में शिकायत कर दी थी।
 

पुलिस जांच कर रही थी, उसी दौरान हिंदू जागरण मंच के प्रांतीय मंत्री विमल द्विवेदी को कानपुर से दो बसों में लोगों को धर्मांतरण के लिए स्कूल लाए जाने का पता चला था। उनकी पहल पर कानपुर पुलिस ने अभियान चलाकर पकड़ा था और रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी।
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