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Maharajganj News: कस्तूरबा में म्यूजिक लैब, बेटियां संगीत में होंगी निपुण
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महराजगंज। जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की 1300 बेटियां संगीत में महारत हासिल करेंगी। प्रत्येक केजीबीवी में म्यूजिक लैब के लिए 9.75 लाख रुपये तीन माह पहले अवमुक्त किए गये। अब नवंबर इस लैब का सत्यापन रिपोर्ट बीएसए शासन को भेजेंगी जिससे यह पुष्टि हो सके की जारी धनराशि का उपयोग हो रहा है।
लोक संगीत, रचनात्मकता बढ़ाने के लिए 13 कस्तूरबा स्कूलों को वाद्य यंत्र खरीदने के लिए धन अव मुक्त करके बेटियों को संगीत का ज्ञान देने का प्रबंध हुआ। म्यूजिक लैब में छात्राओं को लोक संगीत के साथ-साथ अन्य संगीत विधाओं की जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे छात्राएं संगीत रुचि रखते हुए अपने कौशल को बेहतर बना सकेंगी। यह सुविधा न केवल शिक्षा को रोचक बनाएगी, बल्कि उनकी आत्मविश्वास और सांस्कृतिक जागरूकता को भी बढ़ाएगी। विद्यालयों में संगीत शिक्षा की शुरुआत के साथ ही अंतरविद्यालयी प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी संभावना बढ़ जाएगी। इससे छात्राओं को मंच पर प्रस्तुति देने का अवसर मिलेगा और वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगी। इसके अलावा संगीत से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेने से छात्राओं की मानसिक और सामाजिक विकास में भी मदद मिलेगी।
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विरासत से जोड़ने का प्रयत्न-
शासन की यह पहल सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का एक माध्यम भी है। लोक संगीत की कक्षाओं में बेटियों को पारंपरिक गीत, वाद्ययंत्र और संगीत की समझ बढ़ेगी। म्यूजिक लैब की स्थापना से संगीत के प्रति रुचि बढ़ेगी और कला के महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।
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तीन माह पहले सभी कस्तूरबा गांधी स्कूलों के लिए 9.75 लाख रुपये अव मुक्त कर म्यूजिक लैब स्थापित करने का निर्देश दिए गए थे। नवंबर में लैब का सत्यापन कराकर रिपोर्ट भेजी जाएगी। रिद्धि पांडेय, बीएसए

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लोक संगीत, रचनात्मकता बढ़ाने के लिए 13 कस्तूरबा स्कूलों को वाद्य यंत्र खरीदने के लिए धन अव मुक्त करके बेटियों को संगीत का ज्ञान देने का प्रबंध हुआ। म्यूजिक लैब में छात्राओं को लोक संगीत के साथ-साथ अन्य संगीत विधाओं की जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे छात्राएं संगीत रुचि रखते हुए अपने कौशल को बेहतर बना सकेंगी। यह सुविधा न केवल शिक्षा को रोचक बनाएगी, बल्कि उनकी आत्मविश्वास और सांस्कृतिक जागरूकता को भी बढ़ाएगी। विद्यालयों में संगीत शिक्षा की शुरुआत के साथ ही अंतरविद्यालयी प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी संभावना बढ़ जाएगी। इससे छात्राओं को मंच पर प्रस्तुति देने का अवसर मिलेगा और वे अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगी। इसके अलावा संगीत से जुड़ी गतिविधियों में हिस्सा लेने से छात्राओं की मानसिक और सामाजिक विकास में भी मदद मिलेगी।
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विरासत से जोड़ने का प्रयत्न-
शासन की यह पहल सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का एक माध्यम भी है। लोक संगीत की कक्षाओं में बेटियों को पारंपरिक गीत, वाद्ययंत्र और संगीत की समझ बढ़ेगी। म्यूजिक लैब की स्थापना से संगीत के प्रति रुचि बढ़ेगी और कला के महत्व को समझने का अवसर मिलेगा।
तीन माह पहले सभी कस्तूरबा गांधी स्कूलों के लिए 9.75 लाख रुपये अव मुक्त कर म्यूजिक लैब स्थापित करने का निर्देश दिए गए थे। नवंबर में लैब का सत्यापन कराकर रिपोर्ट भेजी जाएगी। रिद्धि पांडेय, बीएसए