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UP: सूबे का पहला गरीबी मुक्त ग्राम बना जालौन का ये गांव, दिख रही आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर; ग्रामीणों की कहानी

सुधीर राणा, संवाद न्यूज एजेंसी, जालौन Published by: शाहरुख खान Updated Thu, 08 May 2025 03:11 PM IST
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सार

जालौन का ये गांव उत्तर प्रदेश का पहला गरीबी मुक्त ग्राम बन गया है। प्रशासन अब 44 गांवों को गरीबी से मुक्त करने के प्रयास में जुटा है। गांव में आत्मनिर्भर भारत की तस्वीर दिख रही है।

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रगौली गांव में लगी पीवेट सिस्टम मशीन - फोटो : अमर उजाला
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जालौन जिले के डकोर ब्लॉक के रगौली गांव ने अपने नाम एक कीर्तिमान दर्ज करा लिया है। रगौली यूपी का पहला ऐसा गांव है, जो पूरी तरह से गरीबी से मुक्त हो चुका है। यहां की कई पीढ़ियों ने गरीबी से आजाद होने का जो सपना देखा था, अब प्रशासन ने उसे सच कर दिखाया है। 
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अब यहां हर परिवार अच्छी आय के साथ अच्छा जीवन-यापन कर रहा है। रागौली, यूपी का वह पहला गांव है, जिसे मुख्यमंत्री योगी ने 'जीरो पॉवर्टी मिशन' के तहत चुना है। पिछले साल महात्मा गांधी की जयंती पर मुख्यमंत्री ने 'जीरो पॉवर्टी' मिशन को लांच किया था। 
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इस अभियान के तहत 25 लाख गरीब परिवारों को गरीबी के दलदल से निकालने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना के तहत जिले में 12000 से ज्यादा ऐसे परिवारों को चुना गया। इसके तहत रगौली गांव के कुल 705 परिवारों का प्रशासन ने सर्वे कराया। 

इसमें 22 परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे। इस पर डीएम राजेश कुमार पांडेय ने इन परिवारों को इस मिशन से जोड़ने का काम शुरू किया।
सभी को सरकारी योजना के जरिये वित्तीय सहायता मुहैया कराई गई। 

सभी 22 परिवारों के एक-एक सदस्य को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत ट्रेनिंग मुहैया कराई गई। ट्रेनिंग के दौरान परिवार के कुछ सदस्यों को दूसरे राज्यों में रोजगार मुहैया कराया गया। कुछ तो राजस्थान जैसे जिले में 22 हजार रुपये तक का रोजगार कमा रहे हैं। वहीं, मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान के तहत गांव के युवाओं को चार लाख रुपये तक का लोन दिलाया गया।


 

एक युवक ने उस लोन से टैंपो खरीदा और आज वह रोजाना 800 रुपये तक कमा रहा है। कई तरह की ट्रेनिंग की मदद से आज परिवार 20 से 25 हजार रुपये तक कमा रहे हैं। रगौली के अलावा प्रशासन ने 44 ऐसे और गांवों का इस योजना के तहत चयन किया है। अब इन्हें भी पूरी तरह से गरीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य है।

जैसे सपना सच हो गया...
जीरो पॉवर्टी योजना में चयनित लाभार्थी ऊषा देवी ने बताया कि उनके पति महेश की मौत वर्ष 2019 में हो गई थी। जमीन न होने के चलते उनकी हालत दयनीय बनी हुई थी। घर भी कच्चा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। कुछ ही समय में सब कुछ बदल गया। अब उन्हें सब सपने जैसा लग रहा है। प्रशासन की मदद से उनका आवास तो बन ही जाएगा। उनके बेटे को लोन के माध्यम से एक ऑटो मिल गया है। इससे वह प्रतिदिन परिवार के भरण पोषण के लिए रुपये कमा रहा है।

अब बच्चों को भी आसानी से पढ़ाएंगे
योजना में लाभार्थी रजनी ने बताया कि उनके पास एक ही कच्चा कमरा है। पति राहुल मजदूरी करते हैं। इससे आने वाले रुपयों से केवल खाना पीना हो पाता है। दो बच्चे हैं, लेकिन सरकार ने कुछ ही समय में उनके हालात को बदल दिया है। अब उन्हें आवास के अलावा हर एक सुविधा का लाभ मिल रहा है। इससे उन्हें उम्मीद है कि अब बच्चों को वह आसानी से पढ़ाएंगीं। पति को जल्द ही प्रशासन की ओर से अच्छा रोजगार मिलने की बात कही गई है।
 

20 साल में जो नहीं मिला, कुछ ही दिन में मिल गया
योजना में लाभार्थी पार्वती ने बताया कि उनके पति रामजी मजदूरी करते हैं। पांच लड़कियां हैं। सभी की शादी हो चुकी है। जो पैसा था, सब उसी में खर्च हो गया। इससे वह पक्का घर नहीं बनवा पाए। गांव में कुछ दिन पहले सर्वे हुआ तो पक्के मकान के अलावा अन्य रुके काम भी उनके प्रशासन द्वारा करवा दिए गए। अब उनके पास राशन कार्ड से लेकर आयुष्मान कार्ड तक सब कुछ है।

क्या है जीरो पॉवर्टी मिशन
यूपी सरकार की तरफ से जीरो पॉवर्टी मिशन के तहत गरीब परिवारों को भोजन, कपड़े, शिक्षा, मेडिकल सुविधा और आवास जैसी जरूरतों को पूरा किया जाता है। मिशन के तहत हर गांव से निर्धन परिवारों का चुनाव होता है। इन परिवारों को कई जनकल्याणकारी योजनाओं के जरिये फायदा पहुंचाया जाता है। अभियान का मकसद है कि हर परिवार की वार्षिक आय कम से कम 1.25 लाख रुपये तक पहुंच जाए।

जिले की 574 ग्राम पंचायतों में प्रथम चरण में 45 गांवों का चयन किया गया था। इसमें रगौली गांव भी शामिल है। इस गांव के 22 चिह्नित पात्रों को शासन की ओर से सभी सुविधाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। रगौली के बाद अब अन्य गांवों में भी अधिकारी सर्वे के लिए लगे हुए हैं।-राजेश कुमार पांडेय, जिलाधिकारी, जालौन
 
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