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शिक्षा के अधिकार अधिनियम का हो पालन
Mirzapur
Updated Sat, 18 May 2013 05:30 AM IST
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मिर्जापुर। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य डा. योगेश दूबे ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभागार में तीनों जनपद के अधिकारियों की क्लास ली। खासकर बेसिक शिक्षा और बाल पुष्टाहार विभाग पर वह जमकर बरसे। कहा दोनों ही विभाग बच्चों के मामले में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने सोनभद्र और संतरविदास नगर को बाल श्रम मुक्त आदर्श जनपद घोषित कराने का लक्ष्य भी बैठक में मौजूद अधिकारियों को दिया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का सख्ती से पालन हो। छह साल से ऊपर के सभी बच्चों को स्कूल में दाखिल कराया जाए। आउट आफ स्कूल के बच्चों का सही सर्वे कराया जाए। स्कूल में शौचालय चालू हालत में होने चाहिए। साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था व बिजली होनी चाहिए। बच्चे अंधकार में नहीं पढ़े। इसी तरह बाल विकास पुष्टाहार के अधिकारियों से कहा कि जो बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और अतिकुपोषित की श्रेणी में चले गए हैं। उनका ख्याल बाल विकास के साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से रखे। सोनभद्र में बारह सौ बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी में हैं। उन्हें कुपोषण की समस्या से स्वास्थ्य एवं बाल विकास पुष्टाहार संयुक्त रुप से निजात दिलाएंगे। कहा कि जिले में कुछ गांव ऐसे घोषित किए जाएं जहां बच्चे स्कूल जा रहे हों। उन्हें आदर्श गांव के रूप में घोषित किया जाए। कहा कि अवैध खदान व उनमें काम करने वाले बच्चों को रोका जाए। श्रम विभाग को निर्देश दिया कि सोनभद्र व संतरविदास बाल श्रम मुक्त आदर्श जनपद बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जितनी भी धन की जरूरत होती है वह आयोग उपलब्ध कराएगा।
इस पर चरणबद्ध तरीके से काम होगा। कहा कि सोनभद्र में स्वच्छ पेयजल नहीं है। पीने योग्य पानी की व्यवस्था की जाए। हैंडपंप में फ्लोराइड फिल्टर लगाया जाए। जहां पर पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है वह जल संचयन की व्यवस्था की जाए। बैठक में मंडलायुक्त अतुल कुमार ने कहा कि सोनभद्र एवं मिर्जापुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की जांच करायी जाए। जांच टीम के साथ एक महिला अधिकारी अवश्य जाएं। शाम पांच बजे के बाद यदि कोई जांच टीम जाती है तो वह जांच नहीं कर सकेगी। बैठक में मंडलायुक्त अतुल कुमार, डीएम गोविंद राजू एनएस, संतरविदास नगर के डीएम अमृत त्रिपाठी, जिलाधिकारी सोनभद्र चंद्रकंात, सीडीओ व मंडलीय एवं विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम का सख्ती से पालन हो। छह साल से ऊपर के सभी बच्चों को स्कूल में दाखिल कराया जाए। आउट आफ स्कूल के बच्चों का सही सर्वे कराया जाए। स्कूल में शौचालय चालू हालत में होने चाहिए। साथ ही पीने के पानी की व्यवस्था व बिजली होनी चाहिए। बच्चे अंधकार में नहीं पढ़े। इसी तरह बाल विकास पुष्टाहार के अधिकारियों से कहा कि जो बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और अतिकुपोषित की श्रेणी में चले गए हैं। उनका ख्याल बाल विकास के साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग संयुक्त रूप से रखे। सोनभद्र में बारह सौ बच्चे अतिकुपोषित की श्रेणी में हैं। उन्हें कुपोषण की समस्या से स्वास्थ्य एवं बाल विकास पुष्टाहार संयुक्त रुप से निजात दिलाएंगे। कहा कि जिले में कुछ गांव ऐसे घोषित किए जाएं जहां बच्चे स्कूल जा रहे हों। उन्हें आदर्श गांव के रूप में घोषित किया जाए। कहा कि अवैध खदान व उनमें काम करने वाले बच्चों को रोका जाए। श्रम विभाग को निर्देश दिया कि सोनभद्र व संतरविदास बाल श्रम मुक्त आदर्श जनपद बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जितनी भी धन की जरूरत होती है वह आयोग उपलब्ध कराएगा।
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इस पर चरणबद्ध तरीके से काम होगा। कहा कि सोनभद्र में स्वच्छ पेयजल नहीं है। पीने योग्य पानी की व्यवस्था की जाए। हैंडपंप में फ्लोराइड फिल्टर लगाया जाए। जहां पर पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है वह जल संचयन की व्यवस्था की जाए। बैठक में मंडलायुक्त अतुल कुमार ने कहा कि सोनभद्र एवं मिर्जापुर में कस्तूरबा गांधी विद्यालयों की जांच करायी जाए। जांच टीम के साथ एक महिला अधिकारी अवश्य जाएं। शाम पांच बजे के बाद यदि कोई जांच टीम जाती है तो वह जांच नहीं कर सकेगी। बैठक में मंडलायुक्त अतुल कुमार, डीएम गोविंद राजू एनएस, संतरविदास नगर के डीएम अमृत त्रिपाठी, जिलाधिकारी सोनभद्र चंद्रकंात, सीडीओ व मंडलीय एवं विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।