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    Raebareli News: विवेचना से संतुष्ट नहीं कोर्ट, स्पेशल टीम बनाकर कराएं जांच
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, रायबरेली             
                        
       Updated Fri, 31 Oct 2025 01:36 AM IST
        
       
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                रायबरेली। बहुचर्चित कमला नेहरू एजूकेशन सोसाइटी से जुड़े भूमि घोटाले के मामले में दर्ज कराई गई एफआईआर की विवेचना से कोर्ट संतुष्ट नहीं है। कोर्ट ने स्पेशल टीम बनाकर विवेचना कराने का आदेश दिया है। कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जताई है कि विवेचक की तरफ से तथ्यों के आधार पर विवेचना नहीं की गई है। कोर्ट ने एसपी रायबरेली से सही तरीके से प्रकरण की विवेचना कराकर तीन माह में अवगत कराने को कहा है।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
 
                        
                                                                                      
                   
    
                                                                        
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                                                
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
शहर के सिविल लाइन चौराहा स्थित करीब पांच बीघा भूमि कमला नेहरू एजूकेशन सोसाइटी के नाम दर्ज है। वर्ष 2021 में डीएम के निर्देश पर तत्कालीन एडीएम प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने सदर कोतवाली में प्रशासनिक अधिकारियों और सोसाइटी से जुड़े 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि सोसाइटी के नाम की गई भूमि का फर्जी तरीके से फ्री होल्ड किया गया।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
विवेचक की तरफ से पूर्व एडीएम वित्त एवं राजस्व मदनपाल आर्य, नजूल लिपिक रामकिशुन श्रीवास्तव, कमला नेहरू ट्रस्ट के सदस्य सुनील तिवारी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है। इस प्रकरण से जुड़े पांच आरोपियों की पहले ही मौैत हो चुकी है। चार साल बाद भी इस प्रकरण की विवेचना पूरी नहीं हो पाई है। मामले में राजनीतिक रस्साकसी भी रही। ऐसे में इस अवधि में विवेचक भी बदलते रहे। अब दाखिल की गई चार्जशीट पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए हैं।
                                
                
                
                                
                
                                                                                     
            
                            
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
विवेचना में हुई लापरवाही में करें कार्रवाई
कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में जो भी जांच की जा रही है, वह कानून के अनुरूप हो। साक्ष्य स्पष्ट हों। साक्ष्यों में अगर विशेषज्ञ या कोई कर्मचारी मौजूद हो तो उसको भी शामिल किया जाए। कोर्ट का कहना है कि संपूर्ण विवेचना समग्र रूप से नहीं की गई है। इसमें बहुत सारी कमियां है।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                                                                
                                
                 
                                
                               
                                
                                                 
                
जरूरी है कि एक स्पेशल टीम बनाई जाए, जिसमें विशेषज्ञ और रिटायर कर्मियों को शामिल किया जाए। कोर्ट ने कहा है कि विवेचना से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों के संबंध में विवेचक द्वारा संपूर्ण विवेचना समग्र रूप से नहीं की गई है। पुलिस अधीक्षक से विवेचना में बरती गई शिथिलता के संबंध में संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर न्यायालय को अवगत कराने को कहा।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
         
शहर के सिविल लाइन चौराहा स्थित करीब पांच बीघा भूमि कमला नेहरू एजूकेशन सोसाइटी के नाम दर्ज है। वर्ष 2021 में डीएम के निर्देश पर तत्कालीन एडीएम प्रेम प्रकाश उपाध्याय ने सदर कोतवाली में प्रशासनिक अधिकारियों और सोसाइटी से जुड़े 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि सोसाइटी के नाम की गई भूमि का फर्जी तरीके से फ्री होल्ड किया गया।
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            विवेचक की तरफ से पूर्व एडीएम वित्त एवं राजस्व मदनपाल आर्य, नजूल लिपिक रामकिशुन श्रीवास्तव, कमला नेहरू ट्रस्ट के सदस्य सुनील तिवारी के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई है। इस प्रकरण से जुड़े पांच आरोपियों की पहले ही मौैत हो चुकी है। चार साल बाद भी इस प्रकरण की विवेचना पूरी नहीं हो पाई है। मामले में राजनीतिक रस्साकसी भी रही। ऐसे में इस अवधि में विवेचक भी बदलते रहे। अब दाखिल की गई चार्जशीट पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए हैं।
विवेचना में हुई लापरवाही में करें कार्रवाई
कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में जो भी जांच की जा रही है, वह कानून के अनुरूप हो। साक्ष्य स्पष्ट हों। साक्ष्यों में अगर विशेषज्ञ या कोई कर्मचारी मौजूद हो तो उसको भी शामिल किया जाए। कोर्ट का कहना है कि संपूर्ण विवेचना समग्र रूप से नहीं की गई है। इसमें बहुत सारी कमियां है।
जरूरी है कि एक स्पेशल टीम बनाई जाए, जिसमें विशेषज्ञ और रिटायर कर्मियों को शामिल किया जाए। कोर्ट ने कहा है कि विवेचना से स्पष्ट है कि प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित तथ्यों के संबंध में विवेचक द्वारा संपूर्ण विवेचना समग्र रूप से नहीं की गई है। पुलिस अधीक्षक से विवेचना में बरती गई शिथिलता के संबंध में संबंधित के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई कर न्यायालय को अवगत कराने को कहा।