Pratapgarh : एक साथ उठी दोस्तों की अर्थी, हर आंख हुई नम, आखिरी वक्त तक नहीं छूटा साथ
फल का कारोबार करने वाले शिवम व रामकरन के बीच गहरी दोस्ती हो गई थी। फल का कारोबार एक साथ करते और घर भी समय पर साथ ही लौटा करते थे। उनकी दोस्ती आखिरी समय तक बरकरार रही। पड़ोसियों का कहना है कि उनका अधिक समय एक साथ बी
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फल का कारोबार करने वाले शिवम व रामकरन के बीच गहरी दोस्ती हो गई थी। फल का कारोबार एक साथ करते और घर भी समय पर साथ ही लौटा करते थे। उनकी दोस्ती आखिरी समय तक बरकरार रही। पड़ोसियों का कहना है कि उनका अधिक समय एक साथ बीतता था। यहां तक कि दोनों ने साथ जीने व मरने की कसम भी खाई थी। उनकी एक साथ हुई मौत दोस्ती के लिए मिसाल से कम नहीं है। मानिकपुर घाट पर अंतिम संस्कार के लिए जब दोनों दोस्तों की अर्थी एक साथ उठी तो हर आंखों से आंसू बहने लगा। गमगीन माहौल में दोनों का घाट पर अंतिम संस्कार किया गया।
गरीबी संग दुखों की मार
दुर्घटना में जान गंवाने वाले रामकरन सोनकर का परिवार बेहद दयनीय हालात में जीवनयापन कर रहा है। परिजन के पास पक्का मकान तक नहीं है। झोपड़ी ही उनका सहारा है। दो बहनों की पहले ही बीमारी से मौत हो चुकी है। घर चलाने की जिम्मेदारी रामकरन के कंधों पर थी। पिता रामचंद्र उर्फ रग्घू ने फफकते हुए कहा कि अब घर कैसे चलेगा, कौन हमारा सहारा बनेगा।
शोक में डूबी शिवम की मां
मृतक शिवम की मां आशा देवी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। वह अपनी मां के निधन पर अपने मायके केसरिया गई थीं, तभी बेटे की मौत की सूचना मिली। खबर सुनते ही वह बेसुध होकर गिर पड़ीं। हादसे से पूरा परिवार शोक में है।
बभनपुर में दो युवकों की मौत से पसरा मातम
नगर पंचायत के बभनपुर मोहल्ले के रहने वाले दो युवकों की हादसे में मौत की खबर के बाद मातम पसरा रहा। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। पुलिस को दूसरे दिन भी घटना की तहरीर नहीं दी गई। मानिकपुर थाना क्षेत्र के बभनपुर निवासी 22 वर्षीय शिवम सोनकर मंगलवार को अपने 25 वर्षीय दोस्त रामकरन सोनकर के साथ अपनी नानी के अंतिम संस्कार में शामिल होने कौशांबी के कसेरिया गांव गया था। अंतिम संस्कार के बाद दोनों बाइक से घर लौट रहे थे। साढ़े नौ बजे के करीब मऊदारा गांव के करीब ट्रैक्टर की टक्कर से दोनों की मौत हो गई थी।
बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। मृतक शिवम तीन भाइयों और एक बहन में सबसे छोटा था। पिता नन्हे सोनकर सब्जी बेचकर परिवार का गुजर बसर करते हैं। वहीं, शिवम फल का कारोबार करता था। मृतक रामकरन भी फल के कारोबार से जुड़ा था। तीन भाइयों में वह मझला था और परिवार की भरण पोषण की जिम्मेदारी उसके कंधे पर थी। उसके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे हैं। सीओ अमरनाथ गुप्ता ने बताया कि अभी तहरीर नहीं मिली है। ट्रैक्टर को कब्जे में ले लिया गया है। तहरीर मिलते ही विधिक कार्रवाई की जाएगी।