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Kaushambi News: खाद्यान्न के बिना अटका जीजीआईसी सिराथू छात्रावास, आठ माह बाद भी नहीं शुरू हुआ संचालन

संवाद न्यूज एजेंसी, कौशांंबी Published by: अमर उजाला ब्यूरो Updated Tue, 18 Nov 2025 02:54 PM IST
सार

सिराथू क्षेत्र के जीजीआईसी में तीन साल पहले लाखों की लागत से बना छात्रावास खाद्यान्न की व्यवस्था न होने और रास्ता कच्चा रहने के कारण आठ माह बाद भी शुरू नहीं हो सका है।

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GGIC Sirathu hostel stuck without food grains, operations not resumed even after eight months
सिराथू स्थित राजकीय बालिका छात्रावास
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सिराथू क्षेत्र के जीजीआईसी में तीन साल पहले लाखों की लागत से बना छात्रावास खाद्यान्न की व्यवस्था न होने और रास्ता कच्चा रहने के कारण आठ माह बाद भी शुरू नहीं हो सका है। स्टाफ की नियुक्ति और 48 छात्राओं के दाखिले के बावजूद छात्रावास बंद होने से दूरदराज की बच्चियों को रोजाना लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है।

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कस्बे के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज (जीजीआईसी) के छात्रावास का संचालन खाद्यान्न की उपलब्धता न होने के कारण अब तक शुरू नहीं हो पाया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की तरफ से करोड़ों की योजनाओं के तहत छात्राओं को सुरक्षित आवासीय सुविधा देने के उद्देश्य से तीन वर्ष पूर्व दो मंजिला छात्रावास का निर्माण कराया गया था। वार्डन, दो सुरक्षा कर्मी और एक रसोइया की मार्च में ही तैनाती भी हो चुकी है। इसके बावजूद भोजन की व्यवस्था न होने और भवन से संबंधित मरम्मत कार्य लंबित होने से प्रवेश लेने वाली 48 छात्राओं को रहने की सुविधा नहीं मिल पा रही है।
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छात्रावास में शौचालय व कमरों में लगे पंखों की मरम्मत का काम अधूरा है। इसके साथ ही पहुंच मार्ग कच्चा होने के कारण बारिश में पानी भर जाता है, इससे आवाजाही मुश्किल हो जाती है। वार्डन सुधा दिवाकर ने बताया कि आवश्यक मरम्मत तथा खाद्यान्न की आपूर्ति होने के बाद ही छात्रावास का संचालन संभव है।

वर्तमान में जीजीआईसी सिराथू में कक्षा छह से बारहवीं तक 271 छात्राएं पंजीकृत हैं। विद्यालय में प्रधानाचार्य पुष्पा देवी सविता के नेतृत्व में पांच शिक्षक शिक्षण कार्य संचालित कर रहे हैं। छात्रावास शुरू न होने से दूरदराज की छात्राएं रोजाना कई किलोमीटर की दूरी तय कर विद्यालय पहुंच रही हैं।

तेरहरा गांव की छात्रा मीनाक्षी ने बताया कि आठ माह पहले छात्रावास में दाखिला लेने के बावजूद अब तक संचालन न शुरू होने से उसे रोज आठ किलोमीटर आना-जाना पड़ता है। वहीं, शमशाबाद की रिंकी ने कहा कि पढ़ाई के लिए छात्रावास जरूरी है, लेकिन बंद रहने से घर से लंबी यात्रा करनी पड़ रही है, जिससे समय और ऊर्जा दोनों की हानि हो रही है। अभिभावकों ने भी जिम्मेदार विभागों से जल्द व्यवस्था दुरुस्त कर छात्रावास शुरू कराने की मांग की है।

छात्रावास में कुछ छात्राएं रह रही हैं। जल्द ही खाद्यान्न व्यवस्था व छात्रावास में जाने के लिए सड़क का निर्माण कराया जाएगा। -डीआईओएस राजेश सिंह

 

सिराथू स्थित राजकीय बालिका छात्रावास

सिराथू स्थित राजकीय बालिका छात्रावास

 

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