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Saharanpur News: अब नहीं टूटेंगे सीवर के ढक्कन 40 टन वजन झेलने की क्षमता
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Tue, 18 Nov 2025 01:19 AM IST
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नगर निगम में रखे एफआरसी से बने सीवर के ढक्कन।
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सहारनपुर। सीएम ग्रिड योजना में बनाई जा रही स्मार्ट रोड की सीवर लाइन के मेन हॉल पर रखे जाने वाले ढक्कन आसानी से नहीं टूटेंगे। दरअसल, जनपद में पहली बार किसी सड़क पर फाइबर से बने ढक्कन लगाने की योजना है, जो निर्माण विभाग ने पास कर दिए हैं। यह ढक्कन 40 टन तक वजन को झेलने की क्षमता रखते हैं।
महानगर में सीवर के ढक्कनों की हालत खराब है। शासन ने एक निजी कंपनी को ढक्कन बदलने का ठेका दिया हुआ है। ढक्कनों की गुणवत्ता ऐसी है कि रखने के कुछ ही दिन बाद वह टूट जाते हैं।
स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनी स्मार्ट सड़कों पर जो ढक्कन रखे गए हैं उनकी भी हालत ठीक नहीं है। कोर्ट रोड पुल से घंटाघर तक की स्मार्ट रोड पर ढक्कन आड़े-तिरछे रखे हैं, जिनकी वजह से छोटे वाहनों खासकर दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी होती है, क्योंकि झटका लगता है, लेकिन कलक्ट्रेट से हकीकतनगर, आईएमए भवन और सदर कोतवाली को होकर दीवानी कचहरी तक बनाई जा रही स्मार्ट रोड पर पर फाइबर के ढक्कन रखे जाएंगे।
ढक्कनों के सैंपल नगर निगम के निर्माण विभाग में रखे हुए हैं, जो अलग-अलग साइज के हैं। इंजीनियर ने बताया कि ढक्कन एफआरसी यानी फाइबर-प्रबलित कंक्रीट के बने हैं, जो एक मिश्रित सामग्री है। इसमें कंक्रीट में रेशे (फाइबर) मिलाए जाते हैं। इसमें स्टील, ग्लास, सिंथेटिक (जैसे पॉलीप्रोपाइलीन) और प्राकृतिक फाइबर का उपयोग किया जाता है। ढक्कन की क्षमता 40 टन तक वजन झेलने की है। ऐसे में यह आसानी से नहीं टूट पाएंगे।
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महानगर में सीवर के ढक्कनों की हालत खराब है। शासन ने एक निजी कंपनी को ढक्कन बदलने का ठेका दिया हुआ है। ढक्कनों की गुणवत्ता ऐसी है कि रखने के कुछ ही दिन बाद वह टूट जाते हैं।
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स्मार्ट सिटी योजना के तहत बनी स्मार्ट सड़कों पर जो ढक्कन रखे गए हैं उनकी भी हालत ठीक नहीं है। कोर्ट रोड पुल से घंटाघर तक की स्मार्ट रोड पर ढक्कन आड़े-तिरछे रखे हैं, जिनकी वजह से छोटे वाहनों खासकर दुपहिया वाहन चालकों को परेशानी होती है, क्योंकि झटका लगता है, लेकिन कलक्ट्रेट से हकीकतनगर, आईएमए भवन और सदर कोतवाली को होकर दीवानी कचहरी तक बनाई जा रही स्मार्ट रोड पर पर फाइबर के ढक्कन रखे जाएंगे।
ढक्कनों के सैंपल नगर निगम के निर्माण विभाग में रखे हुए हैं, जो अलग-अलग साइज के हैं। इंजीनियर ने बताया कि ढक्कन एफआरसी यानी फाइबर-प्रबलित कंक्रीट के बने हैं, जो एक मिश्रित सामग्री है। इसमें कंक्रीट में रेशे (फाइबर) मिलाए जाते हैं। इसमें स्टील, ग्लास, सिंथेटिक (जैसे पॉलीप्रोपाइलीन) और प्राकृतिक फाइबर का उपयोग किया जाता है। ढक्कन की क्षमता 40 टन तक वजन झेलने की है। ऐसे में यह आसानी से नहीं टूट पाएंगे।