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Lalitpur: मथुरा से पहले फरीदाबाद में भी करता रहा चिकित्सक बन इलाज, डॉक्टर बने इंजीनियर की जांच में नया खुलासा
संवाद न्यूज एजेंसी, ललितपुर
Published by: दीपक महाजन
Updated Mon, 22 Dec 2025 02:37 PM IST
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सार
जीजा की डिग्री पर फर्जी चिकित्सक बने इंजीनियर अभिनव सिंह की जांच में नया खुलासा सामने आया है। अभिनव मथुरा से पहले फरीदाबाद में भी चिकित्सक बनकर इलाज करता रहा। पुलिस उसके बारे में और जानकारियां जुटा रही है।
चिकित्सक बनकर इलाज करने वाला इंजीनियर अभिनव
- फोटो : संवाद
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विस्तार
अमेरिका में रहने वाले बहनोई (डॉ. राजीव गुप्ता) के नाम पर तीन साल तक कार्डियोलॉजिस्ट की नौकरी करने के आरोप में गिरफ्तार अभिनव सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि 2019 में मथुरा के मेडिकल कॉलेज में नौकरी करने से पहले उसने हरियाणा के फरीदाबाद में भी चिकित्सक की नौकरी की थी। यह तथ्य सामने आने के बाद पुलिस की टीम हरियाणा के फरीदाबाद जाकर जांच पड़ताल करने में जुटी हुई है।
जानकारियां जुटाने में लगा प्रशासन
वर्ष 1999 में कस्टम विभाग की ओर से भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई से बचने के लिए अभिनव सिंह ने 20 साल तक अपनी पहचान छिपाकर फरारी काटी। इस दौरान अभिनव सिंह ने अपने अमेरिका में रहने वाले बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता की पहचान चुराई और उसके नाम से कूटरचित दस्तावेज बनवाता गया। अभिनव सिंह ने आधार कार्ड, पैनकार्ड, चिकित्सकीय डिग्री सहित अन्य सभी कागजात डॉ. राजीव गुप्ता के नाम पर बनवा लिए थे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, फरीदाबाद में टीम यह पता करेगी कि उसने यहां कब से कब तक और कहां नौकरी की है। इसके साथ अन्य जानकारी भी हासिल करेगी।
पलवल में बने ड्राइविंग लाइसेंस के अभिलेख जुटाए
अभिनव सिंह द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच करने वाली पुलिस टीम को ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला, जो हरियाणा के पलवल में बनवाया गया था। इसे लेकर पुलिस टीम पलवल पहुंचकर परिवहन विभाग से अभिलेख जुटाने में लगी है।
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जानकारियां जुटाने में लगा प्रशासन
वर्ष 1999 में कस्टम विभाग की ओर से भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने के बाद सीबीआई से बचने के लिए अभिनव सिंह ने 20 साल तक अपनी पहचान छिपाकर फरारी काटी। इस दौरान अभिनव सिंह ने अपने अमेरिका में रहने वाले बहनोई डॉ. राजीव गुप्ता की पहचान चुराई और उसके नाम से कूटरचित दस्तावेज बनवाता गया। अभिनव सिंह ने आधार कार्ड, पैनकार्ड, चिकित्सकीय डिग्री सहित अन्य सभी कागजात डॉ. राजीव गुप्ता के नाम पर बनवा लिए थे। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, फरीदाबाद में टीम यह पता करेगी कि उसने यहां कब से कब तक और कहां नौकरी की है। इसके साथ अन्य जानकारी भी हासिल करेगी।
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पलवल में बने ड्राइविंग लाइसेंस के अभिलेख जुटाए
अभिनव सिंह द्वारा किए गए फर्जीवाड़े की जांच करने वाली पुलिस टीम को ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला, जो हरियाणा के पलवल में बनवाया गया था। इसे लेकर पुलिस टीम पलवल पहुंचकर परिवहन विभाग से अभिलेख जुटाने में लगी है।
