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Maharajganj News: निजी उपयोग का झांसा देकर डंप कर रहे दाल...फिर पहुंचा रहे नेपाल
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महराजगंज/सोनौली। भारत और नेपाल में अरहर, चना और मटर के दालों में 50 से 115 रुपये के अंतर का फायदा तस्कर उठा रहे हैं। भारत में सस्ती दालों को खरीदकर नेपाल के सीमावर्ती इलाकों में तस्कर डंप कर रहे हैं। इसके बाद एक-दो बोरी कैरियर के माध्यम से बॉर्डर के पार पहुंचाया जा रहा है। तस्करी के इस खेल में धंधेबाज मोटा मुनाफा कमा रहे हैं बीते दिनों नेपाल के भैरहवा में 240 बोरी दाल बरामद हुई थी।
जानकारी के अनुसार, भारतीय क्षेत्र में चने की दाल 85 रुपये प्रतिकिलो है और यही दाल नेपाल में 140 रुपये है। अरहर की दाल भारत में 95 से 100 रुपये प्रति किलो है। नेपाल में 210 रुपये में बिकती है। जबकि मटर की दाल भारत में 45 से 50 रुपये प्रति किलो है। नेपाल पहुंचते ही यह दाल 105 रुपये प्रति किलो हो जाती है। दोनों देशों में दाल के रेट में अंतर के कारण तस्कर भारत की दाल को नेपाल में भेजकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं नेपाल सीमा से सटे दुकानदार भी चार से पांच रुपये अधिक रेट पर दाल बेचते हैं। रेट में अधिक अंतर के कारण दुकानदारों के पास स्टाक से अधिक ऑर्डर होते हैं।
ऐसे दुकानों पर खरीद बिक्री का उचित लेखा-जोखा भी उपलब्ध होता है और दुकानदार अच्छी कमाई भी कर लेते हैं। हाल के दिनों में नेपाल सीमा के पास कई बार दाल पकड़े जा चुके हैं। नेपाल पुलिस की छापेमारी में इसी सप्ताह दो अलग गोदाम से भारी मात्रा में चने और मटर की दाल पुलिस ने बरामद किया है। तस्कर दालों को पहले सीमावर्ती क्षेत्र में बने गोदाम में डंप कर लेते हैं। फिर एक दो बोरी कर नेपाल पहुंचाते हैं। सूचना या जांच होने के बाद माल पकड़ा जाता है। नहीं तो सामान गंतव्य तक पहुंच जाता है। सूत्रों की मानें तो सोनौली कोतवाली क्षेत्र के पगडंडियों के रास्ते खाद्यान्न की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। बॉर्डर पर स्थित ग्रामीणों ने बताया कि तस्कर रात में अंधेरे का लाभ उठाकर नेपाल की ओर दाल की बाेरी लेकर चले जाते हैं। नेपाल में अरहर की दाल मटर, चना, मसूर जैसे प्रमुख दालों के मूल्य में भी काफी अंतर है। भारत के महानगरों दिल्ली, पंजाब, से दालों की खेप बॉर्डर तक आसानी से पहुंच जाती है। तस्करों के नेटवर्क में गड़बड़ी होने पर पोल खुल जाती है तो पकड़ में आ जाते हैं।
नेपाल रूपनदेही डीएसपी सूरज कार्की ने बताया कि बीते दिन गल्ला मंडी स्थित राज एंटरप्राइजेज के यहां छापेमारी कर 240 बोरी चने की दाल बरामद कर भैरहवा भंसार को सौंप दिया गया था। इसके नेटवर्क के बारे में जांच की जा रही है। क्षेत्र में कड़ी निगरानी की जा रही है।
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जानकारी के अनुसार, भारतीय क्षेत्र में चने की दाल 85 रुपये प्रतिकिलो है और यही दाल नेपाल में 140 रुपये है। अरहर की दाल भारत में 95 से 100 रुपये प्रति किलो है। नेपाल में 210 रुपये में बिकती है। जबकि मटर की दाल भारत में 45 से 50 रुपये प्रति किलो है। नेपाल पहुंचते ही यह दाल 105 रुपये प्रति किलो हो जाती है। दोनों देशों में दाल के रेट में अंतर के कारण तस्कर भारत की दाल को नेपाल में भेजकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं नेपाल सीमा से सटे दुकानदार भी चार से पांच रुपये अधिक रेट पर दाल बेचते हैं। रेट में अधिक अंतर के कारण दुकानदारों के पास स्टाक से अधिक ऑर्डर होते हैं।
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ऐसे दुकानों पर खरीद बिक्री का उचित लेखा-जोखा भी उपलब्ध होता है और दुकानदार अच्छी कमाई भी कर लेते हैं। हाल के दिनों में नेपाल सीमा के पास कई बार दाल पकड़े जा चुके हैं। नेपाल पुलिस की छापेमारी में इसी सप्ताह दो अलग गोदाम से भारी मात्रा में चने और मटर की दाल पुलिस ने बरामद किया है। तस्कर दालों को पहले सीमावर्ती क्षेत्र में बने गोदाम में डंप कर लेते हैं। फिर एक दो बोरी कर नेपाल पहुंचाते हैं। सूचना या जांच होने के बाद माल पकड़ा जाता है। नहीं तो सामान गंतव्य तक पहुंच जाता है। सूत्रों की मानें तो सोनौली कोतवाली क्षेत्र के पगडंडियों के रास्ते खाद्यान्न की तस्करी बड़े पैमाने पर हो रही है। बॉर्डर पर स्थित ग्रामीणों ने बताया कि तस्कर रात में अंधेरे का लाभ उठाकर नेपाल की ओर दाल की बाेरी लेकर चले जाते हैं। नेपाल में अरहर की दाल मटर, चना, मसूर जैसे प्रमुख दालों के मूल्य में भी काफी अंतर है। भारत के महानगरों दिल्ली, पंजाब, से दालों की खेप बॉर्डर तक आसानी से पहुंच जाती है। तस्करों के नेटवर्क में गड़बड़ी होने पर पोल खुल जाती है तो पकड़ में आ जाते हैं।
नेपाल रूपनदेही डीएसपी सूरज कार्की ने बताया कि बीते दिन गल्ला मंडी स्थित राज एंटरप्राइजेज के यहां छापेमारी कर 240 बोरी चने की दाल बरामद कर भैरहवा भंसार को सौंप दिया गया था। इसके नेटवर्क के बारे में जांच की जा रही है। क्षेत्र में कड़ी निगरानी की जा रही है।
