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Muzaffarnagar News: बाढ़ नहीं, किसानों को मिलेगा अतिवृष्टि का मुआवजा
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुजफ्फरनगर
Published by: मेरठ ब्यूरो
Updated Fri, 11 Aug 2023 10:02 AM IST
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सार
मुजफ्फरनगर जनपद के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों के बाढ़ और बारिश से हुए नुकसान के भरपाई प्रदेश सरकार नहीं करेगी। प्रदेश सरकार की बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को मुआवजा देने की सूची में जनपद को शामिल नहीं किया गया है।

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- फोटो : Amar Ujala

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विस्तार
प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर को बाढ़ प्रभावित जिलों में शामिल नहीं किया है। बाढ़ के बजाए, जिले को अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्र माना गया है। प्रशासन के सर्वे में दस हजार से अधिक किसान प्रभावित मिले हैं। किसानों का डाटा प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है।
जिले में सोलानी, हिंडन, काली, नागिन और कृष्णा नदी के पानी से खेतों में घुसकर खूब तबाही मचाई थी। सोलानी और हिंडन नदी क्षेत्र में लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा। मोरना खादर क्षेत्र में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। लोगों को पलायन करना पड़ा था। हजारों बीघा फसलें बेकार हो गईं। किसानों को मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। मगर, प्रदेश सरकार ने जिले को बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया है। इसे अतिवृष्टि वाले जनपदों में शामिल किया गया है। अकेले सदर तहसील के 6215 किसान प्रभावित हुए हैं।
अतिवृष्टि में मिलेगा मुआवजा
एडीएम वित्त गजेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जिले को अतिवृष्टि वाले जिलों में शामिल किया है। किसानों को अतिवृष्टि में ही मुआवजा दिया जाएगा। किसानों का डाटा सरकार की वेबसाइट पर फीडिंग का कार्य चल रहा है।
महीनों में होगी फीडिंग, कब मिलेगा मुआवजा
जिले की तहसीलों में बाढ़ प्रभावित किसानों का डाटा फीड करने का कार्य चल रहा है। शुरू में एक किसान का रिकार्ड फीड करने में 35 मिनट का समय लग रहा था। शासन तक शिकायत करने के बाद अब 20 मिनट लग रही है। करीब दस हजार किसानों का डाटा फीड होने में महीनों का समय लग सकता है। एसडीएम सदर परमानंद झा का कहना है कि डाटा फिडिंग के बाद ही किसानों को मुआवजा मिल पाएगा।
अब तक इनका आया मुआवजा
जनपद में उन 100 परिवारों का मुआवजा आ गया है, जिनके मकान अतिवृष्टि में गिर गए थे। इनमें कुछ का पूरा मकान गिरा है तो कुछ का कुछ हिस्सा गिरा है। दस लोगों की मौत हुई थी, जिनके आश्रितों को पहले ही मुआवजा दिया जा चुका है।
सोलानी में पानी कम होने से ग्रामीणों ने राहत महसूस
पुरकाजी खादर क्षेत्र में सोलानी नदी और रास्तों पर पानी कम होने से ग्रामीणों ने राहत महसूस की है। मगर, गांवों के रास्तों पर बड़े बड़े गड्ढे हो जाने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव रामनगर, रजगल्ला पुर, शेरपुर नगला, रतन पुरी, चमरा वाला, बनारसी वाला, अलमावाला क्षेत्र में रास्तों से पानी कम होने से ग्रामीणों ने राहत तो महसूस की है। ग्रामीण राजू प्रजापति डॉ गुलशन कुमार, साधु राम, छोटेलाल, बिजेंद्र सिंह, यादराम आदि का कहना है कि सोलानी नदी का जल स्तर घटने से जंगलों और खेतों में भरा पानी भी सोलानी नदी में जाना शुरू हो गया है।
बाढ़ के मुआवजे के लिए ट्रैक्टर मार्च आज
बाढ प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए भाकियू शहर में शुक्रवार यानी आज को ट्रैक्टर मार्च निकालेगी। भाकियू जिलाध्यक्ष योेगेश शर्मा ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान से ट्रैक्टर मार्च महावीर चौक, मीनाक्षी चौक, शिव चौक, झांसी की रानी चौक और टाउनहॉल रोड, रेलवे रोड से होते हुए वापस जीआईसी के मैदान तक जाएगा। मार्च में भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत शामिल होंगे।
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जिले में सोलानी, हिंडन, काली, नागिन और कृष्णा नदी के पानी से खेतों में घुसकर खूब तबाही मचाई थी। सोलानी और हिंडन नदी क्षेत्र में लोगों को मुसीबत का सामना करना पड़ा। मोरना खादर क्षेत्र में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था। लोगों को पलायन करना पड़ा था। हजारों बीघा फसलें बेकार हो गईं। किसानों को मुआवजा दिए जाने की प्रक्रिया चल रही है। मगर, प्रदेश सरकार ने जिले को बाढ़ प्रभावित घोषित नहीं किया है। इसे अतिवृष्टि वाले जनपदों में शामिल किया गया है। अकेले सदर तहसील के 6215 किसान प्रभावित हुए हैं।
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अतिवृष्टि में मिलेगा मुआवजा
एडीएम वित्त गजेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार ने जिले को अतिवृष्टि वाले जिलों में शामिल किया है। किसानों को अतिवृष्टि में ही मुआवजा दिया जाएगा। किसानों का डाटा सरकार की वेबसाइट पर फीडिंग का कार्य चल रहा है।
महीनों में होगी फीडिंग, कब मिलेगा मुआवजा
जिले की तहसीलों में बाढ़ प्रभावित किसानों का डाटा फीड करने का कार्य चल रहा है। शुरू में एक किसान का रिकार्ड फीड करने में 35 मिनट का समय लग रहा था। शासन तक शिकायत करने के बाद अब 20 मिनट लग रही है। करीब दस हजार किसानों का डाटा फीड होने में महीनों का समय लग सकता है। एसडीएम सदर परमानंद झा का कहना है कि डाटा फिडिंग के बाद ही किसानों को मुआवजा मिल पाएगा।
अब तक इनका आया मुआवजा
जनपद में उन 100 परिवारों का मुआवजा आ गया है, जिनके मकान अतिवृष्टि में गिर गए थे। इनमें कुछ का पूरा मकान गिरा है तो कुछ का कुछ हिस्सा गिरा है। दस लोगों की मौत हुई थी, जिनके आश्रितों को पहले ही मुआवजा दिया जा चुका है।
सोलानी में पानी कम होने से ग्रामीणों ने राहत महसूस
पुरकाजी खादर क्षेत्र में सोलानी नदी और रास्तों पर पानी कम होने से ग्रामीणों ने राहत महसूस की है। मगर, गांवों के रास्तों पर बड़े बड़े गड्ढे हो जाने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गांव रामनगर, रजगल्ला पुर, शेरपुर नगला, रतन पुरी, चमरा वाला, बनारसी वाला, अलमावाला क्षेत्र में रास्तों से पानी कम होने से ग्रामीणों ने राहत तो महसूस की है। ग्रामीण राजू प्रजापति डॉ गुलशन कुमार, साधु राम, छोटेलाल, बिजेंद्र सिंह, यादराम आदि का कहना है कि सोलानी नदी का जल स्तर घटने से जंगलों और खेतों में भरा पानी भी सोलानी नदी में जाना शुरू हो गया है।
बाढ़ के मुआवजे के लिए ट्रैक्टर मार्च आज
बाढ प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने के लिए भाकियू शहर में शुक्रवार यानी आज को ट्रैक्टर मार्च निकालेगी। भाकियू जिलाध्यक्ष योेगेश शर्मा ने बताया कि राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान से ट्रैक्टर मार्च महावीर चौक, मीनाक्षी चौक, शिव चौक, झांसी की रानी चौक और टाउनहॉल रोड, रेलवे रोड से होते हुए वापस जीआईसी के मैदान तक जाएगा। मार्च में भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत शामिल होंगे।