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Saharanpur News: 25 फीसदी बढ़े खनिज सामग्री के दाम, निर्माण कार्य अटके
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Wed, 17 Dec 2025 12:36 AM IST
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पुराना कलसिया रोड टूटी हुई।
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सहारनपुर। कलसिया रोड पर वार्ड आठ में लोक निर्माण विभाग द्वारा सीसी रोड बनाई जानी है। टेंडर की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। सड़क का निर्माण नवंबर में शुरू होकर दिसंबर में पूरा होना था, लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। इसकी वजह खनिज सामग्री न मिलना या फिर 20 से 30 फीसदी अधिक कीमत पर मिलना है। ऐसी एक नहीं, अनेक सड़कें हैं, जो खनन सामग्री की किल्लत से प्रभावित हैं, जिनमें गंदेवड़, मलकपुर क्षेत्र की तीन बड़ी सड़कें भी शामिल हैं।
जनपद में बड़े स्तर पर खनिज परिवहन होता रहा है, जिससे न केवल सहारनपुर, बल्कि आसपास के जनपदों की भी खनिज सामग्री की जरूरत पूरी होती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से खनिज परिवहन प्रभावित है। 14 पट्टों को लेकर एनजीअी में मामला विचाराधीन है। इसके अलावा कुछ पट्टों को लेकर ईसी (पर्यावरण मंजूरी) भी नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में केवल एक पट्टा चल रहा है, जो जनपद में खनिज सामग्री की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसकी वजह से लोक निर्माण विभाग की अनेक सड़काें का निर्माण प्रभावित है। नगर निगम, सेतु निगम और सीएंडडीएस आदि को भी काम करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि खनिज सामग्री मिल रही है तो वह 20 से 30 फीसदी अधिक दाम पर मिल रही है। यदि ठेकेदार महंगी खनिज सामग्री खरीदकर काम करते हैं तो उन्हें घाटा होना तय है। क्योंकि जब टेंडर हुए थे, तब खनिज सामग्री आसानी से कम दाम में मिल रही थी।
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घर बनाना हुआ महंगा
खनिज सामग्री महंगी मिलने की वजह से आम आदमी के लिए घर बनाना भी महंगा साबित हो रहा है। जो कोरसेंट या बजरी 80 से 85 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही थी, उसके दाम 110 से 115 रुपये तक पहुंचे हुए हैं। ऐसे में लोगों ने अपने घरों के काम भी रोक दिए हैं। उन्हें खनिज सामग्री के सस्ता होने का इंतजार है।
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14 पट्टों का मामला एनजीटी कोर्ट में विचाराधीन है। कई पट्टे पर्यावरण मंजूरी न मिलने की वजह से रुके हुए हैं। फिलहाल केवल एक पट्टा चल रहा है। इसकी वजह से खनिज सामग्री लोगों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो रही है। दाम भी इसी वजह से बढ़े हुए हैं।
सुभाष कुमार, जिला खनन अधिकारी
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जनपद में बड़े स्तर पर खनिज परिवहन होता रहा है, जिससे न केवल सहारनपुर, बल्कि आसपास के जनपदों की भी खनिज सामग्री की जरूरत पूरी होती थी, लेकिन पिछले कुछ समय से खनिज परिवहन प्रभावित है। 14 पट्टों को लेकर एनजीअी में मामला विचाराधीन है। इसके अलावा कुछ पट्टों को लेकर ईसी (पर्यावरण मंजूरी) भी नहीं मिल रही है। ऐसी स्थिति में केवल एक पट्टा चल रहा है, जो जनपद में खनिज सामग्री की जरूरत को पूरा नहीं कर पा रहा है। इसकी वजह से लोक निर्माण विभाग की अनेक सड़काें का निर्माण प्रभावित है। नगर निगम, सेतु निगम और सीएंडडीएस आदि को भी काम करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि खनिज सामग्री मिल रही है तो वह 20 से 30 फीसदी अधिक दाम पर मिल रही है। यदि ठेकेदार महंगी खनिज सामग्री खरीदकर काम करते हैं तो उन्हें घाटा होना तय है। क्योंकि जब टेंडर हुए थे, तब खनिज सामग्री आसानी से कम दाम में मिल रही थी।
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घर बनाना हुआ महंगा
खनिज सामग्री महंगी मिलने की वजह से आम आदमी के लिए घर बनाना भी महंगा साबित हो रहा है। जो कोरसेंट या बजरी 80 से 85 रुपये प्रति क्विंटल मिल रही थी, उसके दाम 110 से 115 रुपये तक पहुंचे हुए हैं। ऐसे में लोगों ने अपने घरों के काम भी रोक दिए हैं। उन्हें खनिज सामग्री के सस्ता होने का इंतजार है।
14 पट्टों का मामला एनजीटी कोर्ट में विचाराधीन है। कई पट्टे पर्यावरण मंजूरी न मिलने की वजह से रुके हुए हैं। फिलहाल केवल एक पट्टा चल रहा है। इसकी वजह से खनिज सामग्री लोगों को पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं हो रही है। दाम भी इसी वजह से बढ़े हुए हैं।
सुभाष कुमार, जिला खनन अधिकारी
