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UPSC Result: नविता को मिली 251 रैंक, आईएएस के लिए छोड़ दिया 25 लाख का पैकेज, शादी के बाद शुरू की तैयारी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर
Published by: शिखा पांडेय
Updated Tue, 23 May 2023 08:08 PM IST
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सार
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का परिणाम मंगलवार को जारी कर दिया गया है। नविता सरोहा ने यूपीएससी में 251 रैंक हासिल की है। कृतिका काे 401वीं रैंक मिली है।

नविता सरोहा व कृतिका मिश्रा
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
एक समय ऐसा आता है जब आपके जीवन में पैसे का कोई महत्व नहीं रह जाता। तब आप अपने सपने को पूरा न कर पाने का अफसोस करते हो। मुझे ऐसा अफसोस न हो इसलिए बीटेक के बाद 25 लाख के पैकेज की नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी की। यह कहना है अपने पांचवें प्रयास में यूपीएससी में 251 रैंक हासिल करने वाली नविता सरोहा का। मूल रूप से बागपत की रहने वाली नविता का परिवार दिल्ली में रहता है। नविता ने एचबीटीयू से बीटेक और उत्कर्ष अकादमी से इंटरव्यू की तैयारी की थी।
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नविता ने शादी के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। केमिकल से बीटेक करने के बाद टाटा फर्टिलाइजर और अभी सेल कंपनी में टीम लीडर के तौर पर काम कर रही हैं। नविता कहती हैं कि टीम लीडर बनने से स्किल, लीडरशिप क्वालिटी आती है जो इंटरव्यू में काफी काम आई। 2013 में बीटेक करने के बाद पांच साल नौकरी करने के बाद यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पति योगेश कुमार, पिता रवींद्र सिंह सरोहा, मां सुमन सरोहा व ससुराल के अन्य लोगों का काफी सहयोग मिला।
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यूपीएससी क्रैक करने वाली परिवार की पहली है कृतिका
परिवार के कई सदस्य यूपीएससी की तैयारी में लगे थे, उन्हीं को देखकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। खुशी है कि परिवार की पहली हूं जिसने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। यह कहना है बर्रा 2 निवासी कृतिका मिश्रा का। कृतिका काे 401वीं रैंक मिली है। कृतिका को यह सफलता अपने छठे प्रयास में मिली है। आईएएस बनने के लिए उन्होंने नौ लाख के पैकेज की नौकरी छोड़ दी। 2016 से परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
कृतिका मिश्रा के पिता शरद मिश्रा इंजीनियर और मां नीलम मिश्रा प्राइमरी शिक्षिका हैं। डॉ. वीरेंद्र स्वरूप श्यामनगर से 12वीं पास करने के बाद एनआईटी इलाहाबाद से बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक किया। एक साल बंगलूरू में 9 लाख के पैकेज पर जॉब की। उसके बाद 2016 में नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। घर पर पढ़ाई में व्यवधान होता था तो उन्होंने उत्कर्ष अकादमी के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में सामान्य ज्ञान, इलाहाबाद से जुड़े सवाल किए। साथ ही पूछा कि टाइम ट्रैवलर में जाने का मौका मिले तो कौन से युग में जाना चाहेंगी। तब उन्होंने 1857 की लड़ाई के युग का जिक्र किया।
परिवार के कई सदस्य यूपीएससी की तैयारी में लगे थे, उन्हीं को देखकर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। खुशी है कि परिवार की पहली हूं जिसने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली। यह कहना है बर्रा 2 निवासी कृतिका मिश्रा का। कृतिका काे 401वीं रैंक मिली है। कृतिका को यह सफलता अपने छठे प्रयास में मिली है। आईएएस बनने के लिए उन्होंने नौ लाख के पैकेज की नौकरी छोड़ दी। 2016 से परीक्षा की तैयारी कर रही थी।
कृतिका मिश्रा के पिता शरद मिश्रा इंजीनियर और मां नीलम मिश्रा प्राइमरी शिक्षिका हैं। डॉ. वीरेंद्र स्वरूप श्यामनगर से 12वीं पास करने के बाद एनआईटी इलाहाबाद से बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक किया। एक साल बंगलूरू में 9 लाख के पैकेज पर जॉब की। उसके बाद 2016 में नौकरी छोड़ यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। घर पर पढ़ाई में व्यवधान होता था तो उन्होंने उत्कर्ष अकादमी के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की। उन्होंने बताया कि इंटरव्यू में सामान्य ज्ञान, इलाहाबाद से जुड़े सवाल किए। साथ ही पूछा कि टाइम ट्रैवलर में जाने का मौका मिले तो कौन से युग में जाना चाहेंगी। तब उन्होंने 1857 की लड़ाई के युग का जिक्र किया।
शहर की बेटी कृतिका को मिली 66वीं रैंक
यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 66वीं रैंक और हिंदी माध्यम वर्ग में देश में पहला स्थान लाकर कृतिका मिश्रा ने शहर का नाम रोशन कर दिया। उनको यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। पहले प्रयास में साक्षात्कार में उनके 10 अंक कम रह गए थे।
कृतिका मिश्रा ने 2015 में अपनी लेखन क्षमता से बालश्री पुरस्कार हासिल कर बचपन में ही इरादे जता दिए थे। पीरोड निवासी कृतिका के पिता डॉ. दिवाकर मिश्रा बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज में कामर्स के प्रवक्ता और मां सुषमा मिश्रा एलआईसी में हैं। उनकी बहन मुदिता मिश्रा भी युवा संसद की विजेता रहीं हैं। कृतिका बचपन से ही मेधावी रहीं हैं। बीएनएसडी इंटर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हर कार्यक्रम के संचालन का जिम्मा उन्हीं के कंधों पर रहता था। ढेरों पुरस्कार जीत चुकीं कृतिका ने पीपीएन से स्नातक किया और हिंदी से जेआरएफ में चयन हुआ। कृतिका ने बताया कि बालश्री होने के कारण साक्षात्कार में कई सवाल बालश्री, क्रिएटिव राइटिंग के महत्व, राज्यभाषा की स्थिति, यूपी में महिलाओं की स्थिति पर पूछे गए। आईएएस बनकर वह भी महिलाओं की स्थिति और शिक्षा पर कामकरना चाहती हैं।
यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 66वीं रैंक और हिंदी माध्यम वर्ग में देश में पहला स्थान लाकर कृतिका मिश्रा ने शहर का नाम रोशन कर दिया। उनको यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली है। पहले प्रयास में साक्षात्कार में उनके 10 अंक कम रह गए थे।
कृतिका मिश्रा ने 2015 में अपनी लेखन क्षमता से बालश्री पुरस्कार हासिल कर बचपन में ही इरादे जता दिए थे। पीरोड निवासी कृतिका के पिता डॉ. दिवाकर मिश्रा बीएनएसडी इंटर कॉलेज चुन्नीगंज में कामर्स के प्रवक्ता और मां सुषमा मिश्रा एलआईसी में हैं। उनकी बहन मुदिता मिश्रा भी युवा संसद की विजेता रहीं हैं। कृतिका बचपन से ही मेधावी रहीं हैं। बीएनएसडी इंटर कॉलेज में पढ़ाई के दौरान हर कार्यक्रम के संचालन का जिम्मा उन्हीं के कंधों पर रहता था। ढेरों पुरस्कार जीत चुकीं कृतिका ने पीपीएन से स्नातक किया और हिंदी से जेआरएफ में चयन हुआ। कृतिका ने बताया कि बालश्री होने के कारण साक्षात्कार में कई सवाल बालश्री, क्रिएटिव राइटिंग के महत्व, राज्यभाषा की स्थिति, यूपी में महिलाओं की स्थिति पर पूछे गए। आईएएस बनकर वह भी महिलाओं की स्थिति और शिक्षा पर कामकरना चाहती हैं।
सहायक दरोगा की बेटी को यूपीएससी में 748वीं रैंक
फजलगंज की रहने वाली निधि सिंह को यूपीएससी में 748वीं रैंक मिली है। सीबीसीआईडी में तैनात एएसआई केश प्रताप सिंह की बेटी ने परिवार का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाली निधि को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली हैं। पहले प्रयास में उनका प्री राउंड भी नहीं निकला था। उत्कर्ष अकादमी से इंटरव्यू गाइडेंस करने वाली निधि ने पीपीएन कॉलेज से स्नातक और जेएनयू से 2019 में परस्नातक किया। निधि की मां अलका सिंह होम मेकर और बड़ा भाई स्क्रीन प्ले राइटर है। अभी अच्छी रैंक के लिए और प्रयास करेंगी।
फजलगंज की रहने वाली निधि सिंह को यूपीएससी में 748वीं रैंक मिली है। सीबीसीआईडी में तैनात एएसआई केश प्रताप सिंह की बेटी ने परिवार का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है। यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाली निधि को यह सफलता दूसरे प्रयास में मिली हैं। पहले प्रयास में उनका प्री राउंड भी नहीं निकला था। उत्कर्ष अकादमी से इंटरव्यू गाइडेंस करने वाली निधि ने पीपीएन कॉलेज से स्नातक और जेएनयू से 2019 में परस्नातक किया। निधि की मां अलका सिंह होम मेकर और बड़ा भाई स्क्रीन प्ले राइटर है। अभी अच्छी रैंक के लिए और प्रयास करेंगी।