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40 करोड़ जमा, 30 करोड़ निकाले

अमर उजाला ब्यूरो कौशाम्बी Updated Wed, 16 Nov 2016 01:37 AM IST
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कौशाम्बी - फोटो : कौशाम्बी
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जिले के सभी बैंकों में मंगलवार को 40 करोड़ रुपया जमा हुआ, जबकि लोगों ने 30 करोड़ रुपये निकाले। जमा व निकासी के लिए बैंकों के बाहर सुबह सात बजे से ही लोगों की भीड़ जुटने लगी थी। दिन भर बैंकों में मारामारी रही। ग्रामीण इलाकों के बैंकों में मंगलवार को रुपया जमा हुआ, लेकिन भुगतान नहीं किया गया। इससे लोग मायूस होकर लौटे।
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जिले में मंगलवार को 70 करोड़ की नई करेंसी भेजी गई है। नई करेंसी आने पर बैंकों की स्थिति सुधरी है। मंगलवार को सुबह से ही लोगों की भीड़ बैंकों में जुट गई थी। सरायअकिल में बैंक आफ बड़ौदा और एसबीआई की शाखा में करीब सात बजे से ही लोग इकट्ठा हो गए थे। देखते ही देखते लोगों की लंबी लाइन लग गई थी। यही हाल अधिकांश बैंकों का रहा। सुबह से लेकर शाम तक जनपद के लोगों ने 40 करोड़ रुपया जमा किया, जबकि 30 करोड़ रुपया लोगों ने निकाला।
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गिने-चुने ही एटीएम काम करते रहे, इससे यहां भी लोगों की लाइन लगी रही। सुबह दस बजे के बाद जो लोग बैंक आए, वह रुपया लेकर शाम को ही घर पहुंचे। एसबीआई मंझनपुर, बैंक ऑफ बड़ौदा में खचाखच भीड़ रही। बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा विजिया चौराहा और ग्रामीण बैंक म्योहर में करेंसी न पहुंचने के कारण ग्राहकों को वापस किया गया। इससे लोग परेशान रहे। कई लोगों ने इस स्थिति पर नाराजगी भी जताई।

बीओबी की की शाखा विजया चौराहा से लौटे रामबहोरी, श्यामलाल, अरुण कुमार, नथईलाल, शिवनरेश, राजेंद्र कुमार ने बताया कि उनको घंटों में लाइन खड़ा रखा गया। इसके बाद यह कहकर वापस कर दिया गया कि कैश नहीं है। बैंक प्रबंधक तन्मय चक्रवर्ती अवकाश पर थे। इससे लोग शिकायत भी नहीं कर सके। यही स्थिति जिले के कई बैंकों की रही। एलडीएम दिनेश मिश्र ने बताया कि मंगलवार को 40 करोड़ जमा हुआ है, जबकि 30 करोड़ की लोगों ने निकासी की है। कहा कि जिले के लोगों का समर्थन मिल रहा है। लोग धैर्य से काम ले रहे हैं। जल्द ही यह स्थिति सुधर जाएगी। इसके बाद लोगों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

सेठ-साहूकारों ने नोट बंद होने पर उसका तोड़ भी निकाल लिया है। सेठ साहूकारों की राह पर कॉलेज वाले भी चल रहे हैं। मोटी रकम इकट्ठा होने पर इन लोगों ने अपने-अपने कर्मचारियों को साल भर की एडवांस पगार दे दी है। इस खेल के जरिए करोड़ों रुपये के काले धन को सफेद कर दिया गया है।

जिले में शिक्षा माफियाओं के पास अवैध तरीके से कमाई गई रकम करोड़ाें में डंप थी। इसको छिपाकर रखने के अलावा उनके पास कोई दूसरा तरीका नहीं था। यही हाल था कल कारखाना चलाने वाले कारोबारियों का। सरायअकिल, भरवारी, मनौरी, अझुवा, मंझनपुर समेत कई प्रमुख बाजारों के कारोबारियों के पास करोड़ों रुपया एडवांस था। ये ऐसे कारोबारी थे कि रातोंरात ट्रक का ट्रक माल खरीद लेते थे और अपने गोदाम में डंप कर लेते थे।

पांच सौ व एक हजार की नोट बंद हुई तो इनके होश उड़ गए। डंप रुपये का हिसाब देने की बारी आई तो उससे बचने के लिए इन कारोबारियों ने अपने-अपने कर्मचारियों को एडवांस रकम दे दी। भरवारी के एक मिल मालिक ने अपने 70 कर्मचारियों को एक 70 लाख रुपये बांट दिए हैं। यही काम उनके जैसे तमाम कारोबारियों ने किया है। शिक्षा माफियाओं ने भी अपने शिक्षकों व कर्मचारियों को एडवांस में सेलरी दे दी है।

मंझनपुर के नया नगर निवीसी फैजू मंगलवार को लोन का रुपया जमा करने के लिए एसबीआई की शाखा मंझनपुर गया था। वह लाइन में खड़ा था। इसी दौरान किसी ने पुलिस से बता दिया कि वह जबरन लाइन में घुसा है। इस पर पुलिस ने उसे बाहर निकाल दिया। इसके बाद वह दोबारा लाइन में खड़ा हुआ तो एक दरोगा ने उसे बाहर निकाला और लाठी से पीटकर घर भेज दिया। इसकी जानकारी कोतवाल मो. हासिम को हुई तो वह मौके पर पहुंचे। पूछताछ की गई तो पता चला कि लाइन तोड़ने पर उसे बाहर निकाला गया है।

कोआपरेटिव बैंक की शाखा मंझनपुर में पांच सौ व एक हजार की नोट नहीं ली जा रही है। मंगलवार को लोग रुपया जमा करने पहुंचे तो बैंक ने लेने से साफ कर दिया। इतना ही नहीं बाहर तख्ती भी लगा दी कि यहां पांच सौ व एक हजार की नोट नहीं ली जाएगी। इसके बाद लाइन में लगे वापस चले आए। ऐसा क्यों किया गया है, इसको लेकर बैंक कर्मी खामोश रहे।
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