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Lalitpur News: खरीद प्रक्रिया में मानक के विपरीत पाए गए फर्नीचर
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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। जेम पोर्टल से कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में फर्नीचर की आपूर्ति की जानी थी। बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्नीचर क्रय करने की तैयार की। तीन सदस्यीय टीम ने गुणवत्ता पर मुहर लगाते हुए पत्रावली को आगे बढ़ा दिया। मुख्य विकास अधिकारी के पास खरीद की पत्रावली आई तो उन्होंने इसकी गुणवत्ता की जांच जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी व लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता को सौंपी। जांच में मौके पर 13 आइटम में सात ही पाए गए। उनमें से तीन सामग्री की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई।
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में 13 प्रकार के फर्नीचर की आपूर्ति होनी थी। इस आपूर्ति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्नीचर की आपूर्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए मुख्य विकास अधिकारी के पास पत्रावली भेजी। मुख्य विकास अधिकारी ने फर्नीचर की गुणवत्ता की जांच के लिए जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राजेश कुमार सिंह व लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रोहित त्रिपाठी को नियुक्त किया। टीम ने मौके पर जाकर आपूर्ति के नमूनों को देखा, तो पाया कि वहां 13 की जगह सात सैंपल मौजूद थे। चार सैंपल डाइनिंग टेबल, डाइनिंग बेंच, स्टडी टेबल व कुर्सी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप पाई गई। वहीं, तीन सैंपल मेट्रस, बेंच व पलंग मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को सौंप दी है।
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जांच रिपोर्ट में कई तथ्य उजागर : बेसिक शिक्षा विभाग की इस खरीद में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें डीएम, सीडीओ, बीएसए, आईटीआई प्रधानाचार्य व उपायुक्त उद्योग शामिल थे। मुख्य विकास अधिकारी के पास जो पत्रावली पहुंची उसे बीएसए, आईटीआई प्रधानाचार्य व उपायुक्त उद्योग पास कर चुके थे। जब 13 में सात सैंपल ही वहां थे तो पूरे 13 आइटम की कैसे अन्य अधिकारियों ने जांच कर दी। अगर मुख्य विकास अधिकारी इस प्रकरण की जांच नहीं कराते तो आपूर्ति में बड़ा घालमेल हो जाता।
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कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में फर्नीचर आपूर्ति में 13 आइटम में सात के सैंपल पाए गए, उनमें से तीन सामग्री की गुणवत्ता विभागीय मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। पूरा फर्नीचर होने पर दोबारा जांच कराई जाएगी। -केके पांडेय, सीडीओ

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कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में 13 प्रकार के फर्नीचर की आपूर्ति होनी थी। इस आपूर्ति के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्नीचर की आपूर्ति प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए मुख्य विकास अधिकारी के पास पत्रावली भेजी। मुख्य विकास अधिकारी ने फर्नीचर की गुणवत्ता की जांच के लिए जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी राजेश कुमार सिंह व लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता रोहित त्रिपाठी को नियुक्त किया। टीम ने मौके पर जाकर आपूर्ति के नमूनों को देखा, तो पाया कि वहां 13 की जगह सात सैंपल मौजूद थे। चार सैंपल डाइनिंग टेबल, डाइनिंग बेंच, स्टडी टेबल व कुर्सी बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप पाई गई। वहीं, तीन सैंपल मेट्रस, बेंच व पलंग मानक के अनुरूप नहीं पाए गए। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को सौंप दी है।
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जांच रिपोर्ट में कई तथ्य उजागर : बेसिक शिक्षा विभाग की इस खरीद में जिला स्तरीय कमेटी का गठन किया गया था, जिसमें डीएम, सीडीओ, बीएसए, आईटीआई प्रधानाचार्य व उपायुक्त उद्योग शामिल थे। मुख्य विकास अधिकारी के पास जो पत्रावली पहुंची उसे बीएसए, आईटीआई प्रधानाचार्य व उपायुक्त उद्योग पास कर चुके थे। जब 13 में सात सैंपल ही वहां थे तो पूरे 13 आइटम की कैसे अन्य अधिकारियों ने जांच कर दी। अगर मुख्य विकास अधिकारी इस प्रकरण की जांच नहीं कराते तो आपूर्ति में बड़ा घालमेल हो जाता।
कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में फर्नीचर आपूर्ति में 13 आइटम में सात के सैंपल पाए गए, उनमें से तीन सामग्री की गुणवत्ता विभागीय मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। पूरा फर्नीचर होने पर दोबारा जांच कराई जाएगी। -केके पांडेय, सीडीओ