एक सिगरेट घटा रही जिंदगी के 16 मिनट, धुम्रपान, वायु प्रदूषण और धूल से बचें सीओपीडी के मरीज


वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. संजीव मिगलानी ने बताया कि अत्यधिक धूम्रपान तथा वायु प्रदूषण बढ़ने से सीओपीडी के मरीज भी बढ़ रहे हैं। प्रतिदिन आठ से 10 मरीज शिकायत लेकर आते हैं। एक सिगरेट मनुष्य की जिंदगी के 16 मिनट कम करती है। डॉ. सतीश कुमार की सलाह है कि सीओपीडी के मरीजों को जितना अधिक हो धुएं और धूल के संपर्क में आने से बचना चाहिए। मुंह पर मास्क लगाकर ही घर से निकलना चाहिए। अच्छे चिकित्सक से नियमित इलाज कराना चाहिए।
सीओपीडी के लक्षण
-सुबह के समय खांसी और गले में खिच-खिच रहना।
-थोड़ा भी काम करते वक्त या पैदल चलने पर सांस फूलना।
-नहाते और कपड़े पहनते हुए भी सांस फूलना।
-हाथों और पैरों में सूजन होना।
-गंभीर अवस्था होने पर फेफड़े फेल हो जाना।
सीओपीडी होने के प्रमुख कारण
-चिमनियों से निकलने वाला धुआं।
-उपलों के जलने से निकलने वाला धुआं और वेल्डिंग का धुआं।
-धूम्रपान खासकर सिगरेट के कश।
बचाव को यह करें
-सीओपीडी के मरीजों को मुंह पर मास्क पनकर घर से निकलना चाहिए।
-धुआं उगलने वाले औद्योगिक क्षेत्र में ना रहें।
-धूम्रपान बिलकुल ना करें।
-इनहेलर का इस्तेमाल करें तथा सांस में राहत के लिए दवाएं लें।
सीओपीडी की समस्या एक गंभीर समस्या है, जिसके होने का प्रमुख करण धूम्रपान, वायु प्रदूषण और धूल है। लापरवाही बरतने पर बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। सीओपीडी के लक्षण आते ही तुरंत अच्छे चिकित्सक से इलाज कराना चाहिए। -डॉ. बीएस सोढ़ी, सीएमओ।
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