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Saharanpur: स्कूल के लिए तैयार होते समय गिर पड़ा एलकेजी का बच्चा, अस्पताल में मौत, परिजन बोले- हार्टफेल हो गया
अमर उजाला नेटवर्क, सहारनपुर
Published by: मोहम्मद मुस्तकीम
Updated Tue, 04 Nov 2025 08:39 PM IST
सार
मोहल्ला शेखजादगान में पांच साल का रिहांश सैनी स्कूल जाने के लिए तैयार हो रहा था, तभी अनहोनी हो गई। मां का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मौत होने की बात बताई है।
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रिहांश सैनी की फाइल फोटो।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
नानौता के मोहल्ला शेखजादगान में पांच साल के रिहांश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। परिजनों ने सीएचसी से लेकर शहर के एक निजी अस्पताल में दिखाया, मगर उसकी जान नहीं बच सकी। परिजनों का कहना है कि चिकित्सकों ने बच्चे की मौत हार्टअटैक से होनी बताई है।
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रवि सैनी का बेटा रिहांश सैनी उर्फ नोनू कस्बे के एक स्कूल में एलकेजी में पढ़ता था। मंगलवार सुबह करीब आठ बजे रिहांश स्कूल जाने के लिए कमरे में कपड़े पहनने का गया था। काफी देर बाद तक भी रिहांश बाहर नहीं आया, तो उसकी मां सोनिया कमरे में देखने गई।
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वहां बच्चा बेसुध अवस्था में कमरे के फर्श पर पड़ा था। इसके बाद परिजन बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद भी रिहांश को शहर के एक निजी अस्पताल में ले गए, वहां भी चिकित्सक ने जवाब दे दिया।
बच्चे के पारिवारिक मामा व नगर पंचायत सभासद के पति तेजपाल सैनी ने बताया कि शहर में चिकित्सक ने बच्चे की मौत हार्ट अटैक से बताई है। रवि शादी के बाद मोहल्ला शेखजादगान स्थित अपनी ससुराल में रह रहा है।
बच्चों में कार्डियक अरेस्ट का खतरा
राजकीय मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नईम कुरैशी ने बताया कि हृदय की कई बीमारियां होती हैं। बच्चों की शारीरिक गतिविधि कम होती जा रही है। फास्ट फूड खाने की आदत ने इस जोखिम को काफी बढ़ा दिया है। लंबे समय तक मोबाइल से लगे रहने के कारण भी यह समस्या हो रही है। बच्चों में हृदय रोगों का बढ़ना भविष्य के लिए गंभीर सूचक है। बच्चों के हृदय के लिए भी काफी जोखिमों का कारण हो सकती है।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. नईम कुरैशी ने बताया कि हृदय की कई बीमारियां होती हैं। बच्चों की शारीरिक गतिविधि कम होती जा रही है। फास्ट फूड खाने की आदत ने इस जोखिम को काफी बढ़ा दिया है। लंबे समय तक मोबाइल से लगे रहने के कारण भी यह समस्या हो रही है। बच्चों में हृदय रोगों का बढ़ना भविष्य के लिए गंभीर सूचक है। बच्चों के हृदय के लिए भी काफी जोखिमों का कारण हो सकती है।
इन लक्षणों को हल्के में न लें
जल्दी थकना, रंग नीला पड़ना, दूसरे बच्चों के मुकाबले प्रदर्शन ठीक नहीं होना, बार-बार निमोनिया हो रहा है तो इन लक्षणों को हल्के में न लें। ईको, ईसीजी और एक्सरे जरूर कराएं। इससे बीमारी का समय से पता लगता है।
जल्दी थकना, रंग नीला पड़ना, दूसरे बच्चों के मुकाबले प्रदर्शन ठीक नहीं होना, बार-बार निमोनिया हो रहा है तो इन लक्षणों को हल्के में न लें। ईको, ईसीजी और एक्सरे जरूर कराएं। इससे बीमारी का समय से पता लगता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में दबाव या दर्द होना
- सांस लेने में कठिनाई
- बैचेनी होना
- पसीना आना
- चक्कर आना
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
- सीने में दबाव या दर्द होना
- सांस लेने में कठिनाई
- बैचेनी होना
- पसीना आना
- चक्कर आना
- जी मिचलाना
- उल्टी आना
हार्ट अटैक से बचाव
- स्वस्थ आहार लें
- नियमित व्यायाम करें
- धूम्रपान न करें
- उच्च रक्तचाप, मधुमेह व कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करें
- नियमित जांच कराएं
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- स्वस्थ आहार लें
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- धूम्रपान न करें
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