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हाईवे पर खराब पड़ी हैं स्ट्रीट लाइटें
अमर उजाला ब्यूरो कौशाम्बी
Updated Wed, 03 Aug 2016 12:36 AM IST
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नगर पंचायत अजुहा में तकरीबन बीस लाख रुपये की लागत से हाईवे पर लगाई गई स्ट्रीट लाइटें वर्षों से खराब पड़ी हैं। जिम्मेदारों ने इस परियोजना के नाम पर पानी की तरह पैसा बहाया। इसके बाद दुबारा ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटें अपने दुर्दिन पर आंसू बहा रही हैं।
नगर पंचायत अजुहा से नेशनल हाईवे-टू होकर गुजरता है। नगर पंचायत ने तीन साल पूर्व हाईवे को रात के अंधेरे में रोशन करने के लिए 20 लाख रुपये की परियोजना तैयार कर 39 मरकरी लाइट लगवाई गई। शुरुआत में एक साथ 39 मरकरी जलने से हाईवे का नजारा बेहद खूबसूरत लगता था। स्थानीय नागरिकाें की शिकायत है कि स्ट्रीट लाइट में दोयम दर्जे के उपकरण लगे होने से कुछ महीने जलने के बाद धीरे-धीरे खराब होने लगी। इसके चलते स्ट्रीट लाइटों का जलना बंद हो गया। स्थानीय लोगोें की शिकायत है कि नगर पंचायत ने हाईवे को रोशन करने के बहाने अपना हित साध लिया।
इसके बाद इस परियोजना को नगर पंचायत ने भगवान भरोसे छोड़ दिया। इतना ही नहीं नगर पंचायत विद्युत विभाग को बिना बिजली उपयोग किए हर साल लाखों रुपये बिल के रूप में भी अदा कर रहा है। लोग इस बात से भी अचरज में हैं कि नगर पंचायत के बोर्ड ने खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट को ठीक कराए जाने की पहल क्यों नहीं की गई। क्या हाईवे पर स्ट्रीट लाइट लगाने का मकसद सिर्फ सरकारी धन का बेजा इस्तेमाल करना ही था। इस बाबत नगर पंचायत कर्मी साकेत बाबू कहते हैं कि स्ट्रीट लाइट पर पैसा खर्च करना उचित नहीं है। चेयर पर्सन शांति कुशवाहा का कहना है कि खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटें जल्द ही ठीक करा दी जाएंगी। यह समस्या बोर्ड की बैठक में सदस्यों के सामने रखी जाएगी।
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नगर पंचायत अजुहा से नेशनल हाईवे-टू होकर गुजरता है। नगर पंचायत ने तीन साल पूर्व हाईवे को रात के अंधेरे में रोशन करने के लिए 20 लाख रुपये की परियोजना तैयार कर 39 मरकरी लाइट लगवाई गई। शुरुआत में एक साथ 39 मरकरी जलने से हाईवे का नजारा बेहद खूबसूरत लगता था। स्थानीय नागरिकाें की शिकायत है कि स्ट्रीट लाइट में दोयम दर्जे के उपकरण लगे होने से कुछ महीने जलने के बाद धीरे-धीरे खराब होने लगी। इसके चलते स्ट्रीट लाइटों का जलना बंद हो गया। स्थानीय लोगोें की शिकायत है कि नगर पंचायत ने हाईवे को रोशन करने के बहाने अपना हित साध लिया।
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इसके बाद इस परियोजना को नगर पंचायत ने भगवान भरोसे छोड़ दिया। इतना ही नहीं नगर पंचायत विद्युत विभाग को बिना बिजली उपयोग किए हर साल लाखों रुपये बिल के रूप में भी अदा कर रहा है। लोग इस बात से भी अचरज में हैं कि नगर पंचायत के बोर्ड ने खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट को ठीक कराए जाने की पहल क्यों नहीं की गई। क्या हाईवे पर स्ट्रीट लाइट लगाने का मकसद सिर्फ सरकारी धन का बेजा इस्तेमाल करना ही था। इस बाबत नगर पंचायत कर्मी साकेत बाबू कहते हैं कि स्ट्रीट लाइट पर पैसा खर्च करना उचित नहीं है। चेयर पर्सन शांति कुशवाहा का कहना है कि खराब पड़ी स्ट्रीट लाइटें जल्द ही ठीक करा दी जाएंगी। यह समस्या बोर्ड की बैठक में सदस्यों के सामने रखी जाएगी।