UP: मौलाना शहाबुद्दीन बोले- बिहार में बरेलवी मुसलमानों ने एनडीए को दिया वोट, यूपी में अखिलेश कर रहे नजरअंदाज
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि बिहार चुनाव में बरेलवी मुसलमानों ने एनडीए के पक्ष में वोट किया, जिसकी वजह से एडीए ने बड़ी जीत हासिल की। मौलाना ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा मुखिया यूपी में बरेलवी मुसलमानों की अनदेखी कर रहे हैं, जो उनको भारी पड़ेगी।
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ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने बिहार चुनाव पर कहा कि बिहार में नीतीश कुमार और भाजपा के गठबंधन की भारी बहुमत के साथ जीत और कांग्रेस-राजद की हार के पीछे एक अहम वजह है, जिसको सियासी लोगों ने अभी तक नहीं समझा है। मौलाना ने बताया कि वक्फ संशोधन बिल जब पास हुआ, तो उस समय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने जोरदार मुखालफत की। इस मुखालफत का केंद्र बिंदु पटना बना रहा। इसी दौरान रमजान का महीना आ गया।
मौलाना ने बताया कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री आवास पर रोजा इफ्तार का कार्यक्रम रखा। इस कार्यक्रम में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के देवबंदी उलमा और दूसरी तरफ सुन्नी सूफी उलमा को दावतनामा भेजे गए। देवबंदी उलमा ने दावतनामा लेने से इंकार कर दिया और रोजा इफ्तार पार्टी का बायकॉट किया। वहीं बरेलवी उलमा ने दावतनामा कबूल करके रोजा इफ्तार में बड़ी संख्या में भाग लिया। यहां से बिहार के मुसलमानों में दो अलग-अलग गुट बंट गए।
उसके कुछ दिनों बाद बरेलवियों के केंद्र इदार ए शरईया पटना पहुंचे और बिहार की बरेलवी कयादत को सरकार में शामिल करके ओहदे दिए। इसलिए चुनाव में बरेलवी मुसलमानों ने नीतीश कुमार गठबंधन को वोट दिया। देवबंदी मुसलमानों ने कांग्रेस गठबंधन को वोट दिया। चुकी बिहार में 60 प्रतिशत बरेलवी मुसलमानों का वोट है।
अखिलेश यादव पर साधा निशाना
मौलाना ने उत्तर प्रदेश के आगामी चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी कुछ दिनों पहले बरेली आए थे। गली-गली घूम रहे थे। मगर वह दरगाह आला हजरत हाजरी देने के लिए नहीं आए। इससे प्रदेश के बरेलवी मुसलमानों को बहुत तकलीफ हुई है। प्रदेश में 60 फीसदी सुन्नी बरेलवी मुसलमानों की आबादी है। इतनी बड़ी आबादी को नजरअंदाज करना घातक साबित होगा। वह जब भी सहारनपुर जाते हैं तो दारूलउलूम देवबंद जरूर जाते हैं। वहीं हर साल लखनऊ के नदवा भी जाते हैं। मगर वह अब तक कभी भी दरगाह आला हजरत नहीं आए।