UP: स्मृति द्वार बनवाने को साहब मांग रहे स्वतंत्रता सेनानी होने का सबूत, पीडी बोले- मुझे तो प्रमाण चाहिए होगा
Hardoi News: ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक अशोक कुमार मौर्य से सबूत मांगे जाने पर बात की गई। उनका कहना है कि उच्चाधिकारियों ने इसको लेकर स्पष्टता रखने के निर्देश दिए है। अटल बिहारी वाजपेयी और जयदेव कपूर के नाम से स्मृति द्वार बनवाए जाने पर अधिकारी सहमत हो गए हैं।

विस्तार
हरदोई जिले में इन दिनों विपक्ष और चुनाव आयोग के बीच सबूत को लेकर बहस छिड़ी है। इस सबके बीच सबूत के लिए जिले में भी एक पत्रावली अटकी हुई है। सबूत मांगा जा रहा है कि भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, जयदेव कपूर स्वतंत्रता सेनानी थे या नहीं। इसी तरह तीन और लोगों के भी स्वतंत्रता सेनानी होने का अफसर प्रमाण मांग रहे हैं। पढ़ने और सुनने में यह अटपटा लग सकता है, लेकिन हकीकत यही है।

दरअसल विधान परिषद सदस्य राम गोपाल उर्फ गोपाल अंजान ने अपनी विधायक निधि से पांच स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर स्मृति द्वार बनवाने का प्रस्ताव दिया था। यह प्रस्ताव सात फरवरी 2025 को दिया गया था। प्रस्ताव में स्वतंत्रता सेनानी रणजीत सिंह, सरदार गजराज सिंह उर्फ कुशल सिंह, शिवराज सिंह, जयदेव कपूर और अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से स्मृति द्वार बनवाए जाने हैं।
आरईडी ने नहीं दिया है जवाब
एमएलसी के प्रस्ताव के क्रम में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग को इस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए गए। आगणन बना भी लिया गया और मंजूरी के लिए पत्रावली तैयार भी कर ली गई। इसी बीच ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक ने ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर उक्त लोगों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का प्रमाण मांगा है। 25 जून को भेजे गए पत्र का जवाब फिलहाल अब तक आरईडी ने नहीं दिया है।
पीडी बोले-मुझे तो प्रमाण चाहिए होगा तभी पत्रावली मंजूर होगी
ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक अशोक कुमार मौर्य से सबूत मांगे जाने पर बात की गई। उनका कहना है कि उच्चाधिकारियों ने इसको लेकर स्पष्टता रखने के निर्देश दिए है। अटल बिहारी वाजपेयी और जयदेव कपूर के नाम से स्मृति द्वार बनवाए जाने पर अधिकारी सहमत हो गए हैं। इन दोनों नामों को लेकर कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन बाकी के तीन नामों की स्थिति स्पष्ट हुए बिना कार्य नहीं कराया जा सकता।
राजस्व को पत्र भेजकर जानकारी मांगी
इसका प्रमाण मिलेगा तभी मंजूरी होगी। डीआरडीए के परियोजना निदेशक अशोक कुमार मौर्य ने बताया कि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग ने इस मामले पर कोई जवाब नहीं दिया है। अब इसको लेकर एडीएम वित्त एवं राजस्व को पत्र भेजकर जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग के पास स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की सूची होती है। वही, मिल जाए तो उसी के आधार पर पत्रावली को भी मंजूरी मिल जाएगी।
अफसरों को चाहिए है सबूत...तो लीजिए हम दे रहे
जद्दोजहद के बाद भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और भगत सिंह के साथी रहे जयदेव कपूर को स्वतंत्रता सेनानी मान लिया गया। शिवराज सिंह, गजराज सिंह और रंजीत सिंह (रणजीत सिंह) को लेकर संवाद न्यूज एजेंसी ने ही तीनों के स्वतंत्रता सेनानी होने के प्रमाण पत्र खोज लिए। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शिवराज सिंह बिलग्राम कोतवाली क्षेत्र के महसोनामऊ के रहने वाले थे। वह स्वतंत्रता संग्राम में नौ अप्रैल 1941 से आठ जनवरी 1942 तक जेल में रहे थे।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का प्रमाणपत्र जारी किया था
इसका प्रमाण पत्र भी छह जुलाई 1972 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने जारी किया था। सेनानी गजराज सिंह कछौना के मूल निवासी थे। उनके पौत्र उपेंद्र कुमार सिंह को 14 फरवरी 2002 को कलेक्ट्रेट के तत्कालीन प्रशासनिक अधिकारी ने गजराज सिंह के स्वतंत्रता सेनानी होने का प्रमाण पत्र दिया था। स्वतंत्रता सेनानी रंजीत सिंह मूल रूप से तत्कालीन हरपालपुर कोतवाली क्षेत्र के गौरिया के निवासी थे। 25 मई 1987 को तत्कालीन जिलाधिकारी ने उनके स्वतंत्रता संग्राम सेनानी होने का प्रमाणपत्र जारी किया था। इसमें यह भी उल्लेख है कि रंजीत सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान दो माह का कारावास काटा था।