विकास की बात: खुर्जा-साहनेवाल तक 400 किमी फ्रेट कॉरिडोर सुपुर्द, अंबाला यूनिट देश में नंबर-1 घोषित
खुर्जा से साहनेवाल तक 400 किमी ट्रैक और 20 स्टेशनों को ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इंडिया ने कंपनी से सुपुर्दगी में ले लिया है। अंबाला यूनिट को देश की 10 यूनिटों में सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया। हालांकि जिले के स्टेशनों को अब तक कार्गो टर्मिनल की सुविधा नहीं मिल सकी है।
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खुर्जा से साहनेवाल तक 400 किमी के रेलवे ट्रैक एवं 20 स्टेशनों को ईडीएफसीआई (ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इंडिया) ने कंपनी से सुपुर्दगी में ले लिया है। अंबाला यूनिट को देशभर की 10 यूनिटों में से सर्वश्रेष्ठ घोषित किया गया है।
जिले में कॉरिडोर पर पांच स्टेशनों में से किसी भी स्टेशन को व्यावसायिक स्टेशन नहीं बनाया गया है। किसी स्टेशन को जीएससीटी (गति शक्ति कारगो टर्मिनल) की सौगात नहीं मिलने से माल की आवक एवं निर्यात करने की राह साफ नहीं हो पाई। पूरे ट्रैक के 2850 किमी रूट पर सिर्फ खुर्जा से साहनेवाल तक सिंगल रूट है।
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इस दमदार ट्रैक पर रोजाना 30 मालगाड़ियां दौड़ रही हैं। यूनिट के अधीन दो सेक्शनों में दो कंपनियों ने परियोजना को पूरा किया। रेलवे की सेफ्टी कमेटी ने ट्रैक एवं स्टेशनों की जांच की। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ईडीएफसीसी ने सुपुर्दगी में लिया है। रेलवे से गजट नोटिफिकेशन विभाग ने विधिवत रूप रखरखाव एवं संचालन करना शुरू दिया।
डीएफसीसीआईएल की देशभर की 10 यूनिटों में अंबाला यूनिट सर्वश्रेष्ठ घोषित की गई। मुख्य महाप्रबंधक पंकज कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में खुर्जा से साहनेवाल तक 400 किमी के दायरे में काॅरिडोर पर उत्कृष्ट कार्य के लिए अंबाला यूनिट को प्रथम स्थान प्राप्त होना गौरव की बात है। दिल्ली के भारत मंडपम हॉल में एमडी प्रवीण कुमार ने टीम सहित उन्हें ओवरऑल एफिशिएंशी शील्ड से सम्मानित किया। जांच कमेटी ने खुर्जा से साहनेवाल सिंगल ट्रैक पर मालगाड़ियों के सुचारू रूप से परिचालन को सराहा है।
फ्रेट कॉरिडोर पर जिले की सीमा में बने स्टेशनों में से न्यू मंसूरपुर को जीएससीटी (गति शक्ति कारगो टर्मिनल) की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। इसी वजह से जिले के उत्पाद दूरस्थ प्रांतों में नहीं पहुंच पा रहे है। अंबाला यूनिट के सीजीएम पंकज गुप्ता ने बताया कि यूनिट में मेरठ जिले के न्यू मोहिउद्दीनपुर का प्रस्ताव पारित हुआ था लेकिन कंपनी को भूमि अधिग्रहण करने में समस्या आने के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है।
पहले भारतीय रेल में लूप लाइन की स्पीड़ 30 किमी थी। नए ट्रैक पर माल गाड़ियों की गति 50 किमी कर दी गई है। ब्रेक फेल होने या सिग्नल सूट होने की स्थिति में अत्याधुनिक तकनीक के बफर स्टाॅप मालगाड़ी को जाम कर देंगे। पिलखनी से साहनेवाल तक बने अधिकांश स्टेशनाें पर बफर स्टाॅप लग चुके है। वहीं, एलएंडटी कंपनी डीजीएम रमन चौधरी ने बताया कि खुर्जा से पिलखनी तक स्टेशनों पर बफर स्टॉप लगाने का काम उनकी कंपनी तेजी से कर रही है।