मिर्जापुर। राजगढ़ ब्लॉक क्षेत्र में किसान परंपरागत धान और गेहूं की खेती से हटकर फल और सब्जियों की खेती कर अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। वैसे तो खीरा का सीजन समाप्त हो चुका है बावजूद इसके ब्लॉक क्षेत्र के बघौड़ा में एक किसान के खेत में तैयार यूरोपियन खीरा लोगों के बीच चर्चा बना है।
बघौरा (बार) गांव निवासी किसान रामबलि सिंह उद्यान विभाग की मदद से दो हजार वर्ग मीटर में 25 लाख रुपये की लागत से तैयार पाली हाउस का निर्माण कर पहली बार यूरोपियन खीरा की खेती कर रहे हैं। किसान का कहना है कि 2000 वर्ग मीटर में इन दिनों चार से पांच क्विंटल प्रतिदिन खीरा निकल रहा है।
किसान की मानें तो शादी और विवाह के मौसम में वाराणसी, सोनभद्र, प्रयागराज आदि शहरों में इस खीरे की खूब मांग है। 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक जा रहा है। खीरे के इस सीजन में पांच लाख रुपये से अधिक आय की उम्मीद है। किसान का कहना है कि खीरा के बीज उद्यान विभाग की तरफ से उपलब्ध कराया गया था। खीरा के बाद पाली हाउस में अन्य मौसमी फल और सब्जियों की खेती की जाएगी।
बीज रहित है यूरोपियन खीरा: साधारण खेतों में तैयार खीरे के मुकाबले पाली हाउस मेें तैयार यूरोपियन खीरा बीज रहित है। जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने बताया कि इसमें तीतापन नहीं है।