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थोड़ी सी सावधानी और उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण
Lakhimpur
Updated Fri, 18 May 2012 12:00 PM IST
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भागमभाग भरी जिंदगी, तनावपूर्ण कार्यशैली और खानपान में बढ़ता फास्टफूड का चलन बना कारण
लखीमपुर खीरी। भागमभाग भरी जिंदगी, तनावपूर्ण कार्यशैली और खानपान में बढ़ते फास्टफूड के चलन से लोग उच्च रक्तचाप का शिकार हो रहे हैं। खास बात यह है कि उच्च रक्तचाप के 50 प्रतिशत मरीजों को काफी समय तक यह पता ही नहीं चल पाता कि वे इसकी चपेट में हैं। और जब उन्हें इस बात की जानकारी होती है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हालांकि उच्च रक्तचाप को समाप्त नहीं किया जा सकता लेकिन थोड़ी सावधानी रखकर इसको नियंत्रित रखा जा सकता है।
आज हर वर्ग तेजी से उच्च रक्तचाप का शिकार हो रहा है। दिनोंदिन इसके रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर के हृदय रोग विशेषग डॉ. संजीव भल्ला बताते हैं कि उनकेपास प्रतिदिन उच्च रक्तचाप के लगभग 50 मरीज आते हैं। इनमें लगभग 50 प्रतिशत मरीजों को यह पता ही नहीं होता कि उन्हें उच्च रक्तचाप है, क्योंकि उन्होंने कभी अपना ब्लड प्रेशर नपवाया ही नहीं। जिनको यह मालूम होता है कि उनको यह बीमारी है वे यह सोचकर इलाज नहीं करवाते क्योेंकि उन्हें कोई परेशानी या लक्षण नहीं दिखते। कुछ रोगी जो इलाज कराते भी हैं, उनमें आधे सही ढंग से इलाज नहीं कराते। कुछ लोग ही डॉक्टर के परामर्श के अनुसार परहेज करते हैं। 000000
क्या हो सकता है प्रभाव
डॉ. संजीव भल्ला बताते हैं, कि बढ़ते उच्च रक्तचाप से हृदय के कक्ष वेंन्ट्रिकल की मांसपेशी मोटी हो जाती है, जिससे हृदय सुचारु रूप से कार्य नहीं कर पाता, लगातार उच्च रक्तचाप रहने से रक्त नलिकाओं की अंदरूनी सतह धीरे-धीरे खराब होती रहती है। यह हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप से मस्तिष्क की खून की नली अचानक फट जाती है। उच्च रक्तचाप गुर्दों को भी प्रभावित करता है। जब गुर्दों की कार्यक्षमता बहुत घट जाती है तो रोगी के शरीर में सूजन ओर फिर बेहोशी आने लगती है। इसके अलावा लकवे का अटैक और आंखों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
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17एलकेएचपी 10
क्या हैं लक्षण
जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. केसी वर्मा बताते हैं कि अधिकतर लोगों में उच्च रक्तचाप बिना लक्षणों के वर्षों तक रहता है। कुछ लोगों में सिरदर्द रहने, सांस फूलने या चक्कर आने तथा सीने में दर्द, शरीर में या आंखों के नीचे सूजन, हाथों-पैराें में कंपन और तेजी से आंखों की रोशनी गिरने की शिकायत हो सकती है यदि इस तरह के लक्षण हैं तो सावधान हो जाना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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17एलकेएचपीएच 11
क्या बरतें सावधानियां
डॉ. संजीव भल्ला बताते हैं, उच्च रक्तचाप हो जाने पर डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहें, इसके अलावा चिकनाई से परहेज रखें, धूम्रपान और अधिक मात्रा में शराब का सेवन न करें। अपने वजन पर नियंत्रण रखें। नियमित रूप से व्यायाम करें। अधिक श्रम वाले कार्य न करें। जितना हो सके तनाव मुक्त जीवन बिताएं। प्रदूषित वातावरण से दूर रहें, खाने में नमक का प्रयोग बहुत हल्का करें तथा समय-समय पर ब्लड प्रेशर नपवाते रहें। यदि इस तरह की सावधानियां रखीं जाएं तो उच्च रक्तचाप को बहुत हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है।

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आज हर वर्ग तेजी से उच्च रक्तचाप का शिकार हो रहा है। दिनोंदिन इसके रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर के हृदय रोग विशेषग डॉ. संजीव भल्ला बताते हैं कि उनकेपास प्रतिदिन उच्च रक्तचाप के लगभग 50 मरीज आते हैं। इनमें लगभग 50 प्रतिशत मरीजों को यह पता ही नहीं होता कि उन्हें उच्च रक्तचाप है, क्योंकि उन्होंने कभी अपना ब्लड प्रेशर नपवाया ही नहीं। जिनको यह मालूम होता है कि उनको यह बीमारी है वे यह सोचकर इलाज नहीं करवाते क्योेंकि उन्हें कोई परेशानी या लक्षण नहीं दिखते। कुछ रोगी जो इलाज कराते भी हैं, उनमें आधे सही ढंग से इलाज नहीं कराते। कुछ लोग ही डॉक्टर के परामर्श के अनुसार परहेज करते हैं। 000000
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क्या हो सकता है प्रभाव
डॉ. संजीव भल्ला बताते हैं, कि बढ़ते उच्च रक्तचाप से हृदय के कक्ष वेंन्ट्रिकल की मांसपेशी मोटी हो जाती है, जिससे हृदय सुचारु रूप से कार्य नहीं कर पाता, लगातार उच्च रक्तचाप रहने से रक्त नलिकाओं की अंदरूनी सतह धीरे-धीरे खराब होती रहती है। यह हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप से मस्तिष्क की खून की नली अचानक फट जाती है। उच्च रक्तचाप गुर्दों को भी प्रभावित करता है। जब गुर्दों की कार्यक्षमता बहुत घट जाती है तो रोगी के शरीर में सूजन ओर फिर बेहोशी आने लगती है। इसके अलावा लकवे का अटैक और आंखों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है। आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
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17एलकेएचपी 10
क्या हैं लक्षण
जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. केसी वर्मा बताते हैं कि अधिकतर लोगों में उच्च रक्तचाप बिना लक्षणों के वर्षों तक रहता है। कुछ लोगों में सिरदर्द रहने, सांस फूलने या चक्कर आने तथा सीने में दर्द, शरीर में या आंखों के नीचे सूजन, हाथों-पैराें में कंपन और तेजी से आंखों की रोशनी गिरने की शिकायत हो सकती है यदि इस तरह के लक्षण हैं तो सावधान हो जाना चाहिए और डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
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17एलकेएचपीएच 11
क्या बरतें सावधानियां
डॉ. संजीव भल्ला बताते हैं, उच्च रक्तचाप हो जाने पर डॉक्टर से नियमित सलाह लेते रहें, इसके अलावा चिकनाई से परहेज रखें, धूम्रपान और अधिक मात्रा में शराब का सेवन न करें। अपने वजन पर नियंत्रण रखें। नियमित रूप से व्यायाम करें। अधिक श्रम वाले कार्य न करें। जितना हो सके तनाव मुक्त जीवन बिताएं। प्रदूषित वातावरण से दूर रहें, खाने में नमक का प्रयोग बहुत हल्का करें तथा समय-समय पर ब्लड प्रेशर नपवाते रहें। यदि इस तरह की सावधानियां रखीं जाएं तो उच्च रक्तचाप को बहुत हद तक नियंत्रित रखा जा सकता है।