सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   lucknow becomes accident capital

आखिर क्यों खून की प्यासी हैं राजधानी की राहें!

लखनऊ/इंटरनेट डेस्क Updated Fri, 28 Jun 2013 11:13 AM IST
विज्ञापन
lucknow becomes accident capital

लखनऊ में ट्रैफिक व्यवस्था रामभरोसे है। भई, यह बात हम नहीं बल्कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट से पता चलता है।

विज्ञापन
loader
Trending Videos


सड़क दुर्घटनाएं आए दिन कई परिवारों की खुशियां लील रही हैं। तमाम दावों और कवायदों के बावजूद सड़क हादसों पर लगाम कसने की कोशिशें नाकाम ही साबित हुईं और हो रही हैं।

विज्ञापन
विज्ञापन


क्या कहते हैं आंकड़ें
नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की वर्ष 2012 की रिपोर्ट के मुताबिक, लखनऊ में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का प्रतिशत देश के 53 बड़े शहरों में सबसे ज्यादा है। यहां विभिन्न हादसों में हुई 538 मौतों में से अकेले 525 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं। जो कुल मौतों का करीब 97.6 प्रतिशत है।

डीएल भी फर्जी का
नेशनल और स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल के सदस्य रहे एसपी सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश और खास तौर से राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था रामभरोसे ही है। जिलों में बनी डिस्ट्रिक रोड सेफ्टी काउंसिल से जुड़े विभागों के बीच समन्वय नहीं है। ड्राइविंग लाइसेंस बिना फिजिकल टेस्ट के जारी किए जा रहे हैं।

'दौड़ेंगे आवारा जानवर तो जानें तो जाएंगी ही'
अतिक्रमण पर कहीं रोक नहीं है। आवारा जानवर सड़कों पर छुट्टा घूमते हैं। ट्रैफिक की कोई सुचारु व्यवस्था नहीं है तो हादसे तो होंगे ही और लोग बेवजह सड़कों पर जान गंवाएंगे। एसपी सिंह कहते हैं कि राज्य में सालों से स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल की बैठक ही नहीं हुई है। चाहे सरकार हो या अधिकारी किसी को लोगों की सुरक्षा की चिंता ही नहीं है।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed