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Lalitpur News: बिना सैंपल देखे गुणवत्ता परखने वाले अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि
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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। बेसिक शिक्षा विभाग ने हाल में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के लिए जेम पोर्टल पर 52 लाख रुपये की धनराशि से 13 प्रकार के फर्नीचर की आपूर्ति मांगी थी। फर्म का चयन कर नामित कमेटी के चार अधिकारियों ने बिना सैंपल देखे पत्रावली आगे बढ़ा दी थी। यह मामला मुख्य विकास अधिकारी की जांच में उजागर हुआ था।
विकासखंड तालबेहट के ग्राम तरगुवां, मड़ावरा ब्लाॅक के ग्राम गौना, बार ब्लॉक के ग्राम बानपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तकरीबन 52 लाख रुपये की कीमत से फर्नीचर आपूर्ति की जानी है। टेंडर और फर्म चयन के बाद जांच समिति को नमूना देखकर सप्लाई की गुणवत्ता की जांच करनी थी। जांच समिति में नामित अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी, उपायुक्त उद्योग, आईटीआई प्रधानाचार्य व जिला विद्यालय निरीक्षक ने नमूनों को सही बताते हुए पत्रावली फाइनल हस्ताक्षर के लिए मुख्य विकास अधिकारी के पास प्रस्तुत की थी।
मुख्य विकास अधिकारी केके पांडे ने इसकी विस्तृत जांच के लिए मौके पर अर्थ एवं संख्या अधिकारी राजेश कुमार व सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग के रोहित त्रिपाठी को भेजा। जांच में 13 सैंपल की जगह सात ही मौके पर मिले, जिसमें से तीन सैंपल मानक अनुरूप नहीं पाए गए थे। इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी गई। उन्होंने जिलाधिकारी को पूरे प्रकरण से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने सभी चार अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए।

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विकासखंड तालबेहट के ग्राम तरगुवां, मड़ावरा ब्लाॅक के ग्राम गौना, बार ब्लॉक के ग्राम बानपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तकरीबन 52 लाख रुपये की कीमत से फर्नीचर आपूर्ति की जानी है। टेंडर और फर्म चयन के बाद जांच समिति को नमूना देखकर सप्लाई की गुणवत्ता की जांच करनी थी। जांच समिति में नामित अधिकारी बेसिक शिक्षा अधिकारी, उपायुक्त उद्योग, आईटीआई प्रधानाचार्य व जिला विद्यालय निरीक्षक ने नमूनों को सही बताते हुए पत्रावली फाइनल हस्ताक्षर के लिए मुख्य विकास अधिकारी के पास प्रस्तुत की थी।
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मुख्य विकास अधिकारी केके पांडे ने इसकी विस्तृत जांच के लिए मौके पर अर्थ एवं संख्या अधिकारी राजेश कुमार व सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग के रोहित त्रिपाठी को भेजा। जांच में 13 सैंपल की जगह सात ही मौके पर मिले, जिसमें से तीन सैंपल मानक अनुरूप नहीं पाए गए थे। इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को सौंपी गई। उन्होंने जिलाधिकारी को पूरे प्रकरण से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने सभी चार अधिकारियों के खिलाफ प्रतिकूल प्रविष्टि जारी करने के मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए।