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UPSC Result: पूर्व सांसद के प्रपौत्र सुयश ने पहले प्रयास में पाई 468वीं रैंक, बताया सफलता का राज
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 22 Apr 2025 11:28 PM IST
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सार
UPSC Result: सुयश ने पहले प्रयास में 468वीं रैंक हासिल की है। सुयश की सफलता से गांव ढुकुवापुर (कुडनी) में जश्न का माहौल है। वर्तमान में परिवार श्यामनगर में रहता है।

पिता जितेंद्र कुमार व मां सीमा देवी के साथ सुयश कुमार
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
यूपीएससी परीक्षा परिणाम जारी होते ही मंगलवार को भीतरगांव ब्लॉक के छोटे से गांव ढुकुवापुर (कुडनी) में जश्न का माहौल हो गया। गांव निवासी पूर्व सांसद दिवंगत ज्वाला प्रसाद कुरील के प्रपौत्र सुयश कुमार ने परीक्षा में 468वीं रैंक हासिल की है। उन्हें यह सफलता पहले ही प्रयास में मिली है। वर्तमान में उनका परिवार शहर के श्यामनगर में रहता है।
सुयश के पिता जितेंद्र कुमार भारतीय जीवन बीमा निगम कानपुर में मंडल प्रबंधक हैं। मां सीमा देवी घर की जिम्मेदारी संभालती हैं। ढुकुवापुर में उनके परिवार का आना-जाना लगा रहता है। सुयश के बड़े भाई अनुभव राजर्षि ने 2023 में यूपीपीसीएस क्रैक किया था। वर्तमान में वह मुरादाबाद में प्रशिक्षु डिप्टी एसपी हैं। सुयश उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं। कहते हैं कि सफलता के पीछे माता-पिता के साथ बड़े भाई का पूरा हाथ है। सुयश ने आईआईटी बीएचयू से 2023 में बीटेक पास किया हैं। उन्होंने गुरु हरराय अकादमी से 2016 में 94 प्रतिशत अंकों के साथ हाईस्कूल तथा 2018 में 93.5 फीसदी अंकों के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी।
उन्होंने बताया कि परीक्षा में सफलता पाने के लिए रोजाना आठ से दस घंटे पढ़ाई की। विषय को समझने के लिए उनके नोट्स तैयार किए। कुछ ऐसे मौके भी आए, जब उन्हें कुछ टॉपिक्स को समझने में कठिनाई आई। उस मौके पर भाई ने पूरी मदद की। पुराने प्रश्न पत्रों को हल करा तो प्रश्नों के पूछे जाने का तरीका समझ में आया। बोले, परीक्षा में सफल होने के लिए हमें पता होना चाहिए कि क्या पढ़ना और कितना पढ़ना है। कुछ अन्य लोगों ने भी टॉपिक्स को समझने में महत्वपूर्ण मदद की।
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सुयश के पिता जितेंद्र कुमार भारतीय जीवन बीमा निगम कानपुर में मंडल प्रबंधक हैं। मां सीमा देवी घर की जिम्मेदारी संभालती हैं। ढुकुवापुर में उनके परिवार का आना-जाना लगा रहता है। सुयश के बड़े भाई अनुभव राजर्षि ने 2023 में यूपीपीसीएस क्रैक किया था। वर्तमान में वह मुरादाबाद में प्रशिक्षु डिप्टी एसपी हैं। सुयश उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं। कहते हैं कि सफलता के पीछे माता-पिता के साथ बड़े भाई का पूरा हाथ है। सुयश ने आईआईटी बीएचयू से 2023 में बीटेक पास किया हैं। उन्होंने गुरु हरराय अकादमी से 2016 में 94 प्रतिशत अंकों के साथ हाईस्कूल तथा 2018 में 93.5 फीसदी अंकों के साथ इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी।
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उन्होंने बताया कि परीक्षा में सफलता पाने के लिए रोजाना आठ से दस घंटे पढ़ाई की। विषय को समझने के लिए उनके नोट्स तैयार किए। कुछ ऐसे मौके भी आए, जब उन्हें कुछ टॉपिक्स को समझने में कठिनाई आई। उस मौके पर भाई ने पूरी मदद की। पुराने प्रश्न पत्रों को हल करा तो प्रश्नों के पूछे जाने का तरीका समझ में आया। बोले, परीक्षा में सफल होने के लिए हमें पता होना चाहिए कि क्या पढ़ना और कितना पढ़ना है। कुछ अन्य लोगों ने भी टॉपिक्स को समझने में महत्वपूर्ण मदद की।

प्रथम रत्नाकर माता-पिता के साथ
- फोटो : अमर उजाला
नौ घंटे पढ़ाई, फोन-समारोह से दूरी बना प्रथम रत्नाकर ने यूपीएससी में पाई सफलता
मुख्य परीक्षा पास कर साक्षात्कार तक पहुंचे कर्नलगंज निवासी प्रथम रत्नाकर से ज्यूरी के सदस्यों ने पहला सवाल अखंड भारत बनाना चाहिए या नहीं पूछा। आत्मविश्वास से भरे प्रथम ने जवाब में कहा कि अखंड भारत बनना चाहिए, लेकिन विचारों और संस्कृति के आधार पर न कि सीमाओं के विस्तार के आधार पर। विचार और संस्कृति से लोग जुड़ेंगे तो देश अंदर से मजबूत होगा।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उनसे ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियर और स्वेज नहर से जुड़े सवाल पूछे गए। सभी का सही और सटीक जवाब देकर वह साक्षात्कार की कसौटी को पार करने में सफल रहे। रत्नाकर ने यूपीएससी परीक्षा में 872वीं रैंक हासिल की है। उन्हें यह सफलता पहले ही प्रयास में मिली है। इसके लिए उन्होंने रोजाना आठ से नौ घंटे पढ़ाई की। सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाने के साथ उन्होंने शादी समारोह तक में जाना तक बंद कर दिया था। उन्होंने आईआरएस मिलने की उम्मीद जताई है।
प्रथम के पिता सदाशिवम सीओडी में ट्रेडसमैन के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और मां विमल कुमारी गृहणी हैं। बड़े भाई आर्यन सोनकर फर्रुखाबाद में लेखपाल हैं। प्रथम ने बताया कि उनके माता-पिता का सपना है कि बेटा अधिकारी बने। वर्ष 2023 में बड़े भाई आर्यन का चयन यूपीएसएसएससी में हुआ था। उन्हें देखकर प्रेरणा मिली और वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। उन्होंने 2019 में अशोकनगर स्थित एनएलके स्कूल से 90 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल और 2021 में 86 फीसदी अंकों के साथ इंटर पास किया। समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान और इतिहास से स्नातक डीएवी कॉलेज से किया। प्रथम के अनुसार समाजशास्त्र उनका पसंदीदा विषय है। उन्होंने मुख्य परीक्षा में इसे वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी सेल्फ स्टडी की बदौलत की है, जबकि साक्षात्कार की कसौटी को पार करने के लिए उन्होंने स्वरूपनगर स्थित उत्कर्ष कोचिंग मेंं तैयारी की है।
मुख्य परीक्षा पास कर साक्षात्कार तक पहुंचे कर्नलगंज निवासी प्रथम रत्नाकर से ज्यूरी के सदस्यों ने पहला सवाल अखंड भारत बनाना चाहिए या नहीं पूछा। आत्मविश्वास से भरे प्रथम ने जवाब में कहा कि अखंड भारत बनना चाहिए, लेकिन विचारों और संस्कृति के आधार पर न कि सीमाओं के विस्तार के आधार पर। विचार और संस्कृति से लोग जुड़ेंगे तो देश अंदर से मजबूत होगा।
उन्होंने बताया कि इसके बाद उनसे ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियर और स्वेज नहर से जुड़े सवाल पूछे गए। सभी का सही और सटीक जवाब देकर वह साक्षात्कार की कसौटी को पार करने में सफल रहे। रत्नाकर ने यूपीएससी परीक्षा में 872वीं रैंक हासिल की है। उन्हें यह सफलता पहले ही प्रयास में मिली है। इसके लिए उन्होंने रोजाना आठ से नौ घंटे पढ़ाई की। सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाने के साथ उन्होंने शादी समारोह तक में जाना तक बंद कर दिया था। उन्होंने आईआरएस मिलने की उम्मीद जताई है।
प्रथम के पिता सदाशिवम सीओडी में ट्रेडसमैन के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और मां विमल कुमारी गृहणी हैं। बड़े भाई आर्यन सोनकर फर्रुखाबाद में लेखपाल हैं। प्रथम ने बताया कि उनके माता-पिता का सपना है कि बेटा अधिकारी बने। वर्ष 2023 में बड़े भाई आर्यन का चयन यूपीएसएसएससी में हुआ था। उन्हें देखकर प्रेरणा मिली और वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गए। उन्होंने 2019 में अशोकनगर स्थित एनएलके स्कूल से 90 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल और 2021 में 86 फीसदी अंकों के साथ इंटर पास किया। समाजशास्त्र, राजनीति विज्ञान और इतिहास से स्नातक डीएवी कॉलेज से किया। प्रथम के अनुसार समाजशास्त्र उनका पसंदीदा विषय है। उन्होंने मुख्य परीक्षा में इसे वैकल्पिक विषय के रूप में चुना था। प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा की तैयारी सेल्फ स्टडी की बदौलत की है, जबकि साक्षात्कार की कसौटी को पार करने के लिए उन्होंने स्वरूपनगर स्थित उत्कर्ष कोचिंग मेंं तैयारी की है।

मां गीता के साथ सक्षम भाटिया
- फोटो : अमर उजाला
सक्षम ने पाई 83वीं रैंक
यूपीएससी परीक्षा में रामपुर के पटेलनगर सराय गेट स्थित सक्षम भाटिया ने 83वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने स्वरूपनगर स्थित उत्कर्ष कोचिंग से परीक्षा की तैयारी की थी। वर्ष 2021 में ब्रहमानंद डिग्री कॉलेज से विज्ञान वर्ग से स्नातक किया था। उनको तीसरे प्रयास में सफलता मिली है।
शुक्लागंज में रहकर परीक्षा की तैयारी करने वाले सक्षम ने बताया कि पिता सुनील कुमार भाटिया की छोटी सी किराना की दुकान थी। पिता को कैंसर था, उनके इलाज के दौरान परिवार को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा। हालात ये हो गए थे कि आर्थिक वजह से 2006 में दुकान भी बंद करनी पड़ी। पिता की वर्ष 2007 में बीमारी से मौत हो गई। मां गीता ने घर का खर्च चलाने के लिए एक स्कूल में लाइब्रेरियन की नौकरी कर ली। 2016 में 95 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल और 2018 में 98 फीसदी अंकों के साथ इंटर की परीक्षा पास की है। इंटर में उन्हाेंने सिटी में टॉप 5 में जगह बनाई थी। गुमटी नं पांच स्थित ननिहाल में उनके मामा कपिल भाटिया, पुनीत भाटिया रहते हैं। बोले कि मां, बहन साक्षी और मामा जी की वजह से आज से मुकाम हासिल कर पाया हूं।
जब समय मिला, तब पढ़ाई की
सक्षम ने कहा कि सफलता का कोई शाॅर्टकट नहीं होता। तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि इस बार पढ़ने का कोई समय तय नहीं किया था। बस जब भी समय मिला पढ़ाई करने लगे। साक्षात्कार में उनसे पीएचडी विषय से जुड़े सवाल पूछे गए।
यूपीएससी परीक्षा में रामपुर के पटेलनगर सराय गेट स्थित सक्षम भाटिया ने 83वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने स्वरूपनगर स्थित उत्कर्ष कोचिंग से परीक्षा की तैयारी की थी। वर्ष 2021 में ब्रहमानंद डिग्री कॉलेज से विज्ञान वर्ग से स्नातक किया था। उनको तीसरे प्रयास में सफलता मिली है।
शुक्लागंज में रहकर परीक्षा की तैयारी करने वाले सक्षम ने बताया कि पिता सुनील कुमार भाटिया की छोटी सी किराना की दुकान थी। पिता को कैंसर था, उनके इलाज के दौरान परिवार को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ा। हालात ये हो गए थे कि आर्थिक वजह से 2006 में दुकान भी बंद करनी पड़ी। पिता की वर्ष 2007 में बीमारी से मौत हो गई। मां गीता ने घर का खर्च चलाने के लिए एक स्कूल में लाइब्रेरियन की नौकरी कर ली। 2016 में 95 फीसदी अंकों के साथ हाईस्कूल और 2018 में 98 फीसदी अंकों के साथ इंटर की परीक्षा पास की है। इंटर में उन्हाेंने सिटी में टॉप 5 में जगह बनाई थी। गुमटी नं पांच स्थित ननिहाल में उनके मामा कपिल भाटिया, पुनीत भाटिया रहते हैं। बोले कि मां, बहन साक्षी और मामा जी की वजह से आज से मुकाम हासिल कर पाया हूं।
जब समय मिला, तब पढ़ाई की
सक्षम ने कहा कि सफलता का कोई शाॅर्टकट नहीं होता। तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की है। उन्होंने कहा कि इस बार पढ़ने का कोई समय तय नहीं किया था। बस जब भी समय मिला पढ़ाई करने लगे। साक्षात्कार में उनसे पीएचडी विषय से जुड़े सवाल पूछे गए।