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Kaushambi News: दिल की बीमारी के मरीजों का भी आयुष्मान कार्ड से होगा इलाज

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Mon, 15 Dec 2025 01:28 AM IST
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Heart patients will also be treated with Ayushman Card
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सरकार की आयुष्मान भारत योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए किसी वरदान से कम नहीं साबित हो रही है। इस योजना के तहत अब दिल में छेद जैसी गंभीर और महंगी बीमारी का इलाज भी पूरी तरह निशुल्क संभव हो सका है। 25 दिसंबर तक घर-घर जाकर कार्ड बनाने का अभियान चलेगा।
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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार आयुष्मान कार्ड के माध्यम से अब तक 43,170 लाभार्थियों का विभिन्न गंभीर बीमारियों का सफल इलाज किया जा चुका है। इसमें हृदय रोग सहित अन्य जटिल रोग शामिल हैं। खास बात यह है कि दिल में छेद जैसी जन्मजात बीमारी का इलाज अब सरकारी व सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मुफ्त किया जा रहा है।
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23 सितंबर 2018 से शुरू हुई योजना तथा प्राप्त आंकड़े

-कुल पात्र परिवार - 1,72,208 परिवार
-कवर किए गए परिवार - 1,50,602 परिवार
-कवर प्रतिशत - 87.45 प्रतिशत

-कवर परिवारों में कुल पंजीकृत सदस्य - 8,17,441 सदस्य
-आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन करने वाले - 5,58,129 लोग

-स्वीकृत आयुष्मान कार्ड - 4,74,674 कार्ड
-अब तक इलाज कराने वाले लाभार्थी - 43,170 लोग

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इन कारणों से नामंजूर हो जाते हैं आयुष्मान कार्ड
-आवेदन के दौरान डेटा मिसमैच होना
-आशा या एएनएम को घरेलू या पुकारने वाला नाम बताया जाना

- दस्तावेज और फॉर्म में नाम का अलग-अलग होना
-आवेदन में गलत जेंडर दर्ज होना

-शादी के बाद महिला का नाम ससुराल के राशन कार्ड में जोड़ने पर
इनका हुआ इलाज
केस-1
आयुष्मान कार्ड से हुआ शुभम के दिल के छेद का ऑपरेशन

--चायल के फरीदपुर गांव में रहने वाले आठ वर्षीय शुभम के दिल में छेद था। पिता दीपचंद्र मजदूरी करते हैं। गरीबी और इलाज करवाने में असमर्थता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पिता का लाल कार्ड बनवाकर आयुष्मान कार्ड बनवाया, जिसके बाद शुभम का निशुल्क ऑपरेशन जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ में करवाया गया।
केस-2

रितु को मिला नया जीनदान
--मंझनपुर ब्लॉक के छोटी पवइया गांव की 11 वर्षीय रितु के पिता मायादीन मजदूर हैं। स्वास्थ्य विभाग ने लाल राशन कार्ड बनवाकर आयुष्मान कार्ड बनवाया। जिसके बाद बच्ची का निशुल्क ऑपरेशन जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़ में चार महीने पहले करवाया गया है।

25 नवंबर से 25 दिसंबर तक घर-घर जाकर कार्ड बनाने का अभियान अभियान चलाया जा रहा है। कोशिश है कि अधिक से अधिक लोगों को कार्ड का लाभ मिल सके।-डॉ. ओम त्रिपाठी, जिला कार्यक्रम समन्वयक, आयुष्मान भारत
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