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देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा को चलाया गया आंदोलन है आर्य समाज : ओमप्रकाश
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संवाद न्यूज एजेंसी
अंबेहटा। कुल्हेड़ी गांव में चल रहे आर्य समाज के कार्यक्रम का रविवार को समापन हो गया। विद्वानों ने महर्षि दयानंद सरस्वती द्वारा समाज सुधार की दिशा में किए गए कार्यों की चर्चा की। सुबह के समय यज्ञ हुआ। यज्ञमान दिनेश कुमार रहे।
पानीपत से पधारे आचार्य ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज एक आंदोलन है, जो देश, धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए चलाया गया है।
उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कर वेदों का प्रचार प्रसार करके लोगों को पाखंड से बचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती के आने से पहले देश के हालात खराब थे। तथाकथित विद्वानों ने वेद मंत्रों के गलत उच्चारण करके लोगों को बहकाया हुआ था। स्वामी जी ने वेद मंत्रों की सही व्याख्या करके वेदों के वास्तविक स्वरूप से लोगों को अवगत कराया।
शास्त्री ने बताया कि दयानंद सरस्वती की प्रेरणा से ही आजादी के आंदोलन में बड़ी संख्या में आर्य समाज के लोगों ने भाग लिया। भजनोपदेशिका संगीता आर्या व सुरेंद्र कुमार ने भजनों के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया। संचालक सन्नी शास्त्री ने किया। इस दौरान काफी संख्या में महिला व पुरुष मौजूद रहे।

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पानीपत से पधारे आचार्य ओमप्रकाश शास्त्री ने कहा कि आर्य समाज एक आंदोलन है, जो देश, धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए चलाया गया है।
उन्होंने कहा कि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना कर वेदों का प्रचार प्रसार करके लोगों को पाखंड से बचाने का काम किया। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती के आने से पहले देश के हालात खराब थे। तथाकथित विद्वानों ने वेद मंत्रों के गलत उच्चारण करके लोगों को बहकाया हुआ था। स्वामी जी ने वेद मंत्रों की सही व्याख्या करके वेदों के वास्तविक स्वरूप से लोगों को अवगत कराया।
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शास्त्री ने बताया कि दयानंद सरस्वती की प्रेरणा से ही आजादी के आंदोलन में बड़ी संख्या में आर्य समाज के लोगों ने भाग लिया। भजनोपदेशिका संगीता आर्या व सुरेंद्र कुमार ने भजनों के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया। संचालक सन्नी शास्त्री ने किया। इस दौरान काफी संख्या में महिला व पुरुष मौजूद रहे।