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UP: आजम को पता था कि उनके खिलाफ आ सकता है फैसला? बोलेरो से पहुंचे जेल... हाथ में थे दो पैकेट बिस्किट और चश्मा

अमर उजाला ब्यूरो, रामपुर Published by: आकाश दुबे Updated Mon, 17 Nov 2025 09:28 PM IST
सार

जेल के गेट पर आजम के साथ उनका बड़ा बेटा अदीब भी था। उसने पिता आजम के कान में कुछ कहा। जेल में दाखिल होने से पहले आजम ने कहा कि कोर्ट का फैसला है। कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है।

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Azam Khan reached jail with two packets of biscuits in his hand
हाथ में दो पैकेट बिस्किट लेकर जेल पहुंचे आजम खां - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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आजम खां को पता था कि कोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आ सकता है। इसलिए वह घर से ही दो बिस्किट के पैकेट लेकर निकले थे। जेल के अंदर जाने के दौरान उनके एक हाथ में दो पैकेट बिस्किट के थे। 

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जेल के गेट के सामने उन्होंने अपने बड़े बेटे को गले लगाया। अब्दुल्ला आजम भी भाई के गले मिले। तीनों इस दौरान भावुक हो गए। पुलिस दोनों को कड़ी सिक्योरिटी में कोर्ट से करीब 400 मीटर दूर बोलेरो से रामपुर जेल लेकर गई। आजम बोलेरो से उतरे तो एक हाथ में चश्मे का केस, दो पैकेट बिस्किट था। फिर अब्दुल्ला गाड़ी से उतरे, उनके खाली हाथ थे। 

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कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई
जेल के गेट पर आजम के साथ उनका बड़ा बेटा अदीब भी था। उसने पिता आजम के कान में कुछ कहा। जेल में दाखिल होने से पहले आजम ने कहा कि कोर्ट का फैसला है। कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है।

लखनऊ नगर निगम से बनाया था फर्जी जन्म प्रमाणपत्र
आजम खां 2017 में नगर विकास मंत्री थे। उन्होंने अपने रसूख के दम पर लखनऊ नगर निगम से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाया था। उसी पत्र के आधार पर फर्जी पैन कार्ड बनवाकर बेटे अब्दुल्ला को चुनाव लड़ाया था। रामपुर कोर्ट का यह फैसला आजम खान के खिलाफ दर्ज 104 मुकदमों में से एक है। अब तक अदालत 11 मामलों में फैसला सुना चुकी है। इनमें से छह मामलों में आजम खां को सजा हो चुकी है। वहीं, पांच मामलों में उन्हें बरी किया गया है। यह सातवां केस था जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई है। 

पांच साल की सजा होती तो छूट सकते थे आजम
आजम खां को अगर पांच साल की सजा होती तो कोर्ट उन्हें जमानत पर छोड़ सकता था। वो पांच साल की सजा पूरी कर चुके हैं। लेकिन इस केस में उन्हें सात साल की सजा हुई है। इस कारण उन्हें जेल जाना पड़ा।

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