Research on Heart Attack: टैटू बायो सेंसर 60 मिनट पहले देगा हार्ट अटैक का संकेत, पढ़िए खास रिपोर्ट
Meerut News : डॉ. सुधीश कुमार शुक्ला ने टैटू बायो सेंसर ईजाद किया है, जो 60 मिनट पहले रंग बदलकर हार्ट अटैक पड़ने का संकेत देगा।

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कोविड महामारी के बाद हार्ट अटैक से मौतों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। स्वस्थ और चलते फिरते लोग हार्ट अटैक से मौत का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में सुकून देने वाली खबर आई है। शोभित विवि के डॉ. सुधीश कुमार शुक्ला ने टैटू बायो सेंसर ईजाद किया है, जो 60 मिनट पहले रंग बदलकर हार्ट अटैक पड़ने का संकेत देगा। इससे हार्ट अटैक से पहले ही लोग सचेत होंगे और उपचार के लिए अस्पताल पहुंच सकेंगे।

डॉ. सुधीश कुमार शुक्ला ने स्वीडन और विश्वविख्यात इस्राइल की वैन गुरियन यूनिवर्सिर्टी में नैनो पार्टिकल सेंसर पर कई शोध किए हैं। इस्राइल में हार्ट अटैक से पहले संकेत मिलने को लेकर शोध किया, जो सफल तो रहा मगर संकेत मिलने की समयावधि कम होने की वजह से ज्यादा लाभकारी नहीं रही।
उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद से हार्ट अटैक के मामले काफी बढ़ गए हैं। आए दिन स्वस्थ्य इंसान चलते-फिरते, बातचीत करते, व्यायाम करते अथवा समारोह में हार्ट अटैक पड़ने से मर रहे हैं।
डॉ. सुधीश कुमार ने बताया कि शरीर के अंदर जब कोई क्रिया अथवा प्रतिक्रिया होती है तो उससे संकेत मिलते हैं, मगर समझ में नहीं आते। ऐसा ही हार्ट अटैक पड़ने पर होता है मगर इंसान समझ नहीं पाता है। उन्होंने बताया विज्ञान में साबित हो चुका है कि इंसान को जब भी हार्ट अटैक पड़ता है, उससे 60 मिनट पहले शरीर से काफी कम मात्रा में ट्रोपोनिम हार्मोन (बायो मार्कर) निकलता है। ट्रोपोनिम हार्मोन हल्के पसीने के साथ आता है, जो पसीने के साथ ही सूख जाता है। ऐसे में यह समझना नामुमकिन है कि पसीने के साथ ट्रोपोनिम हार्मोन आया अथवा नहीं।
वर्तमान हालातों के चलते ट्रोपोनिम हार्मोन के निकलने का संकेत देने के बाबत नैनो कम्पोजिट (पॉलीडाइल मिथाइल सिलैन आदि) से टैटू बायो सेंसर ईजाद किया गया है। नैनो कम्पोजिट की डिजाइन इंसान अपने शरीर पर मनपसंद डिजाइन में लगवा सकता है। जैसे ही शरीर से ट्रोपोनिम हार्मोन निकलेगा वैसे ही टैटू का रंग बदल जाएगा, जिससे हार्ट अटैक पड़ने का संकेत मिलेगा। इसके बाद लोगों को अस्पताल पहुंचकर उपचार कराने के लिए 60 मिनट का समय मिलेगा और मरीज की जान बचाई जा सकेगी।
रिसर्च पेपर हुआ पब्लिक, अब ट्रायल की तैयारी
डॉ. सुधीश कुमार ने बताया कि बायो मार्कर (ट्रोपोनिम हार्मोन) के निकलने का संकेत देने वाले टैटू बायो सेंसर के शोध का पेपर जनरल में प्रकाशित हो चुका है, जिसे काफी सराहा गया है। इसका ट्रायल होना बाकी है, जिसके लिए नियमानुसार कार्यवाही की प्रक्रिया अंतिम चरण में हैं।
एसईआरबी से ट्रायल के लिए मिलेंगे 50 लाख रुपये
एसईआरबी (साइंस एंड इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड) को शोध की पूरी रिपोर्ट भेज दी गई है और ह्यूमन ट्रायल के लिए धनराशि मांगी गई है। डॉ. सुधीश कुमार ने बताया कि 50 लाख रुपये धनराशि जारी होने की प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है। सब कुछ सही रहा तो फरवरी से ट्रायल शुरू हो जाएगा।
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शरीर में इन स्थानों पर बनाना ज्यादा लाभकारी
डॉ. सुधीश कुमार ने बताया टैटू बायो सेंसर शरीर के उसी स्थान पर बनवाना ज्यादा लाभकारी है, जहां सबसे ज्यादा पसीना आता है। वैसे तो इंसान के पसीना सबसे पहले दोनों हाथों के बगल में आता है, जहां बनवाना उत्तम है। इसके अलावा छाती अथवा बाजुओं पर भी बनवाया जा सकता है।
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