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मोहम्मदी में तौल न होने से किसान ने मंडी में धान के ढेर में लगाई आग
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मोहम्मदी में किसान द्वारा जलाया गया घान।
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मोहम्मदी में धान पर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगाने का वीडियो हुआ वायरल
मोहम्मदी। तोल न होने से नाराज एक किसान ने मंडी परिसर में अपने ही धान पर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी। मामले का वीडियो वायरल हुआ तो चैन की नींद सो रहा तहसील प्रशासन हरकत में आया, जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने किसान और मंडी सचिव से जानकारी ली। एसडीएम ने किसान पर ही कार्रवाई की बात कही है।
क्षेत्र के गांव बरखेराकलां निवासी नरेंद्र सिंह पिछले शुक्रवार को करीब 200 क्विंटल धान बेचने के लिए एसएस सेंटर मंडी में लाए थे। उस दिन बारिश होने के कारण धान की तौल नहीं हो सकी। उन्होंने धान के ऊपर त्रिपाल डालकर उसे सुरक्षित रखा। एक सप्ताह बाद शुक्रवार को धान की तौल होनी थी। जांच हुई तो धान सभी सरकारी मानकों पर खरा उतरा। इसके बाद उसे बोरे देकर कह दिया गया कि शनिवार को धान तौला जाएगा, जिससे किसान का पुत्र समोध सिंह नाराज हो गया। उसने पिता नरेंद्र सिंह कहा कि आठ दिन से धान मंडी में पड़ा है। इससे तो अच्छा है पेट्रोल डालकर धान फूंक दो। इतना सुनते ही किसान ने धान के ढेर पर पेट्रोल डालकर कर आग लगा दी। उधर, केंद्र प्रभारी विवेक मिश्रा की दलील है कि उनकी तौल शुरू हो चुकी थी।
एसडीएम पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पहले दिन निरीक्षण के दौरान ही किसान नरेंद्र सिंह से धान तुलवाने की बात कही थी तब उनके पास एकाउंट नंबर नहीं था। घर से मंगाने की बात कही गई थी। उन्होंने गलत तरीके से दबाव बनाना चाहा और धान में आग लगा दी जो गलत है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बाढ़ ने तबाह कर दी धान की फसल अब ग्रामीणों के सामने खाने के लाले
तिकुनिया। भारत-नेपाल सीमा पर इलाके के दर्जनों गांव में बाढ़ का मंजर है। निबौरिया, सिनहौना, अयोध्या पूरवा, रमुआपुर, खमरिया, सेहनखेडा, जसनगर, सुथना बरसोला, बरसोला कलां, बाबापुरवा, कौड़ियाला, जनकपुर, रामनगर, मुजहा, रननगर, चौगुर्जी, गंगानगर, गुलरिया पत्थर शाह, कड़िया, सिसवारी, गोबरधनपुरवा, टांडा, बदालपुरवा के किसानों का बुरा हाल है। किसान विजय कुमार, गुरदीप सिंह, नत्थू लाल, प्रेम पति, गोपाल, बाबा राम ने बताया कि धान की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। अब बच्चों की पढ़ाई, भोजन और अन्य खर्चे कैसे चलेंगे। एसडीएम ओपी गुप्ता ने बताया कि बाढ़ में नुकसान हुई फसलों का सर्वे कराया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और मुआवजे की कार्रवाई की जाएगी। संवाद
धान की तोल न होने से गुस्साए किसान मंडी में ही धरने पर बैठे
चपरतला। मैगलगंज कृषि मंडी में किसानों का धान अब भी तौला नहीं जा रहा है। कई दिनों से खड़े किसानों का आरोप है कि कांटा इंचार्ज पहले तो सिस्टम में गड़बड़ी बताते रहे कुछ दिन के बाद धान में कमी बताकर टालमटोल करने का प्रयास किया। किसी भी कांटे पर तौल नहीं की जा रही है। जब किसानों का धान नहीं खरीदा गया तो मजबूरन किसानों को धरने पर बैठना पड़ा। कहा जब तक धान की तौल नहीं होती धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों का कहना है कि आढ़ती किसानों का धान खरीद रहे हैं। उधर, मैगलगंज के मंडी सचिव राम नरेश रस्तोगी ने बताया कि धान मानक के अनुरूप नहीं आ रहा है इसलिए कुछ किसानों के साथ दिक्कत हो रही है। अब तक किसानों का सात सौ क्विंटल किसानों का धान खरीदा जा चुका है। संवाद
जान हथेली पर रखकर शेष धान की फसल बचाने में जुटे किसान
लखीमपुर खीरी। धौरहरा के मूसेपुर गांव में बारिश और बाढ़ से बची धान की फसल को बचाने की कवायद में एक किसान डूबते डूबते बचा, जबकि अचानक पानी बढ़ने से धान लदी ट्रैक्टर ट्रॉली पानी में डूब गई।
बृहस्पतिवार को मूसेपुर गांव का किसान रामकुमार पुत्र पुत्तू खेतों में भीगी पड़ी धान की फसल को लेने गया था। इस दौरान खेत पहुंचने पर बृहस्पतिवार की दोपहर वह ट्रॉली में बाढ़ बारिश से बची धान की फसल लादकर घर लौट रहा था कि रास्ते में उसका ट्रैक्टर नाले में फंस गया। ग्राम प्रधान मुन्ना लाल ने बताया कि ट्रैक्टर को निकालने की बड़ी कोशिश की गई, लेकिन रामकुमार ट्रैक्टर को निकाल नहीं सका। इसी बीच वहां पर पानी बढ़ने लगा और कुछ ही घंटे में पानी इतना बढ़ गया कि उसे ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़कर भागना पड़ा। ग्राम प्रधान मुन्नालाल बताते हैं कि रामकुमार ने तैरकर किसी तरह अपनी जान बचाई, जबकि ट्रैक्टर ट्रॉली अब भी खेतों के पास पानी में डूबी खड़ी है। संवाद
साढ़े 12 सौ से 14 सौ तक लगी धान की बोली
गोला गोकर्णनाथ। एक तरफ तीन दिन से लगातार हुई बरसात में मंडी समिति में धान क्रय केंद्रों के सामने पड़ा करीब पांच हजार क्विंटल धान भीग गया। इसका फायदा उठाते हुए मंडी समिति में राइस मिलर्स और व्यापारियों द्वारा अन्नदाता के धान का 1250 से 14 सौ रुपये प्रति क्विंटल का भाव से लगाया गया। मजबूरन किसान को इसी दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ी। कृषि उत्पादन मंडी समिति में अलग-अलग एजेंसियों के 14 धान क्रय केंद्र लगे हैं। जहां धान में नमी, ई पॉस मशीन में खराबी, बेमौसम बरसात के चलते खरीद सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है। बुधवार को व्यापारियों ने न्यूनतम साढ़े 12 सौ और अधिकतम 1400 प्रति क्विंटल धान की बोली लगाकर खरीद की।
मंडी सहायक अमर सिंह चौधरी और सौरभ कुमार ने बताया कि बुधवार को बोली के माध्यम से 35 ट्रॉली धान खरीदा गया है। बेमौसम हुई बरसात से करीब 5000 क्विंटल धान भीग गया है, जिसे सुखाया जा रहा है। क्रय केंद्रों पर मानक के अनुरूप धान खरीद की जा रही है, लेकिन ई-पॉप मशीन में दिक्कत होने से केंद्र प्रभारियों को परेशानी आ रही है।
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मोहम्मदी। तोल न होने से नाराज एक किसान ने मंडी परिसर में अपने ही धान पर पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी। मामले का वीडियो वायरल हुआ तो चैन की नींद सो रहा तहसील प्रशासन हरकत में आया, जिसके बाद मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने किसान और मंडी सचिव से जानकारी ली। एसडीएम ने किसान पर ही कार्रवाई की बात कही है।
क्षेत्र के गांव बरखेराकलां निवासी नरेंद्र सिंह पिछले शुक्रवार को करीब 200 क्विंटल धान बेचने के लिए एसएस सेंटर मंडी में लाए थे। उस दिन बारिश होने के कारण धान की तौल नहीं हो सकी। उन्होंने धान के ऊपर त्रिपाल डालकर उसे सुरक्षित रखा। एक सप्ताह बाद शुक्रवार को धान की तौल होनी थी। जांच हुई तो धान सभी सरकारी मानकों पर खरा उतरा। इसके बाद उसे बोरे देकर कह दिया गया कि शनिवार को धान तौला जाएगा, जिससे किसान का पुत्र समोध सिंह नाराज हो गया। उसने पिता नरेंद्र सिंह कहा कि आठ दिन से धान मंडी में पड़ा है। इससे तो अच्छा है पेट्रोल डालकर धान फूंक दो। इतना सुनते ही किसान ने धान के ढेर पर पेट्रोल डालकर कर आग लगा दी। उधर, केंद्र प्रभारी विवेक मिश्रा की दलील है कि उनकी तौल शुरू हो चुकी थी।
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एसडीएम पंकज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पहले दिन निरीक्षण के दौरान ही किसान नरेंद्र सिंह से धान तुलवाने की बात कही थी तब उनके पास एकाउंट नंबर नहीं था। घर से मंगाने की बात कही गई थी। उन्होंने गलत तरीके से दबाव बनाना चाहा और धान में आग लगा दी जो गलत है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
बाढ़ ने तबाह कर दी धान की फसल अब ग्रामीणों के सामने खाने के लाले
तिकुनिया। भारत-नेपाल सीमा पर इलाके के दर्जनों गांव में बाढ़ का मंजर है। निबौरिया, सिनहौना, अयोध्या पूरवा, रमुआपुर, खमरिया, सेहनखेडा, जसनगर, सुथना बरसोला, बरसोला कलां, बाबापुरवा, कौड़ियाला, जनकपुर, रामनगर, मुजहा, रननगर, चौगुर्जी, गंगानगर, गुलरिया पत्थर शाह, कड़िया, सिसवारी, गोबरधनपुरवा, टांडा, बदालपुरवा के किसानों का बुरा हाल है। किसान विजय कुमार, गुरदीप सिंह, नत्थू लाल, प्रेम पति, गोपाल, बाबा राम ने बताया कि धान की फसल पूरी तरह चौपट हो गई है। अब बच्चों की पढ़ाई, भोजन और अन्य खर्चे कैसे चलेंगे। एसडीएम ओपी गुप्ता ने बताया कि बाढ़ में नुकसान हुई फसलों का सर्वे कराया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी और मुआवजे की कार्रवाई की जाएगी। संवाद
धान की तोल न होने से गुस्साए किसान मंडी में ही धरने पर बैठे
चपरतला। मैगलगंज कृषि मंडी में किसानों का धान अब भी तौला नहीं जा रहा है। कई दिनों से खड़े किसानों का आरोप है कि कांटा इंचार्ज पहले तो सिस्टम में गड़बड़ी बताते रहे कुछ दिन के बाद धान में कमी बताकर टालमटोल करने का प्रयास किया। किसी भी कांटे पर तौल नहीं की जा रही है। जब किसानों का धान नहीं खरीदा गया तो मजबूरन किसानों को धरने पर बैठना पड़ा। कहा जब तक धान की तौल नहीं होती धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। किसानों का कहना है कि आढ़ती किसानों का धान खरीद रहे हैं। उधर, मैगलगंज के मंडी सचिव राम नरेश रस्तोगी ने बताया कि धान मानक के अनुरूप नहीं आ रहा है इसलिए कुछ किसानों के साथ दिक्कत हो रही है। अब तक किसानों का सात सौ क्विंटल किसानों का धान खरीदा जा चुका है। संवाद
जान हथेली पर रखकर शेष धान की फसल बचाने में जुटे किसान
लखीमपुर खीरी। धौरहरा के मूसेपुर गांव में बारिश और बाढ़ से बची धान की फसल को बचाने की कवायद में एक किसान डूबते डूबते बचा, जबकि अचानक पानी बढ़ने से धान लदी ट्रैक्टर ट्रॉली पानी में डूब गई।
बृहस्पतिवार को मूसेपुर गांव का किसान रामकुमार पुत्र पुत्तू खेतों में भीगी पड़ी धान की फसल को लेने गया था। इस दौरान खेत पहुंचने पर बृहस्पतिवार की दोपहर वह ट्रॉली में बाढ़ बारिश से बची धान की फसल लादकर घर लौट रहा था कि रास्ते में उसका ट्रैक्टर नाले में फंस गया। ग्राम प्रधान मुन्ना लाल ने बताया कि ट्रैक्टर को निकालने की बड़ी कोशिश की गई, लेकिन रामकुमार ट्रैक्टर को निकाल नहीं सका। इसी बीच वहां पर पानी बढ़ने लगा और कुछ ही घंटे में पानी इतना बढ़ गया कि उसे ट्रैक्टर-ट्रॉली छोड़कर भागना पड़ा। ग्राम प्रधान मुन्नालाल बताते हैं कि रामकुमार ने तैरकर किसी तरह अपनी जान बचाई, जबकि ट्रैक्टर ट्रॉली अब भी खेतों के पास पानी में डूबी खड़ी है। संवाद
साढ़े 12 सौ से 14 सौ तक लगी धान की बोली
गोला गोकर्णनाथ। एक तरफ तीन दिन से लगातार हुई बरसात में मंडी समिति में धान क्रय केंद्रों के सामने पड़ा करीब पांच हजार क्विंटल धान भीग गया। इसका फायदा उठाते हुए मंडी समिति में राइस मिलर्स और व्यापारियों द्वारा अन्नदाता के धान का 1250 से 14 सौ रुपये प्रति क्विंटल का भाव से लगाया गया। मजबूरन किसान को इसी दाम पर अपनी उपज बेचनी पड़ी। कृषि उत्पादन मंडी समिति में अलग-अलग एजेंसियों के 14 धान क्रय केंद्र लगे हैं। जहां धान में नमी, ई पॉस मशीन में खराबी, बेमौसम बरसात के चलते खरीद सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है। बुधवार को व्यापारियों ने न्यूनतम साढ़े 12 सौ और अधिकतम 1400 प्रति क्विंटल धान की बोली लगाकर खरीद की।
मंडी सहायक अमर सिंह चौधरी और सौरभ कुमार ने बताया कि बुधवार को बोली के माध्यम से 35 ट्रॉली धान खरीदा गया है। बेमौसम हुई बरसात से करीब 5000 क्विंटल धान भीग गया है, जिसे सुखाया जा रहा है। क्रय केंद्रों पर मानक के अनुरूप धान खरीद की जा रही है, लेकिन ई-पॉप मशीन में दिक्कत होने से केंद्र प्रभारियों को परेशानी आ रही है।