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यमुना एक्सप्रेसवे हादसा: सूख गए आंसू, पथराई आंखें...मेरा लाल दिखा दो, इस मां की करुण पुकार रुला देगी
संवाद न्यूज एजेंसी, मथुरा
Published by: अमर उजाला ब्यूरो
Updated Sat, 20 Dec 2025 02:34 PM IST
सार
मथुरा के बलदेव में हुई भीषण हादसे में इस मां का बेटा भी लापता हो गया है। उसकी तलाश में वो तीन दिन से वृंदावन में ठहरी हुई है।
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रश्मि
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
आंखों में एक खौफ, गले में कुछ कंठी जैसी घुटन और दिल में एक निरंतर हलचल। यह कहानी एक बेबस मां की है जो अपने बेटे के बारे में जानने के लिए उत्सुक है। वह हर सूची के बारे में पता करती है लेकिन जानने से पहले ठाकुर जी से दुआ भी करती है कि काश इसमें उसका बेटा नहीं निकले। कहीं से उसके ठीक होने की खबर मिल जाए। हादसे के बाद वह मथुरा में डेरा डाले हुए हैं और हर रोज डीएम के कार्यालय जा रही है और आस लगाए बैठी रहती है कि उसका लाला आएगा।
तीन दिन से बेबस मां आंखों के आंसू नहीं सूखे, गले से निवाला भी ठीक से नहीं उतर रहा। हर बार एक ही रट है कि एक बार मेरा लाला दिखा दो। हादसे में शामिल अनुज श्रीवास्तव की मां रशमी की एक-एक शब्द सीने को चीरने का काम कर रहे हैं। अधिकारी भी उन्हें समझा रहे हैं लेकिन उन्हें किसी की बात पर भरोसा नहीं हो रहा है। वह सबसे कह रही है कि उनका बेटा तो आने वाला है।
कानपुर के गोविंदनगर का रहने वाले अनुज श्रीवास्तव भी 16 दिसंबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर बल्देव थाना क्षेत्र में हुए हादसे का शिकार हुआ। उसका शव वहां नहीं मिला है। प्रशासन उसकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण कर रहा है। अनुज जैसे कई अन्य लोगों के डीएनए जांच के लिए भेजे गए हैं। सभी के परिजन प्रशासन के अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। कई परिवारों ने मथुरा में हादसे के बाद से ही डेरा जमा लिया है। उनकी आंखों के आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे हैं। किसी की पत्नी यहां भटक रही है तो किसी के भाई। हालांकि प्रशासन हादसे में शामिल लोगों के परिजनों को रुकवाने का इंतजाम किया लेकिन किसी को सब्र नहीं हो रहा है।
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तीन दिन से बेबस मां आंखों के आंसू नहीं सूखे, गले से निवाला भी ठीक से नहीं उतर रहा। हर बार एक ही रट है कि एक बार मेरा लाला दिखा दो। हादसे में शामिल अनुज श्रीवास्तव की मां रशमी की एक-एक शब्द सीने को चीरने का काम कर रहे हैं। अधिकारी भी उन्हें समझा रहे हैं लेकिन उन्हें किसी की बात पर भरोसा नहीं हो रहा है। वह सबसे कह रही है कि उनका बेटा तो आने वाला है।
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कानपुर के गोविंदनगर का रहने वाले अनुज श्रीवास्तव भी 16 दिसंबर को यमुना एक्सप्रेस वे पर बल्देव थाना क्षेत्र में हुए हादसे का शिकार हुआ। उसका शव वहां नहीं मिला है। प्रशासन उसकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण कर रहा है। अनुज जैसे कई अन्य लोगों के डीएनए जांच के लिए भेजे गए हैं। सभी के परिजन प्रशासन के अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगा रहे हैं। कई परिवारों ने मथुरा में हादसे के बाद से ही डेरा जमा लिया है। उनकी आंखों के आंसू सूखने का नाम नहीं ले रहे हैं। किसी की पत्नी यहां भटक रही है तो किसी के भाई। हालांकि प्रशासन हादसे में शामिल लोगों के परिजनों को रुकवाने का इंतजाम किया लेकिन किसी को सब्र नहीं हो रहा है।
