तिकुनिया। बॉर्डर पर बह रही मोहाना नदी के पार गांव चौगुर्जी सूरतनगर में प्राथमिक विद्यालय में बाढ़ का पानी अभी तक भरा है। इसके चलते नौनिहालों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। स्कूल से पानी निकालने का भी कोई जुगाड़ नहीं है।
मोहाना नदी के पार चौगुर्जी सूरतनगर गांव स्थित है। गांव के लोगों को तिकुनिया बाजार आने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर मोहाना नदी स्टीमर से पार करनी पड़ती है। गांव में करीब एक सौ से अधिक घर हैं। यहां के किसानों का मुख्य पेशा खेती तथा मछली पालन है। गांव में बच्चों की शिक्षा के लिए प्राथमिक विद्यालय हैं। प्रधानाचार्य रामनरेश ने बताया कि 165 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। यहां पर आठ शिक्षक नियुक्त हैं लेकिन बीते बुधवार को आई बाढ़ के चलते स्कूल में अभी भी दो फुट पानी भरा है। इसके चलते बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। स्कूल के शिक्षक तिकोनिया के विद्यालय में अटैच हैं। प्रधानाचार्य ने कहा के पानी निकलने पर ही शिक्षण कार्य शुरू हो सकेगा। संवाद
तिकुनिया। बॉर्डर पर बह रही मोहाना नदी के पार गांव चौगुर्जी सूरतनगर में प्राथमिक विद्यालय में बाढ़ का पानी अभी तक भरा है। इसके चलते नौनिहालों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। स्कूल से पानी निकालने का भी कोई जुगाड़ नहीं है।
मोहाना नदी के पार चौगुर्जी सूरतनगर गांव स्थित है। गांव के लोगों को तिकुनिया बाजार आने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर मोहाना नदी स्टीमर से पार करनी पड़ती है। गांव में करीब एक सौ से अधिक घर हैं। यहां के किसानों का मुख्य पेशा खेती तथा मछली पालन है। गांव में बच्चों की शिक्षा के लिए प्राथमिक विद्यालय हैं। प्रधानाचार्य रामनरेश ने बताया कि 165 बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। यहां पर आठ शिक्षक नियुक्त हैं लेकिन बीते बुधवार को आई बाढ़ के चलते स्कूल में अभी भी दो फुट पानी भरा है। इसके चलते बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। स्कूल के शिक्षक तिकोनिया के विद्यालय में अटैच हैं। प्रधानाचार्य ने कहा के पानी निकलने पर ही शिक्षण कार्य शुरू हो सकेगा। संवाद