{"_id":"68c716068033edf3bb0087e7","slug":"allegation-of-suspension-due-to-malice-complaint-to-dm-lakhimpur-news-c-120-1-lkh1001-155718-2025-09-15","type":"story","status":"publish","title_hn":"Lakhimpur Kheri News: द्वेष भावना में निलंबित करने का आरोप, डीएम से शिकायत","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Lakhimpur Kheri News: द्वेष भावना में निलंबित करने का आरोप, डीएम से शिकायत
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Mon, 15 Sep 2025 12:52 AM IST
विज्ञापन

विज्ञापन
लखीमपुर खीरी। बिजुआ ब्लाॅक में तैनात सफाई कर्मचारी वीरेंद्र कुमार ने विभागीय अफसरों पर द्वेष भावना में निलंबित करने का आरोप लगाते हुए डीएम से शिकायत की है। कहा कि उसने विभाग में चल रहीं गड़बड़ियों की शिकायत की थी। इससे गुस्साए विभागीय अफसरों ने उसकी छोटी सी गलती पर निलंबित कर दिया।
शिकायत में कहा कि विभाग के सहायक लेखाकार बीएल राना ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति निकालने के लिए आठ प्रतिशत घूस मांगी। डीपीआरओ से शिकायत की, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया और न ही पैसा निकाला गया। यह खेल सभी कर्मचारियों के साथ खेला जा रहा। विभाग में हर काम के रुपये तय हैं।
चिकित्सा प्रतिपूर्ति में 10 से 20 प्रतिशत, ट्रांसफर के लिए 20 से 30 हजार, निलंबन के बाद बहाली 30 से 40 हजार रुपये लिए जाते हैं। बिल बाबू व एक सफाई कर्मी के साथ स्थापना बाबू मनोज कुमार शुक्ला इस खेल में शामिल हैं।
वीरेंद्र ने बताया कि डीपीआरओ ने आदेश जारी कर कहा कि अस्पतालों व अन्य जगह से प्लास्टिक एकत्र कर कूड़ा निस्तारण प्लांट पहुंचाएं। अगर वो लोग अन्य जगह काम करेंगे तो गांव का काम प्रभावित होगा। उन्होंने इसका विरोध करने की बात व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर कर दी थी। इस पर विभाग ने नोटिस जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया। आरोप है कि विभाग के बाबुओं पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन उस पर कार्रवाई कर दी गई।
-- -- -- -- -- -- -- --
काम नहीं नेतागिरी करते हैं। कूड़ा निस्तारण प्लांट को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसका वीरेंद्र ने खुला विरोध कर अन्य कर्मचारियों को भड़काने का काम किया । बात अगर विभाग के बाबुओं की है तो उसका कोई सबूत दें, तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
-विशाल सिंह, डीपीआरओ

Trending Videos
शिकायत में कहा कि विभाग के सहायक लेखाकार बीएल राना ने चिकित्सा प्रतिपूर्ति निकालने के लिए आठ प्रतिशत घूस मांगी। डीपीआरओ से शिकायत की, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया और न ही पैसा निकाला गया। यह खेल सभी कर्मचारियों के साथ खेला जा रहा। विभाग में हर काम के रुपये तय हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
चिकित्सा प्रतिपूर्ति में 10 से 20 प्रतिशत, ट्रांसफर के लिए 20 से 30 हजार, निलंबन के बाद बहाली 30 से 40 हजार रुपये लिए जाते हैं। बिल बाबू व एक सफाई कर्मी के साथ स्थापना बाबू मनोज कुमार शुक्ला इस खेल में शामिल हैं।
वीरेंद्र ने बताया कि डीपीआरओ ने आदेश जारी कर कहा कि अस्पतालों व अन्य जगह से प्लास्टिक एकत्र कर कूड़ा निस्तारण प्लांट पहुंचाएं। अगर वो लोग अन्य जगह काम करेंगे तो गांव का काम प्रभावित होगा। उन्होंने इसका विरोध करने की बात व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर कर दी थी। इस पर विभाग ने नोटिस जारी कर उन्हें निलंबित कर दिया। आरोप है कि विभाग के बाबुओं पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई, लेकिन उस पर कार्रवाई कर दी गई।
काम नहीं नेतागिरी करते हैं। कूड़ा निस्तारण प्लांट को लेकर एक आदेश जारी किया था, जिसका वीरेंद्र ने खुला विरोध कर अन्य कर्मचारियों को भड़काने का काम किया । बात अगर विभाग के बाबुओं की है तो उसका कोई सबूत दें, तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
-विशाल सिंह, डीपीआरओ