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Mahoba News: प्रत्येक शनिवार को होगी बाल सभा, आंख मिचौली खेलेंगे बच्चे
संवाद न्यूज एजेंसी, महोबा
Updated Thu, 08 May 2025 11:41 PM IST
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महोबा। परिषदीय स्कूलों के बच्चों को संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने के लिए प्रत्येक शनिवार को स्कूलों में बाल सभा आयोजित की जाएंगी। इसमें बच्चों के विभिन्न खेल होंगे। जरूरी जानकारियां भी साझा की जाएंगी।
बाल सभा के आयोजन को लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक गणेश कुमार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कहा है कि नई शिक्षा नीति-2020 बच्चे को वर्तमान आधुनिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ाते हुए पुरानी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने पर जोर देती है। इसमें किशोरावस्था शिक्षा एवं स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत परंपरागत खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही सप्ताह में प्रत्येक शनिवार को विद्यालय में बाल सभा का आयोजन होगा। इसके बाद खेल होंगे। खेलों में इत्ता बित्ता, विष-अमृत और आइस-पाइस, आंख मिचौली, चिका-चिकाई, इक्कट-दुक्कट, कोड़ामार, मलखंभ, कयारीपट्टू, थांग-ता और गतका भी खेल कैलेंडर में शामिल किया गया है। माह मई में आंख मिचौली खेल का आयोजन कराया जाएगा। जारी कैलेंडर में सभी खेलों के बारे में भी जानकारी दी गई है। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 840 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। इनमें अध्ययनरत करीब 70 हजार छात्र-छात्राओं को बाल सभा के दौरान परंपरागत खेलों में शामिल किया जाएगा।
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बाल सभा के आयोजन को लेकर राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक गणेश कुमार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कहा है कि नई शिक्षा नीति-2020 बच्चे को वर्तमान आधुनिक व्यवस्था के साथ आगे बढ़ाते हुए पुरानी संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहने पर जोर देती है। इसमें किशोरावस्था शिक्षा एवं स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत परंपरागत खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही सप्ताह में प्रत्येक शनिवार को विद्यालय में बाल सभा का आयोजन होगा। इसके बाद खेल होंगे। खेलों में इत्ता बित्ता, विष-अमृत और आइस-पाइस, आंख मिचौली, चिका-चिकाई, इक्कट-दुक्कट, कोड़ामार, मलखंभ, कयारीपट्टू, थांग-ता और गतका भी खेल कैलेंडर में शामिल किया गया है। माह मई में आंख मिचौली खेल का आयोजन कराया जाएगा। जारी कैलेंडर में सभी खेलों के बारे में भी जानकारी दी गई है। जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 840 परिषदीय स्कूल संचालित हैं। इनमें अध्ययनरत करीब 70 हजार छात्र-छात्राओं को बाल सभा के दौरान परंपरागत खेलों में शामिल किया जाएगा।
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