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हत्या के मामले में आठ को आजीवन कारावास
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मथुरा। पुरानी रंजिश को चलते वर्ष 2010 में कोसीकलां के दहगांव में हुए गोलीकांड में नामजद आठ अभियुक्तों को अपर जिला जज अष्टम ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ताश खेलते समय हुई गोलीबारी में चाचा की मौके पर ही मौत हो गई थी और भतीजा घायल हो गया था। जमानत पर चल रहे अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया।
कोसीकलां थाना क्षेत्र के गांव दहगांव में पूर्व प्रधान परम सिंह और उसका भतीजा देवेंद्र सिंह गांव के ही जगदीश के बरामदे में 19 अप्रैल 2010 को शाम को ताश खेल रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने अवैध असलाह से दोनों पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से परम सिंह की मौके पर मौत हो गई और देवेद्र घायल हो गया था। देवेंद्र ने गांव के ही धर्मेंद्र पुत्र विक्रम, धर्मेंद्र पुत्र राधे, नेमा उर्फ नेमसिंह पुत्र विक्रम सिंह, जगन पुत्र परसादी, चिंपी उर्फ कुंवरपाल पुत्र परसादी, मुकेश पुत्र जगन, कलुआ पुत्र परसादी और विजयपाल सिंह पुत्र लालचंद निवासी उमराला पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
इस केस की सुनवाई अपर जिलाजज अष्टम संजय चौधरी की अदालत में हुई। अदालत ने सभी नामजदों को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजीसी क्रिमिनल मुकेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि हत्या ताश खेलते समय पुरानी रंजिश के चलते की गई थी। इस मामले में वादी सहित कुल 13 गवाह थे। जबकि छह गवाह पक्षद्रोही हो गए। अदालत ने सभी अभियुक्तों को आजीवन कारावास और एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
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कोसीकलां थाना क्षेत्र के गांव दहगांव में पूर्व प्रधान परम सिंह और उसका भतीजा देवेंद्र सिंह गांव के ही जगदीश के बरामदे में 19 अप्रैल 2010 को शाम को ताश खेल रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने अवैध असलाह से दोनों पर फायरिंग कर दी। गोली लगने से परम सिंह की मौके पर मौत हो गई और देवेद्र घायल हो गया था। देवेंद्र ने गांव के ही धर्मेंद्र पुत्र विक्रम, धर्मेंद्र पुत्र राधे, नेमा उर्फ नेमसिंह पुत्र विक्रम सिंह, जगन पुत्र परसादी, चिंपी उर्फ कुंवरपाल पुत्र परसादी, मुकेश पुत्र जगन, कलुआ पुत्र परसादी और विजयपाल सिंह पुत्र लालचंद निवासी उमराला पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
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इस केस की सुनवाई अपर जिलाजज अष्टम संजय चौधरी की अदालत में हुई। अदालत ने सभी नामजदों को हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। एडीजीसी क्रिमिनल मुकेश बाबू गोस्वामी ने बताया कि हत्या ताश खेलते समय पुरानी रंजिश के चलते की गई थी। इस मामले में वादी सहित कुल 13 गवाह थे। जबकि छह गवाह पक्षद्रोही हो गए। अदालत ने सभी अभियुक्तों को आजीवन कारावास और एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।