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Lakhimpur Kheri News: बिगड़े खानपान से एनेमिक हो रहीं महिलाएं
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Sun, 14 Dec 2025 11:29 PM IST
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लखीमपुर खीरी। बिगड़े खानपान की वजह से महिलाएं एनेमिक हो रही हैं। पिछले दो महीनों के रिकाॅर्ड पर नजर डालें तो पचास से अधिक महिलाएं इससे पीड़ित मिलीं। चिकित्सकों का कहना है कि गर्भावस्था में महिलाओं को खास ध्यान देना होता है।
ठंड का मौसम गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है। इस मौसम में हरी सब्जियों की भरमार होती है। इन्हीं हरी सब्जियों का सेवन करने से महिलाओं के खून में बढ़ोतरी होती है। चिकित्सकों के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का खून कम होने लगता है।
अगर सही समय पर देखभाल न की गई तो गर्भवती महिलाएं एनेमिक हो जाती हैं। इससे शिुशु के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जिला महिला अस्पताल की चिकित्सक डॉ. अंजलि वर्मा ने बताया कि गर्भधारण के कुछ ही महीनों के बाद यह दिक्कत दिखाई देने लगती है।
लगातार घटते खून से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। जिला महिला अस्पताल की पैथोलाॅजी में हुई जांचों के मुताबिक, बीते दो महीनों में करीब 90 महिलाओं के अंदर सात यूनिट से कम खून पाया गया, जो एनेमिक का शिकार थीं। 11 यूनिट से कम वाली महिलाओं की संख्या पांच हजार से ऊपर है। चिकित्सक के मुताबिक, स्वस्थ महिला के भीतर कम से कम 12 यूनिट खून होना जरूरी है।
हेपेटाइटिस बी और सी के भी निकले मामले
महिला अस्पताल की पैथोलाॅजी में अगस्त से सिंतबर के बीच हुई जांचों में हेपेटाइटिस बी और सी के केस भी सामने आए। जांच में तीन महिलाएं हेपेटाइटिस सी का शिकार पाई गईं। चार महिलाओं के भीतर हेपेटाइटिस बी का संक्रमण पाया गया।
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ठंड का मौसम गर्भवती महिलाओं के लिए अच्छा माना जाता है। इस मौसम में हरी सब्जियों की भरमार होती है। इन्हीं हरी सब्जियों का सेवन करने से महिलाओं के खून में बढ़ोतरी होती है। चिकित्सकों के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का खून कम होने लगता है।
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अगर सही समय पर देखभाल न की गई तो गर्भवती महिलाएं एनेमिक हो जाती हैं। इससे शिुशु के स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव पड़ता है। जिला महिला अस्पताल की चिकित्सक डॉ. अंजलि वर्मा ने बताया कि गर्भधारण के कुछ ही महीनों के बाद यह दिक्कत दिखाई देने लगती है।
लगातार घटते खून से महिलाओं के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। जिला महिला अस्पताल की पैथोलाॅजी में हुई जांचों के मुताबिक, बीते दो महीनों में करीब 90 महिलाओं के अंदर सात यूनिट से कम खून पाया गया, जो एनेमिक का शिकार थीं। 11 यूनिट से कम वाली महिलाओं की संख्या पांच हजार से ऊपर है। चिकित्सक के मुताबिक, स्वस्थ महिला के भीतर कम से कम 12 यूनिट खून होना जरूरी है।
हेपेटाइटिस बी और सी के भी निकले मामले
महिला अस्पताल की पैथोलाॅजी में अगस्त से सिंतबर के बीच हुई जांचों में हेपेटाइटिस बी और सी के केस भी सामने आए। जांच में तीन महिलाएं हेपेटाइटिस सी का शिकार पाई गईं। चार महिलाओं के भीतर हेपेटाइटिस बी का संक्रमण पाया गया।