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Mainpuri News: साहिबजादे, माता गुजरी और अन्य बलिदानी किए गए याद
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फ़ोटो गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देते सिख समाज के लोग। संवाद
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भोगांव। चार साहिबजादे के बलिदान सप्ताह की शुरुआत नगर के गुरुद्वारा में शनिवार से हुई। सिख समाज ने श्रद्धा भाव के साथ बलिदान हुए साहिबजादों, माता गुजरी तथा अन्य बलिदानियों का स्मरण किया।
सिंधी गली स्थित गुरुद्वारा में चार साहिबजादों के बलिदान सप्ताह की शुरुआत सुबह सुखमणि साहब के पाठ से की गई। मूल मंत्र का स्मरण किया गया। मुख्य ग्रंथी अर्षदीप कौर ने संगत को सिख इतिहास के बारे में बताया कि दसवें गुरु गोविंद सिंह ने मुगल शासकों के साथ अनेक युद्ध लड़े।
इसी दौरान वह आनंदपुर साहिब के किले में अपनी फौज तथा परिवार सहित डटकर मुगल सेना के साथ लड़ते रहे। जब औरंगजेब ने गुरु जी के पास दूत को कुरान देकर उसे हाजिर नाजिर मानते हुए किला छोड़ने तथा उन्हें वहां से सुरक्षित निकलने का प्रस्ताव भेजा। गुरु गोविंद सिंह ने विश्वास कर ज्यों ही परिवार तथा अपनी फौज सहित किला छोडा त्यों ही मुगल शासकों ने आक्रमण कर दिया।
युद्ध में दो साहिबजादे बलिदान हो गए। इस्लाम को ना कबूल करते हुए युद्ध करना मंजूर किया और अपने साहिबजादे तथा माता गुजरी का बलिदान दिया। अंत में अरदास की गई। बलिदान सप्ताह 28 दिसंबर तक मनाया जाएगा। सरदार सोहन सिंह, सतनाम सिंह, हरबंस लाल, रघुवीर सलूजा, जोगिंदर लाल, दलजीत कौर, सिमरनजीत सिंह, गोविंद अवस्थी मौजूद रहे।
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इसी दौरान वह आनंदपुर साहिब के किले में अपनी फौज तथा परिवार सहित डटकर मुगल सेना के साथ लड़ते रहे। जब औरंगजेब ने गुरु जी के पास दूत को कुरान देकर उसे हाजिर नाजिर मानते हुए किला छोड़ने तथा उन्हें वहां से सुरक्षित निकलने का प्रस्ताव भेजा। गुरु गोविंद सिंह ने विश्वास कर ज्यों ही परिवार तथा अपनी फौज सहित किला छोडा त्यों ही मुगल शासकों ने आक्रमण कर दिया।
युद्ध में दो साहिबजादे बलिदान हो गए। इस्लाम को ना कबूल करते हुए युद्ध करना मंजूर किया और अपने साहिबजादे तथा माता गुजरी का बलिदान दिया। अंत में अरदास की गई। बलिदान सप्ताह 28 दिसंबर तक मनाया जाएगा। सरदार सोहन सिंह, सतनाम सिंह, हरबंस लाल, रघुवीर सलूजा, जोगिंदर लाल, दलजीत कौर, सिमरनजीत सिंह, गोविंद अवस्थी मौजूद रहे।

फ़ोटो गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देते सिख समाज के लोग। संवाद

फ़ोटो गुरुद्वारा में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देते सिख समाज के लोग। संवाद
