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UP: बारिश का डर, न कोहरे की चिंता...किसानों को मिली सब्जियों की अगैती खेती करने के लिए ऐसी पौध, दोगुनी होगी आय
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: धीरेन्द्र सिंह
Updated Wed, 05 Nov 2025 12:16 PM IST
सार
मथुरा के किसानों को सब्जियों की अगैती खेती करने के लिए सवा लाख बीज मिला है। अब किसान इस्राइली तकनीक से खेती करेंगे।
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सब्जियों की खेती
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
ब्रजभूमि के खेतों में अब आधुनिकता की फसल लहलहाएगी। परंपरागत खेती से आगे बढ़ते हुए मथुरा के किसानों को सवा लाख पौध इस्राइल की अत्याधुनिक तकनीक से तैयार हाईटेक नर्सरी से गई हैं। अब किसान इन पौधों के जरिए सब्जियों की अगैती खेती कर न केवल मौसम की मार से बचेंगे, बल्कि अपनी आमदनी भी दोगुनी करने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे।
1.8 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह हाईटेक नर्सरी अगरयाला, चौमुहां में है। नर्सरी में आधुनिक सिंचाई, तापमान नियंत्रण और पौध संरक्षण की ऐसी व्यवस्था की गई है, जिससे किसान अब मौसम की मार से प्रभावित हुए बिना सालभर सब्जियों की खेती कर सकेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार यहां तैयार पौधों से अगैती खेती (अर्ली कल्टीवेशन) संभव होगी। जिससे किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
जिला उद्यान अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि नर्सरी से मथुरा और आसपास के जिलों के किसानों को सवा लाख पौध दी जा रही हैं। इनसे उन्नत बीज, पौध तैयार करने के लिए ड्रिप इरीगेशन, फर्टिगेशन और पॉलीहाउस जैसी तकनीकों से नियंत्रित वातावरण में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस्राइल मॉडल पर बनी यह नर्सरी किसानों को न केवल फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि उत्पादन लागत भी घटाएगी। किसान अब टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, बैंगन, मिर्च जैसी सब्जियों की अगैती फसल लेकर बाजार में बेहतर दाम पा सकेंगे।
मिलेगा लाभ का अवसर
किसानों से पहले बाजार में जो सब्जियों की खेप आती है, उन सब्जियों के दाम 80 से 100 रुपये प्रतिकिलो के बीच पहुंच जाते हैं। वहीं जब आम किसानों की फसल आती है तो उन्हीं सब्जियों के दाम 20 से 30 रुपये हो जाते हैं। हाईटेक नर्सरी से मिलने वाले पौधाें से किसान अगैती खेती कर सकते हैं। समय से पहले ही अपनी सब्जियों को बाजार में लाकर अच्छे दामों में बेच सकते हैं।
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1.8 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह हाईटेक नर्सरी अगरयाला, चौमुहां में है। नर्सरी में आधुनिक सिंचाई, तापमान नियंत्रण और पौध संरक्षण की ऐसी व्यवस्था की गई है, जिससे किसान अब मौसम की मार से प्रभावित हुए बिना सालभर सब्जियों की खेती कर सकेंगे। विशेषज्ञों के अनुसार यहां तैयार पौधों से अगैती खेती (अर्ली कल्टीवेशन) संभव होगी। जिससे किसानों की आमदनी में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।
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जिला उद्यान अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि नर्सरी से मथुरा और आसपास के जिलों के किसानों को सवा लाख पौध दी जा रही हैं। इनसे उन्नत बीज, पौध तैयार करने के लिए ड्रिप इरीगेशन, फर्टिगेशन और पॉलीहाउस जैसी तकनीकों से नियंत्रित वातावरण में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस्राइल मॉडल पर बनी यह नर्सरी किसानों को न केवल फसल की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि उत्पादन लागत भी घटाएगी। किसान अब टमाटर, शिमला मिर्च, खीरा, बैंगन, मिर्च जैसी सब्जियों की अगैती फसल लेकर बाजार में बेहतर दाम पा सकेंगे।
मिलेगा लाभ का अवसर
किसानों से पहले बाजार में जो सब्जियों की खेप आती है, उन सब्जियों के दाम 80 से 100 रुपये प्रतिकिलो के बीच पहुंच जाते हैं। वहीं जब आम किसानों की फसल आती है तो उन्हीं सब्जियों के दाम 20 से 30 रुपये हो जाते हैं। हाईटेक नर्सरी से मिलने वाले पौधाें से किसान अगैती खेती कर सकते हैं। समय से पहले ही अपनी सब्जियों को बाजार में लाकर अच्छे दामों में बेच सकते हैं।