UP Budget 2022: योगी सरकार की तिजोरी से मेरठ के लिए निकला खजाना, विकास के लिए मिला इतना कुछ, पढ़कर खुश हो जाएगा दिल
बजट में मेरठ शहर के लिए भी कई बड़ी घोषणाएं की गई हैं। आइए जानते हैं कि आखिर मेरठ जिले को बजट में क्या-क्या मिला है।

विस्तार
उत्तर प्रदेश सरकार 2.0 ने गुरुवार को अपना पहला बजट पेश किया। यूपी सरकार के बजट से मेरठ को रफ्तार मिलेगी। शहर से हवाई उड़ान का सपना साकार होने की उम्मीद बंधी है तो वहीं रैपिड रेल, गंगा एक्सप्रेसवे और इनर रिंग रोड जैसे प्रोजेक्ट के लिए पैसे का प्रावधान किया गया है।

परिवहन पथ पर फर्राटा भरेगा मेरठ, हवाई जहाज भी उड़ेंगे
बजट मेरठ में लाइट मेट्रो और इनर रिंग रोड की संभावनाओं ने भी तेजी पकड़ी है। सरकार ने वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ आदि शहरों में लाइट मेट्रो के लिए 100 करोड़ रुपये और शहरों में यातायात व्यवस्था को ठीक करने के लिए रिंग रोड, फ्लाईओवर के लिए 600 करोड़ रुपये बजट में प्रस्तावित किए हैं। बजट आने से पहले ही मेरठ में दोनों परियोजनाओं पर कागजी प्रक्रिया चल रही है। दो महीने से एमडीए और शासन के बीच लाइट मेट्रो के लिए वार्ता चल रही है। वहीं, सात किमी की इनर रिंग रोड के लिए लोक निर्माण विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है।
श्रद्धापुरी से गोकलपुर तक 15 किलोमीटर ट्रैक
शहर में कंकरखेड़ा से गोकलपुर तक लाइट मेट्रो का प्रस्ताव चल रहा है। इसमें एमडीए और राइट्स के बीच विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने पर वार्ता की जा रही है। राइट्स ने 72 लाख रुपये विस्तृत परियोजना रिपोर्ट के लिए मांग की है। इस पर अंतिम वार्ता होनी है। 15 किलोमीटर की लाइट मेट्रो में करीब 100 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
हापुड़ रोड से दिल्ली रोड को जोड़ेगी रिंग रोड
वहीं, जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सात किमी की हापुड़ रोड से दिल्ली रोड को जोड़ने वाली रिंग रोड का प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग तैयार कर रहा है। चार लेन की इस रिंग रोड को 45 मीटर चौड़ा बनाया जाना है। इस पर अनुमानित लागत 350 करोड़ रुपये आनी है। ये रिंग रोड शताब्दीनगर डिवाइडर रोड पर जाकर मिलेगी।
रैपिड रेल के लिए 1306 करोड़, गंगा एक्सप्रेसवे को 695 करोड़
परिवहन पथ पर मेरठ को रफ्तार देने के लिए योगी सरकार नेअपने दूसरे कार्यकाल के पहले बजट में तिजोरी खोल दी है। बजट में दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल के लिए 1306 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं मेरठ से प्रयागराज तक बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 695.34 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। हालांकि मेजर ध्यानचंद खेल विश्वविद्यालय को उम्मीदों के मुताबिक बेहद कम मिला है। करीब 700 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए बजट में सिर्फ 50 करोड़ दिए गए हैं।
दिल्ली से मेरठ के बीच 82 किलोमीटर की दूरी में रैपिड रेल चलाने के लिए तेजी से काम चल रहा है। रैपिड रेल के लिए मेरठ में 5.8 किलोमीटर लंबी सुरंग भी बनाई जा रही है। दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड रेल और मेट्रो के कुल 25 स्टेशनों में से 23 यूपी में हैं। इसमें प्रदेश सरकार को कुल लागत का 12.5 फीसदी खर्च करना है। प्रोजेक्ट पर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से समीक्षा की जा रही है। साल-2023 मार्च से साहिबाबाद से दुहाई (17 किमी) के बीच रैपिड रेल का संचालन शुरू हो जाएगा। मेरठ तक यह ट्रेन 2025 में आएगी।
गंगा एक्सप्रेसवे पर खर्च होंगे 30274 करोड़
मेरठ से प्रयागराज तक करीब 594 किमी लंबे गंगा एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुका है। मेरठ में हापुड़ रोड स्थित बिजौली गांव से कार्य की शुरुआत हो गई है। मेरठ में ही प्रोजेक्ट की निगरानी के लिए प्रोजेक्ट कार्यालय खोला जाना है। मेरठ से आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर को कार्य करना है।
सलावा में 36.98 हेक्टेयर में बनेगा खेल विवि
सरधना के सलावा में 36.98 हेक्टेयर जमीन में मेजर ध्यानचंद के नाम पर प्रदेश का पहला खेल विवि बनना है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। आईआईटी रुड़की के इंजीनियर गंगनहर खेल विवि की बिल्डिंग के लिए अध्ययन कर रहे हैं।
2021-22 बजट में इन तीन प्रोजेक्ट को मिला पैसा:
खेल विवि - 20 करोड़
रैपिड रेल - 1326 करोड़
गंगा एक्सप्रेसवे - 7200 करोड़
ग्रीन फील्ड डेयरी प्लांट के लिए भी 79 करोड़
सहकारी दुग्ध संघ गगोल परतापुर में 2016 से निर्माणधीन पराग दुग्ध प्लांट का संचालन शीघ्र हो सकेगा। सरकार ने बजट में मेरठ और वाराणसी के लिए 79 करोड़ का प्रावधान किया है। इससे जिले के 940 गांवों के 40 हजार से ज्यादा किसानों को लाभ होगा।
मोहिउद्दीनपुर मिल में 20 करोड़ से लगेगी डिस्टिलरी
उतर प्रदेश राज्य चीनी निगम लिमिटेड की मोहिउद्दीनपुर शुगर मिल डिस्टलरी प्लांट लगाने के लिए सरकार ने बजट में 20 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। मिल में डिस्टलरी प्लांट लगने के बाद जहां शुगर मिल की आय बढ़ेगी वही मिल क्षेत्र के गन्ना किसानों को भी भुगतान में आसानी होगी। मिल क्षेत्र में करीब 13000 हेक्टेयर गन्ना रकबा है और मिल पर 18000 से ज्यादा किसान अपना गन्ना आपूर्ति करते हैं इस साल मिलने 61 लाख से ज्यादा गन्ने की पेराई की है।
बढ़ी उम्मीदें: मेरठ से उड़ सकेंगे 78 सीटर विमान
मेरठ समेत पांच शहरों से हवाई उड़ान के सपनों को साकार करने के लिए सरकार ने एक बार फिर बजट में घोषणा की है। इससे परतापुर स्थित डा.भीमराव आंबेडकर हवाई पट्टी से प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी आदि शहरों के लिए हवाई उड़ान की संभावनाएं मजबूत हुई हैं। मेरठ से एटीआर-72 विमान उड़ाने की उम्मीद है। इस विमान से 78 यात्री सफर कर सकते हैं।
दिसंबर-2021 में एयरपोर्ट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (एएआई) के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई अड़चनें कमिश्नर सुरेंद्र सिंह के सामने रखी थीं। एएआई ने सर्वे के दौरान एटीआर-72 विमान उड़ाने पर चर्चा की थी। इस विमान से 78 यात्री सफर कर सकते हैं। हालांकि, कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने एएआई को मेरठ से हेली टूरिज्म व्यवस्था शुरू करने का सुझाव भी दिया था जिससे शहरवासी हेलीकॉप्टर से देहरादून, केदारनाथ, जा सकें। इस मामले में एएआई के अधिकारियों ने दोबारा सर्वे करने के लिए कहा था लेकिन अभी तक कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है। मेरठ में हवाई पट्टी के विस्तारीकरण के लिए नया रनवे तैयार करना होगा। विस्तारीकरण के लिए 195 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है जिस पर करीब 300 करोड़ रुपये तक खर्च आएगा।
वहीं अगर पुराने रनवे को ही उपयोग में लाया जाता है तो इसके लिए रिठानी की तरफ लगे बड़े बिजली के पोल हटाने होंगे। इन सभी कार्यों पर अनुमानित लागत 30 करोड़ रुपये आएगी। इसके अलावा एयरपोर्ट एंक्लेव की बिल्डिंग, रिठानी की तरफ पानी की टंकी, गगोल तीर्थ सरोवर, पराग डेयरी आदि अड़चनें भी एएआई ने बताईं थी।
वर्तमान में हवाई पट्टी की स्थिति
लंबाई - 1500 मीटर, चौड़ाई - 23 मीटर
हवाई उड़ान के लिए यह चाहिए
लंबाई कम से कम - 1800 मीटर, चौड़ाई - 30 मीटर
हवाई यातायात नियंत्रण टावर, टर्मिनल भवन, अग्निशमन सेवा, एंबुलेंस
मेरठ में खुलेगा एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर, आतंकी नेटवर्क होगा ध्वस्त
प्रदेश सरकार के बजट में मेरठ के लिए आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) का कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खोलने की घोषणा की गई है। यह सेंटर खुलने से मेरठ समेत आसपास के जिलों में आतंकी नेटवर्क पर शिकंजा कसा जा सकेगा। मेरठ में पूर्व में आईएसआई एजेंट पकड़े गए हैं। मेरठ संवेदनशील शहर है और कैंट होने की वजह से अहम भी है।
मेरठ समेत कई जनपदों में 20 दिसंबर 2019 को सीएए के खिलाफ पीएफआई ने हिंसा कराई। यहां शास्त्रीनगर में पीएफआई ने कार्यालय खोल युवाओं को भड़काया था। इसका खुलासा लखनऊ एटीएस ने किया था। आर्मी इंटेलिजेंस ने भी यहां कई बार आतंकी संगठनों के एजेंटों की गतिविधियां पकड़ी हैं। कई लोग गोपनीय जानकारी जुटाते, सैन्य क्षेत्र का नक्शा व वीडियो बनाते भी मेरठ में पकड़े जा चुके हैं। मेरठ में एटीएस कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खुलने से ऐसी गतिविधियों पर विराम लगेगा।
शहर में है आरएएफ और दो पीएसी कंपनी
कानून व्यवस्था कायम रखने के लिये पुलिस प्रशासन के साथ-साथ मेरठ में 108 आरएएफ की यूनिट है और पीएसी की दो कंपनियां है। यहां पर एसटीएफ की यूनिट भी है। लेकिन एटीएस का कमांडो ट्रेनिंग सेंटर मेरठ में होने से स्थानीय लोगों को सुरक्षा दृष्टि से काफी फायदा होगा। आतंकी हमले से पहले उनकी प्लानिंग पर एटीएस का पूरा प्लान होता है। एटीएस को एनएसजी कमांडों की तर्ज पर ट्रेनिंग दी जाती है, जोकि एक मिशन के तहत काम करते है।
मेरठ और आसपास से पकड़े जा चुके आतंकी:
18 अप्रैल 2004 : मेरठ से रूबी बेगम नामक आईएसआई एजेंट गिरफ्तार।
2004 : बुलंदशहर के सिकंदराबाद में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकी पकड़े
2005 : बुलंदशहर के स्याना से पाकिस्तान का जासूस डॉक्टर पकड़ा।
10 मार्च 2005 : मेरठ से खलील हुसैन शाह नाम का आईएसआई एजेंट गिरफ्तार।
21 जून 2007 : बिजनौर में भारी मात्रा में आरडीएक्स के साथ हूजी के दो आतंकी गिरफ्तार।
12 दिसंबर 2008 : मेरठ सीआरपीएफ कैंप हमले से जुड़े लश्कर-ए-तैयबा का फहीम अंसारी गिरफ्तार।
16 अगस्त 2014 : मेरठ से संदिग्ध आइएसआइ एजेंट आसिफ अली गिरफ्तार।
27 नवंबर 2015 : मेरठ में आईएसआई एजेंट इजाज को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
27.11.16- मेरठ कैंट एरिया से एसटीएफ की टीम ने पाक जासूस एजाज को गिरफ्तार किया
04 जनवरी 2018 : आइएस के मॉड्यूल से जुड़ा राधना निवासी नईम गिरफ्तार।
11 जनवरी 2018 : आइएस के मॉड्यूल से जुड़ा जसौरा निवासी अफसार गिरफ्तार
17 अक्टूबर 2018 : मेरठ में पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाला फौजी कंचन गिरफ्तार
4.1.19-किठौर के राधना निवासी नईम आतंकयिों को हथियार सप्लाई करने के इल्जाम में गिरफ्तार किया था।
12.1.19-जसौरा निवासी अफसार को गिरफ्तार किया गया।
खास मिशन में एक्सपर्ट है एटीएस
एटीएस एक मिशन के तहत कार्रवाई करती है। संदिग्ध गतिविधियों पर उनका पूरा फोकस रहता है। आतंकी गतिविधियों के साथ टेरर फंडिग व हिंसा कराने की साजिश पर उनकी निगरानी रहती है। - बृजेश सिंह, एएसपी एसटीएफ मेरठ
आतंकी मंसूबे होंगे ध्वस्त
एटीएस को स्पेशल ट्रेनिंग मिलती है। इनपुट मिलने के बाद एटीएस ऑपरेशन में लग जाती है। सभी संदिग्ध गतिविधियों पर उनका फोकस रहता है। बैंक के जरिये कहां और किसको फंडिग होती है, इसकी जानकारी जुटाकर लोगों के नापाक मंसूबों का खात्मा एटीएस करती है। मेरठ में कमांडो ट्रेनिंग सेंटर खुलने से लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से काफी लाभ मिलेगा। - प्रभाकर चौधरी, एसएसपी मेरठ