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यूपी पुलिस भर्ती: मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर रिश्वत, डॉक्टर के गिरफ्तार होते ही...पत्नी ने मिटा दिए सबूत

संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा Published by: अमर उजाला ब्यूरो Updated Wed, 07 May 2025 10:08 AM IST
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सार

यूपी पुलिस भर्ती में मेडिकल सर्टिफिकेट के नाम पर मोटी कमाई करने वाली चिकित्सक की पत्नी भी शातिर निकली। पुलिस ने जैसे ही पति को गिरफ्तार किया, तो उसने बाथरूम में जाकर सारे सबूत जला दिए।  

After police pressure, the doctor's wife opened the bathroom door
डॉक्टर - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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मथुरा में रिश्वतखोरी के आरोप में चिकित्सक और उसके दो साथियों की गिरफ्तारी की जानकारी जैसे ही हॉस्पीटल में बैठी पत्नी डॉ. शिवानी प्रभाकर को लगी, वह तुरंत ही अस्पताल के ऊपर बने अपने आवास में चली गईं। यहां डॉ. शिवानी ने एक कमरे से रखे कागजात निकाले और कागजातों को लेकर सीधे बाथरूम में घुस गईं। यहां उन्होंने सभी कागजातों को आग लगा दी और इसके बाद अवशेषों पर पानी डालकर उसे नाली में बहा दिया। पुलिस ने जब दरवाजा खोलने के लिए बोला तो काफी देर तक चिकित्सक की पत्नी ने दरवाजा नहीं खोला।
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पुलिस ने जब सख्ती की तब जाकर चिकित्सक की पत्नी ने बाथरूम का दरवाजा खोला। दरवाजा खुलने के बाद पुलिस ने मौके पर फॉरेंसिक टीम को बुला लिया। फॉरेंसिक टीम ने नाली से अभ्यर्थियों के जले हुए एडमिट कार्ड के अवशेष निकाल लिए। एसएसपी शलोक कुमार ने बताया कि चिकित्सक की पत्नी ने फिल्मी स्टाइल में साक्ष्य मिटाने का प्रयास किया, लेकिन फॉरेंसिक टीम ने नाली में से भी कागजातों को निकाल लिया। इन्हीं साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सक से पूछताछ जारी है। अभी तक यह जानकारी नहीं हो पाई है कि चिकित्सक ने कितने अभ्यर्थियों से पास करने के नाम पर पैसे वसूले। फॉरेंसिक टीम की रिपोर्ट और पूछताछ के बाद ही पता चलेगा कि चिकित्सक और उनकी टीम ने कितने अभ्यर्थियों को अपने जाल में फंसाया।

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पत्नी ने नाम अस्पताल का पंजीकरण कर चला रहा था अस्पताल
एसएसपी ने बताया कि जिला अस्पताल में ईएमओ के पद पर तैनात डॉ. हरिनारायण प्रभाकर का हाइवे पर प्रभाकर हॉस्पिटल है। अस्पताल का पंजीकरण चिकित्सक ने अपनी पत्नी डॉ. शिवानी प्रभाकर के नाम से करा रखा है। जबकि अस्पताल को वह स्वयं संचालित करते हैं। जबकि नियमानुसार जिला अस्पताल में तैनात कोई भी चिकित्सक प्राइवेट प्रैक्टिस नहीं कर सकता है। जिला अस्पताल अभी भी कई ऐसे हैं जिन्होंने अपने परिजनों के नाम पर हॉस्पिटल का पंजीकरण करा रखा है और जिला अस्पताल के स्थान पर अपने हॉस्पिटल में मरीजों को देखते हैं। यहां तक कि कुछ चिकित्सक तो ऐसे हैं जो कि जिला अस्पताल ही इसलिए आते हैं कि यहां से मरीजों को वह अपने अस्पताल भेज सके। सीएमएस डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि ऐसे चिकित्सकों को नोटिस जारी किया जाएगा।

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दो दिन पहले महिला की मौत पर हुआ था अस्पताल में हंगामा
एसएसपी श्लोक सिंह ने बताया कि डॉ. प्रभाकर के अस्पताल पर दो दिन पहले एक महिला की मौत हो गई थी। इसको लेकर परिजन ने चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजन को समझा बुझाकर शांत किया था। परिजन ने महिला का पोस्टमार्टम नहीं कराया। न ही कोई तहरीर दी। इस कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई।


 

ड्यूटी छोड़कर कार में सोते मिले थे ईएमओ, वीडियो हुआ था वायरल
जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक डॉ. हरिनारायण प्रभाकर पहले भी विवाद में घिरे रहे हैं। 16 अप्रैल की रात को वह ड्यूटी पर तैनात थे, लेकिन अपनी कुर्सी के स्थान पर कार में सोते हुए मिले। इसकी किसी ने वीडियो बना ली। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो स्वास्थ्य विभाग में अफरा-तफरी मच गई। आनन-फानन में पूर्व सीएमएस डॉ. मुकुंद बंसल ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। जांच की जिम्मेदारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. संजीव यादव, रेडियोलॉजिस्ट देवेंद्र सिंह और सर्जन रमेश चंद्रा को सौंपी गई। कमेटी को एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिए। साथ ही स्पष्ट किया कि चिकित्सक के विरुद्ध लापरवाही मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. नीरज अग्रवाल ने बताया कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है। जिस दिन की वीडियो बताई जा रही है उस दिन जो लोग ड्यूटी पर थे, उनके बयान नहीं हो पाए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद चिकित्सक यदि दोषी पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी।
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