सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Mirzapur News ›   Rain Alert in UP Ganga rises 24 cm in 24 hours in Mirzapur Mukti Dham submerged

Rain Alert in UP: मिर्जापुर में 24 घंटे में 24 सेमी बढ़ी गंगा, मुक्ति धाम डूबा; आबादी की ओर बढ़ रहा पानी

अमर उजाला नेटवर्क, मिर्जापुर। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Sat, 12 Jul 2025 10:00 PM IST
विज्ञापन
सार

Mirzapur News: उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अच्छी बारिश हो रही है। मिर्जापुर में बारिश ठीक होने से लोगों को गर्मी से राहत मिली। वहीं, नदियां भी उफान मार रही हैं। इस कारण लोगों में एक बार फिर बाढ़ की दहशत बनी हुई है।

Rain Alert in UP Ganga rises 24 cm in 24 hours in Mirzapur Mukti Dham submerged
तेज बारिश से बचने के लिए छाता लगाकर जाता स्कूटी सवार। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

Rain Alert in UP: गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों की बेचैनी बढ़ गई है। शनिवार को 24 घंटे में 24 सेंटीमीटर जलस्तर में वृद्धि हुई। 1.250 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा का पानी चेतावनी बिंदु की ओर बढ़ रहा है। कोन ब्लाक के हरसिंहपुर में स्थित मुक्ति धाम डूब गया है। वहीं, छानबे, कोन, मझवां, सीखड़, नरायनपुर, सिटी, पहाड़ी ब्लाक के लोगों की चिंता बढ़ गई है।

loader
Trending Videos


जिले में चेतावनी बिंदु 76.724 मीटर और खतरे का निशान 77.724 मीटर है। शनिवार को दोपहर 12 बजे गंगा का जलस्तर 71.670 मीटर दर्ज किया गया। एक दिन पहले शुक्रवार को जलस्तर 71.430 मीटर था। इस तरह 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 24 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। 
विज्ञापन
विज्ञापन


शनिवार से चार घंटे में 1.250 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से पानी बढ़ रहा था। कोन ब्लाक के हरसिंहपुर, मल्लेपुर, अनिरुद्धपुर पूरब पट्टी, धौरहरा, खुलूआ, लखनपुर, मवैया, मुजहेरा, कमासिन आदि गांव के किसानों को फसलें डूबने की चिंता सताने लगी है। वहीं, कछवां, बरैनी, अख्तियारपुर, केवटाबीर, बजहां, पसियाही, बिदापुर और धन्नूपुर गांव की तरफ पानी बढ़ने से लोग परेशान हैं। 

सीखड़ ब्लाॅक के धन्नूपुर, पसियाही, बिदापुर, फुलहा, प्रेमापुर, रामगढ़, सीखड़, विठ्ठलपुर, भुवालपुर, कठेरवा, मवैया, मिशिरपुरा, मुंदीपुर, मेड़िया, बसारतपुर, अदलपुरा, रुदौली आदि गांवों में भी लोग सतर्क हो गए हैं।

बाढ़ से निपटने के लिए 37 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। एडीएम अजय सिंह और एसडीएम चुनार राजेश वर्मा ने बाढ़ चौकी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की सलाह दी। इसी प्रकार एसडीएम सदर गुलाब चंद्र ने कोन ब्लाॅक के तटवर्ती गांवों और बाढ़ चौकियों का जायजा लिया।

कुछ आंकड़े

  • चेतावनी बिंदु- 76.724 मीटर
  • खतरे का निशान- 77.724 मीटर
  • 1978 में सबसे ज्यादा था जलस्तर 80.34 मीटर
  • 2024 में अधिकतम जलस्तर था 76.530 मीटर

 

हर साल बाढ़ से हमेशा खतरा बना रहता है। परिवार और पशुओं को बचाने के लिए सुरक्षित स्थान पर ले जाना होगा। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन की कोई तैयारियां नजर नहीं आ रही है। - राकेश यादव, बरैनी।

 

यदि गंगा में इसी तरह से पानी बढ़ता रहा तो, बाढ़ की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बाढ़ आई तो तटवर्ती क्षेत्रों में फसलों को काफी नुकसान होगा। - राजेंद्र यादव, कछवां।

 

गंगा में बाढ़ आने पर फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगी। पिछले साल बाढ़ के बर्बाद हुईं फसलों का मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया। - उमाशंकर, सीखड़।

 

ज्यादातर किसान गंगा की तराई में मक्का, मूंगफली तथा मिर्च की खेती कर रहे हैं। बाढ़ आने पर फसलें बर्बाद हो जाएंगी। प्रशासन को समय रहते ठोस कदम उठाना चाहिए। - घनश्याम यादव, सीखड़।

जोरदार बारिश से नदियों में उफान, बढ़ीं दुश्वारियां
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में शनिवार को सुबह जोरदार बारिश हुई। इससे दुश्वारियां बढ़ गईं। रमईपट्टी-कनौरा घाट तीन किलोमीटर मार्ग कीचड़ से सन गया। गड्ढों में फिसलकर बाइक सवार गिरते दिखे। कुछ इलाकों में नदी और नालों में उफान आने से यातायात ठप हो गया।

शनिवार को बादल छाने और बारिश के बाद भी तापमान दो डिग्री बढ़ गया। अधिकतम 33 तापमान डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकाॅर्ड किया गया। एक दिन पहले शुक्रवार को अधिकतम 31 डिग्री और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस था। कछवां क्षेत्र में बारिश के बाद किसान धान की रोपाई में जुटे रहे। वहीं, कलवारी क्षेत्र के रैकरी मार्ग और गोरथरा संपर्क मार्ग पर कीचड़ की वजह से लोग परेशान रहे।

आठ किमी का चक्कर काट रहे लोग
इमलिया चट्टी-अहरौरा मार्ग पुल निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया। पिछले छह महीने से काम ठप है। ऐसे में शनिवार को सुबह भारी बारिश होने से पहाड़ी नदी में उफान आ गया। विवशता में लोग पानी में उतर कर आवागमन करते रहे। नदी में बाढ़ आने से रामपुर, सक्तेशगढ़, खम्मा जमाती, बलुआ बजाहुर, बन इमलिया, जंगल महल जाने के लिए लोगों को आठ किलोमीटर अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बरसात से पहले पुल तैयार हो गया होता तो ऐसी समस्या नहीं होती।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed