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UP: 'हम पहुंचे तो बेटी तड़प रही थी...उसके साथ क्या हुआ, नहीं पता', क्यों दी छह बच्चों के बाप और किशोरी ने जान?

अमर उजाला नेटवर्क, शामली Published by: शाहरुख खान Updated Wed, 17 Sep 2025 11:21 AM IST
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सार

शामली के बाबरी क्षेत्र की किशोरी और देशपाल के सल्फास खाने से मौत का मामले में पुलिस जांच कर रही है। लेकिन अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। किशोरी के पिता का कहना है कि बेटी के साथ क्या हुआ हमें नहीं पता, लेकिन हमें न्याय मिलना चाहिए।

Six children Father and teenager suicide shamli We dont know what happened to our daughter but we get justice
suicide in shamli - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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यूपी के शामली जिले के बाबरी इलाके की 15 वर्षीय किशोरी और 45 वर्षीय देशपाल की जहरीला पदार्थ खाने से हुई मौत के मामले में मंगलवार सुबह किशोरी का अंतिम संस्कार कर दिया गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
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किशोरी के पिता ने कहा कि उनकी बेटी के साथ क्या हुआ और कैसे हुआ, यह उन्हें पता नहीं है। जब वे पहुंचे तो बेटी तड़प रही थी। उन्होंने कहा कि बेटी को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए, ताकि भविष्य में किसी और की बेटी के साथ ऐसी घटना न हो। हालांकि उन्होंने किसी पर शक या रंजिश से साफ इन्कार किया।
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दोपहर बाद आजाद समाज पार्टी जिलाध्यक्ष मा. प्रदीप और बसपा जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह पहुंचे और पीड़ित परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने कहा कि हरसंभव मदद दिलाई जाएगी और आर्थिक सहयोग भी कराया जाएगा। 
 

एसपी नरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। परिजनों से अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। पुलिस देशपाल के मोबाइल की लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। किशोरी के बयान वाले वीडियो की भी जांच की जा रही है।

 

गुमशुदगी तहरीर को लेकर विवाद 
किशोरी के पिता का आरोप है कि बेटी 13 सितंबर को लापता हुई थी। 14 सितंबर को गुमशुदगी की तहरीर दी गई, लेकिन पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। 15 सितंबर को केस दर्ज हुआ। पुलिस पहले ही हरकत में आती तो शायद उसकी बेटी को पहले ही जिंदा बरामद किया जा सकता था। पुलिस का कहना है कि तहरीर मिलते ही मामला दर्ज कर लिया गया था। 
 

ईंट भट्ठे पर मजदूरी से हुई थी जान-पहचान 
दोनों परिवार कुड़ाना इलाके के ईंट भट्ठे पर मजदूरी करते थे। वहीं जान-पहचान हुई थी। देशपाल शादीशुदा था और उसके छह बच्चे हैं। किशोरी अनुसूचित जाति की थी, जबकि देशपाल कश्यप जाति से था। जून में भट्ठे बंद होने पर दोनों परिवार अपने-अपने घर लौट आए थे। 

 

किसी से मतलब नहीं रखता था मेरा भाई
देशपाल के भाई दर्शन सिंह ने कहा कि उसका भाई किसी से मतलब नहीं रखता था। 15 दिन पहले वह घर से ईंख बांधने गया था, लेकिन कहां गया, इसका पता नहीं चला। मृतक की पत्नी और बच्चों का भी रो-रोकर बुरा हाल है।

15 दिन से पति से नहीं हो पा रही थी बात
देशपाल की पत्नी संगीता ने बताया कि 15 दिन पहले उसके पति ईंख बांधने के लिए कहकर गए थे। लगातार 15 दिन से उनके मोबाइल पर बात करने के लिए कॉल की जा रही थी, मगर नंबर स्विच ऑफ जा रहा था। परिवार में बड़ी बेटी खुशी 15 साल, वर्षा 12 साल, रुद्राक्षी पांच साल, हर्ष चार साल, हर्षित दो साल, अंशिका दो साल हैं। संगीता गर्भवती हैं। कहा कि पति ही परिवार में कमाने वाले थे। सरकार को उनके परिवार की आर्थिक मदद करनी चाहिए ताकि परिवार का सही ढंग से गुजारा हो सके।
 

देर शाम हुआ अंतिम संस्कार
देर शाम करीब सात बजे गांव में ही देशपाल के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अंतिम यात्रा में लोगों की भीड़ उमड़ी। लोगों ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी।

 

यह है पूरा मामला
सोमवार को बाबरी क्षेत्र की किशोरी और छह बच्चों का पिता देशपाल बागपत के बावली अंडरपास के पास बेसुध मिले थे। दोनों ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
 
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