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UP: कार्डियोलॉजी में खुलेगा प्रदेश का हृदय प्रत्यारोपण सेंटर, यूनिट के लिए प्रस्ताव शासन को भेजेगा प्रबंधन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: हिमांशु अवस्थी
Updated Fri, 09 May 2025 01:50 PM IST
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सार
Kanpur News: निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में औसत 20-25 रोगी प्रतिदिन आते हैं जिन्हें प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। प्रत्यारोपण अभी होता नहीं, इससे उन्हें दवा पर रखा जाता है। हृदय प्रत्यारोपण शुरू होने से इन रोगियों को बहुत राहत मिलेगी।

एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट
- फोटो : amar ujala

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विस्तार
प्रदेश का पहला हृदय प्रत्यारोपण सेंटर एलपीएस कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट, कानपुर में खुलेगा। कार्डियोलॉजी में प्रत्यारोपण के लिए सारे संसाधन उपलब्ध हैं। लाइसेंस मिलने के बाद सेंटर शुरू कर दिया जाएगा। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट प्रबंधन ने इस संबंध में बात की है। प्राचार्य डॉ संजय काला ने कार्डियोलॉजी निदेशक डॉ. राकेश कुमार वर्मा से सेंटर के लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए कहा है।
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डॉ. काला ने बताया कि ब्रेन स्टेम डेथ कमेटी का गठन हो गया है। इससे ब्रेन डेड रोगियों के अंग मिलेंगे। हृदय प्रत्यारोपण करने के लिए जिन संसाधनों की जरूरत होती है, वे उपलब्ध हैं। प्राचार्य डॉ. काला ने बताया कि कार्डियोलॉजी को हाईब्रिड लैब मिल चुकी है। हृदय प्रत्यारोपण में इस लैब की जरूरत पड़ती है। इसके विशेषज्ञ भी इंस्टीट्यूट में उपलब्ध हैं।
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ब्रेन डेड रोगियों के अंगदान के लिए बनाया जाएगा केंद्र
उन्होंने बताया कि निदेशक डॉ.वर्मा से सेंटर शुरू करने में प्रक्रिया के संबंध में बात की है। ब्रेन स्टेम डेथ कमेटी बन गई है। अंग दान होने लगेगा तो गुर्दा रोगियों के साथ हृदय रोगियों को भी आसानी हो जाएगी। उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। अनुमति मिलने के बाद सेंटर की शुरुआत कर दी जाएगी। हैलट में ब्रेन डेड रोगियों के अंगदान के लिए केंद्र बनाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि निदेशक डॉ.वर्मा से सेंटर शुरू करने में प्रक्रिया के संबंध में बात की है। ब्रेन स्टेम डेथ कमेटी बन गई है। अंग दान होने लगेगा तो गुर्दा रोगियों के साथ हृदय रोगियों को भी आसानी हो जाएगी। उन्हें हार्ट ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा। अनुमति मिलने के बाद सेंटर की शुरुआत कर दी जाएगी। हैलट में ब्रेन डेड रोगियों के अंगदान के लिए केंद्र बनाया जाएगा।
लाइसेंस मिलते ही शुरू होगा प्रत्यारोपण का कार्य
कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ. वर्मा ने बताया कि दो दिन में लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया जाएगा। आवेदन महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हृदय प्रत्यारोपण के सारे संसाधन उपलब्ध हैं। लाइसेंस मिलते ही प्रत्यारोपण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
कार्डियोलॉजी के निदेशक डॉ. वर्मा ने बताया कि दो दिन में लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया जाएगा। आवेदन महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय में दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हृदय प्रत्यारोपण के सारे संसाधन उपलब्ध हैं। लाइसेंस मिलते ही प्रत्यारोपण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसमें किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।
निशुल्क किया जाएगा प्रत्यारोपण और इलाज
निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में औसत 20-25 रोगी प्रतिदिन आते हैं जिन्हें प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। प्रत्यारोपण अभी होता नहीं, इससे उन्हें दवा पर रखा जाता है। हृदय प्रत्यारोपण शुरू होने से इन रोगियों को बहुत राहत मिलेगी। इस समय सबसे अधिक गुर्दा और हृदय प्रत्यारोपण सफल रहते हैं। कार्डियोलॉजी में रोगियों को हृदय प्रत्यारोपण और इलाज निशुल्क किया जाएगा।
निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने बताया कि कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट में औसत 20-25 रोगी प्रतिदिन आते हैं जिन्हें प्रत्यारोपण की जरूरत होती है। प्रत्यारोपण अभी होता नहीं, इससे उन्हें दवा पर रखा जाता है। हृदय प्रत्यारोपण शुरू होने से इन रोगियों को बहुत राहत मिलेगी। इस समय सबसे अधिक गुर्दा और हृदय प्रत्यारोपण सफल रहते हैं। कार्डियोलॉजी में रोगियों को हृदय प्रत्यारोपण और इलाज निशुल्क किया जाएगा।