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Maharajganj News: परिषदीय 1263 विद्यार्थियों की बढ़ेगी कक्षा टाइमिंग
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महराजगंज। जिले के 1263 दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए परिषदीय स्कूलों में अतिरिक्त अवधि तक कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। शिक्षा महानिदेशक के प्राप्त निर्देश क्रम में बेसिक शिक्षा अधिकारी ने इसे सभी 1500 कै लगभग संचालित परिषदीय स्कूलों को प्रभावी बनाने का निर्देश दिया है। 31 अक्तूबर से 30 नवंबर तक यह व्यवस्था डिस्लेक्सिया जागरूकता के तहत किया जा रहा।
बोलने, लिखने या पढ़ने में दिक्कत वाले डिस्लेक्सिया से पीड़ित विद्यार्थियों के लिए परिषदीय स्कूलों में विशेष शिक्षण प्रबंध प्रभावी किए गये हैं। दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों को मुख्य भूमिका में लाने के लिए अतिरिक्त समय तक कक्षाएं संचालित की जाएंगी। 31 अक्तूबर से डिस्लेक्सिया माह के तहत जागरूकता के विविध कार्यक्रम भी स्कूलों में होंगे। शिक्षा महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में जागरूकता रैली, अभिभावक व अध्यापक गोष्ठी, संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिससे लिखने व पढ़ने में वर्तनी संबंधी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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क्या है डिस्लेक्सिया रोग-
जिला अस्पताल के सीएमएस डाॅ. एके द्विवेदी ने बताया कि डिस्लेक्सिया पीड़ित बच्चों में पढ़ने में दिक्कत, लिखने और वर्तनी की समस्या होती है। बच्चे सीधे अक्षर को उल्टा लिखते हैं। ऐसे बच्चों को बोलने, भाषा, पढ़ने, स्पेलिंग, गणित, शब्द या अंक की सही तरह से पहचान करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि बेहतर ढंग से समझाने पर बच्चे चीजों को समझने लगते हैं।
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विश्व डिस्लेक्सिया दिवस अक्तूबर में मनाया जाता है। इसी के तहत शिक्षा महानिदेशक कार्यालय से एक माह तक जागरूकता के संदर्भ में निर्देश मिले हैं। इसे एक माह तक परिषदीय स्कूलों में प्रभावी कराया जाएगा। रिद्धि पांडेय, बीएसए।

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बोलने, लिखने या पढ़ने में दिक्कत वाले डिस्लेक्सिया से पीड़ित विद्यार्थियों के लिए परिषदीय स्कूलों में विशेष शिक्षण प्रबंध प्रभावी किए गये हैं। दिव्यांगता वाले विद्यार्थियों को मुख्य भूमिका में लाने के लिए अतिरिक्त समय तक कक्षाएं संचालित की जाएंगी। 31 अक्तूबर से डिस्लेक्सिया माह के तहत जागरूकता के विविध कार्यक्रम भी स्कूलों में होंगे। शिक्षा महानिदेशक स्कूल शिक्षा के निर्देश पर जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में जागरूकता रैली, अभिभावक व अध्यापक गोष्ठी, संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिससे लिखने व पढ़ने में वर्तनी संबंधी कठिनाई का सामना न करना पड़े।
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क्या है डिस्लेक्सिया रोग-
जिला अस्पताल के सीएमएस डाॅ. एके द्विवेदी ने बताया कि डिस्लेक्सिया पीड़ित बच्चों में पढ़ने में दिक्कत, लिखने और वर्तनी की समस्या होती है। बच्चे सीधे अक्षर को उल्टा लिखते हैं। ऐसे बच्चों को बोलने, भाषा, पढ़ने, स्पेलिंग, गणित, शब्द या अंक की सही तरह से पहचान करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि बेहतर ढंग से समझाने पर बच्चे चीजों को समझने लगते हैं।
विश्व डिस्लेक्सिया दिवस अक्तूबर में मनाया जाता है। इसी के तहत शिक्षा महानिदेशक कार्यालय से एक माह तक जागरूकता के संदर्भ में निर्देश मिले हैं। इसे एक माह तक परिषदीय स्कूलों में प्रभावी कराया जाएगा। रिद्धि पांडेय, बीएसए।