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सिडनी में यहूदियों पर हुआ हमला मानवता पर हमला : इलियासी
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Tue, 16 Dec 2025 01:28 AM IST
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देवबंद। ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम डॉ. उमैर अहमद इलियासी ने ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में यहूदी समुदाय पर हुए नृशंस हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह हमला यहूदी समुदाय या ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है।
डॉ. उमैर अहमद इलियासी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि सिडनी में बोंडी बीच में हुए हमले में मारने वाले शैतान थे और बचाने वाला मुसलमान। इस घटना को आधिकारिक तौर पर कट्टरता के पश्चात आतंकवादी हमले के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति, करुणा और सलामती का मजहब है। किसी भी प्रकार की कट्टरता, हिंसा और आतंकवाद का इस्लाम में कोई स्थान नहीं है। जो लोग इस प्रकार के जघन्य अपराध करते हैं, उनका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि आगामी जुमा के अवसर पर भारत की तमाम मस्जिदों से सिडनी में मारे गए निर्दोष यहूदी समुदाय के लोगों की आत्मा की शांति के लिए विशेष दुआ की जाएगी। इस्लाम में कट्टर या आतंक की सोच रखने वाले या उसे बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए कोई स्थान नहीं है। इसका पुख्ता प्रमाण पिछले दिनों कश्मीर में हुआ आतंकी हमला था, जिसमें आतंकवादियों को न तो जनाजे की नमाज अदा कराई गई और न ही उन्हें दफनाने की अनुमति दी गई। चीफ इमाम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट किया है कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले और कट्टरता को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों से किसी भी प्रकार की बातचीत या सहयोग संभव नहीं है।
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डॉ. उमैर अहमद इलियासी ने सोमवार को जारी बयान में कहा कि सिडनी में बोंडी बीच में हुए हमले में मारने वाले शैतान थे और बचाने वाला मुसलमान। इस घटना को आधिकारिक तौर पर कट्टरता के पश्चात आतंकवादी हमले के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति, करुणा और सलामती का मजहब है। किसी भी प्रकार की कट्टरता, हिंसा और आतंकवाद का इस्लाम में कोई स्थान नहीं है। जो लोग इस प्रकार के जघन्य अपराध करते हैं, उनका इस्लाम से कोई संबंध नहीं है।
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उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि आगामी जुमा के अवसर पर भारत की तमाम मस्जिदों से सिडनी में मारे गए निर्दोष यहूदी समुदाय के लोगों की आत्मा की शांति के लिए विशेष दुआ की जाएगी। इस्लाम में कट्टर या आतंक की सोच रखने वाले या उसे बढ़ावा देने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए कोई स्थान नहीं है। इसका पुख्ता प्रमाण पिछले दिनों कश्मीर में हुआ आतंकी हमला था, जिसमें आतंकवादियों को न तो जनाजे की नमाज अदा कराई गई और न ही उन्हें दफनाने की अनुमति दी गई। चीफ इमाम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट किया है कि आतंकवाद को संरक्षण देने वाले और कट्टरता को बढ़ावा देने वाले राष्ट्रों से किसी भी प्रकार की बातचीत या सहयोग संभव नहीं है।
