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UP: मथुरा हादसे के बाद खाैफ का साया...यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की संख्या हुई कम, रोडवेज ने घटा दी बसें
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अरुन पाराशर
Updated Sun, 21 Dec 2025 03:36 PM IST
सार
मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर हुए भीषण हादसे के बाद यात्रियों में डर देखा जा रहा है। इसका असर है कि एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की संख्या कम हो गई है। रोडवेज को अपनी बसें एक्सप्रेसवे से कम करनी पड़ी हैं।
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यमुना एक्सप्रेसवे
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मथुरा में यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए भीषण सड़क हादसे के बाद यात्रियों में भय इस कदर बढ़ गया है कि दिल्ली और नोएडा के यात्रियों की संख्या में 30 से 35 प्रतिशत की कमी आई है। आलम यह है कि यमुना एक्सप्रेस वे से गुजरने वाले वाहन हादसे वाली जगह पर रुक जाते हैं। जली हुई बसों का यात्री वीडियो बनाते हैं। पूरे सफर में हादसे का जिक्र करके उस भयावह मंजर को याद कर सिहर जाते हैं। यही वजह है कि यात्रियों की लगातार संख्या घट रही है। जिसके चलते मथुरा डिपो ने यमुना एक्सप्रेस वे की 8 बसें घटा दी हैं।
मथुरा, आगरा और आसपास के क्षेत्रों से नोएडा के लिए रोजाना बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं, लेकिन हादसे के बाद यात्रियों ने एक्सप्रेस वे से यात्रा करने में झिझक दिखानी शुरू कर दी है। खासकर सुबह और देर रात के समय चलने वाली बसों में सवारियां बेहद कम रह गई हैं। इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की आय पर भी पड़ रहा है। एआरएम मदन मोहन शर्मा ने बताया कि हादसे के बाद से करीब 3.5 लाख रुपये प्रतिदिन की आमदमी घट गई है। वहीं घने कोहरे के चलते रात की सेवाएं भी स्थगित कर दी हैं।
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मथुरा, आगरा और आसपास के क्षेत्रों से नोएडा के लिए रोजाना बड़ी संख्या में यात्री सफर करते हैं, लेकिन हादसे के बाद यात्रियों ने एक्सप्रेस वे से यात्रा करने में झिझक दिखानी शुरू कर दी है। खासकर सुबह और देर रात के समय चलने वाली बसों में सवारियां बेहद कम रह गई हैं। इसका सीधा असर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की आय पर भी पड़ रहा है। एआरएम मदन मोहन शर्मा ने बताया कि हादसे के बाद से करीब 3.5 लाख रुपये प्रतिदिन की आमदमी घट गई है। वहीं घने कोहरे के चलते रात की सेवाएं भी स्थगित कर दी हैं।
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11 वर्षों में 338 सड़क हादसे
यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 से 2023 के बीच केवल घने कोहरे के कारण 338 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें 75 लोगों की मौत और 665 से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन कहते हैं कि शीतकाल में कोहरे के कारण एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाएं होना अब एक नियमित और चिंताजनक बन चुका है।
यमुना एक्सप्रेस वे पर हुए हादसों के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 से 2023 के बीच केवल घने कोहरे के कारण 338 सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। जिनमें 75 लोगों की मौत और 665 से अधिक गंभीर रूप से घायल हुए। वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन कहते हैं कि शीतकाल में कोहरे के कारण एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाएं होना अब एक नियमित और चिंताजनक बन चुका है।
जोखिम भरा हो गया सफर
समाजसेवी नरेश पारस का कहना है कि हादसे के बाद एक्सप्रेस वे पर सफर करना जोखिम भरा लगने लगा है। बृहस्पतिवार को आईएसबीटी आगरा से दिल्ली के लिए बस में सवार हुआ तो बस में केवल 6 यात्री ही सफर कर रहे थे। इसके बाद जब बस हादसे वाले माइलस्टोन 127 पर पहुंची तो चालक ने बस को रोक लिया। घने कोहरे, तेज रफ्तार और भारी वाहनों की आवाजाही ने डर को और बढ़ा दिया है।
ये भी पढ़ें-स्पा सेंटर पर छापा: पुलिस को देख पैरों में गिर गया युवक, बोला- गर्लफ्रेंड से ब्रेकअप के बाद पहली बार...
समाजसेवी नरेश पारस का कहना है कि हादसे के बाद एक्सप्रेस वे पर सफर करना जोखिम भरा लगने लगा है। बृहस्पतिवार को आईएसबीटी आगरा से दिल्ली के लिए बस में सवार हुआ तो बस में केवल 6 यात्री ही सफर कर रहे थे। इसके बाद जब बस हादसे वाले माइलस्टोन 127 पर पहुंची तो चालक ने बस को रोक लिया। घने कोहरे, तेज रफ्तार और भारी वाहनों की आवाजाही ने डर को और बढ़ा दिया है।
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