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जलस्तर घटा तो कई जगह कटा दिखा तटबंध,
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मुड़िया के पास कटा तटबंध।
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कंडवा नदी भी उफनाई, लिलौटी मंदिर प्रांगण और सड़क पर बहने लगा पानी
महेवागंज/सुंदरवल (लखीमपुर खीरी)। फूलबेहड़ इलाके में कटे करसौर के पास शारदा नदी के कटे तटबंध को अभी बांधा नहीं जा सका है, जिससे बाढ़ का प्रकोप बढ़ गया है। कंडवा नदी उफनाई चल रही है। भारी बाढ़ से शहर के नजदीक पौराणिक लिलौटी मंदिर प्रांगण और सड़क पर पानी बहने लगा है। वहीं संबंधित विभाग ने तटबंध की मरम्मत के कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
बाढ़ की वजह से पूजागांव मुड़िया सहित कई जगह शारदा तटबंध कट चुका है। बाढ़ से पीड़ित लोग छतों और मचानों पर जीवन गुजार रहे हैं। लखहा, अलीगंज, लखहाभूड़, जहानपुर, दाउदपुर, बसैगापुर, गिरधरपुर, पूजा गांव, सिसौरा, खमरिया, मण्ठउवापुरवा, मौजमाबाद, देवरिया, सांभरचौरा, राजापुर, दुधवा, रघवापुर, हिंडोलना, बेलिहान, हजरतपुर सहित करीब चालीस से भी ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
करैहा फार्म और फूलबेहड़ से बेलिहान के बीच रपटा पुल के पास भी तेज धार के साथ पानी बह रहा है। कई गांवों में पानी में कई कच्चे घर गिर गए हैं, जबकि निचली जगहों पर बने घर जलमग्न हैं। पक्के घरों के लोग छतों पर डेरा डाले हैं। अनाज भीगकर खराब हो गया है तो धान अंकुरित होने लगे हैं। बाढ़ का पानी शहर के करीब पहुंच गया है। नाव से आवागमन हो रहा है। उधर, जंगपुर के पास क्षतिग्रस्त हुए तटबंध पर दरार और मरम्मत के काम में जुटे लोग रविवार को नदारद रहे।
फूलबेहड़ क्षेत्र के करीब 17 स्कूल जलमग्न
बाढ़ के बीच फूलबेहड़ क्षेत्र के करीब 17 परिषदीय स्कूल बंद हैं। रास्तों पर कई फुट पानी चल रहा है। बाढ़ के कारण बच्चों की पढ़ाई ठप है। इन स्कूलों के टीचर्स नजदीक के स्कूलों में हाजिरी लगा रहे हैं। बीईओ रामजनक वर्मा ने बताया कि बेड़हा सुतिया, खाम्भी, जंगल नं. 10, बालूगंज और शंकरपुरवा समेत करीब डेढ़ दर्जन स्कूल बाढ़ के कारण बंद हैं।
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महेवागंज/सुंदरवल (लखीमपुर खीरी)। फूलबेहड़ इलाके में कटे करसौर के पास शारदा नदी के कटे तटबंध को अभी बांधा नहीं जा सका है, जिससे बाढ़ का प्रकोप बढ़ गया है। कंडवा नदी उफनाई चल रही है। भारी बाढ़ से शहर के नजदीक पौराणिक लिलौटी मंदिर प्रांगण और सड़क पर पानी बहने लगा है। वहीं संबंधित विभाग ने तटबंध की मरम्मत के कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं।
बाढ़ की वजह से पूजागांव मुड़िया सहित कई जगह शारदा तटबंध कट चुका है। बाढ़ से पीड़ित लोग छतों और मचानों पर जीवन गुजार रहे हैं। लखहा, अलीगंज, लखहाभूड़, जहानपुर, दाउदपुर, बसैगापुर, गिरधरपुर, पूजा गांव, सिसौरा, खमरिया, मण्ठउवापुरवा, मौजमाबाद, देवरिया, सांभरचौरा, राजापुर, दुधवा, रघवापुर, हिंडोलना, बेलिहान, हजरतपुर सहित करीब चालीस से भी ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
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करैहा फार्म और फूलबेहड़ से बेलिहान के बीच रपटा पुल के पास भी तेज धार के साथ पानी बह रहा है। कई गांवों में पानी में कई कच्चे घर गिर गए हैं, जबकि निचली जगहों पर बने घर जलमग्न हैं। पक्के घरों के लोग छतों पर डेरा डाले हैं। अनाज भीगकर खराब हो गया है तो धान अंकुरित होने लगे हैं। बाढ़ का पानी शहर के करीब पहुंच गया है। नाव से आवागमन हो रहा है। उधर, जंगपुर के पास क्षतिग्रस्त हुए तटबंध पर दरार और मरम्मत के काम में जुटे लोग रविवार को नदारद रहे।
फूलबेहड़ क्षेत्र के करीब 17 स्कूल जलमग्न
बाढ़ के बीच फूलबेहड़ क्षेत्र के करीब 17 परिषदीय स्कूल बंद हैं। रास्तों पर कई फुट पानी चल रहा है। बाढ़ के कारण बच्चों की पढ़ाई ठप है। इन स्कूलों के टीचर्स नजदीक के स्कूलों में हाजिरी लगा रहे हैं। बीईओ रामजनक वर्मा ने बताया कि बेड़हा सुतिया, खाम्भी, जंगल नं. 10, बालूगंज और शंकरपुरवा समेत करीब डेढ़ दर्जन स्कूल बाढ़ के कारण बंद हैं।